Haryana Roadways Strike: सुबह चार बजे से हो रहा प्रदर्शन, कहीं प्रभावी तो कहीं बेअसर हड़ताल

हरियाणा में विभिन्न ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर सोमवार व मंगलवार को कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे। जिसके चलते बसों का चक्का जाम है, सुबह चार बजे से रोडवेज बस स्‍टैंडों पर प्रदर्शन हो रहा है, कहीं बसें चली हैं तो कहीं बसें नहीं चल पाई हैं, हालांकि निजी बसों का संचालन जारी है। आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

हरियाणा रोडवेज सांझा मोर्चा के पदाधिकारियों के अनुसार सोमवार सुबह से ही बसें बंद कर डिपो पर खड़ी कर दी गईं। हालांकि कर्मचारियों के दावे के उलट कई जगहों से अलसुबह बसें निकली हैं। हिसार डिपो से 125 रोडवेज की ओर 26 किलोमीटर स्कीम की बसें विभिन्न रूटों पर संचालित होती हैं। इन रूटों पर एक दिन में लगभग 18 हजार से अधिक यात्री सफर करते हैं।

इसी प्रकार शहर में सफाई यूनियन के हड़ताल पर जाने से सफाई व्यवस्था नहीं हो सकेगी। सरकारी कार्यालयों में भी कर्मचारियों के न होने से कार्य नहीं हो सकेगा। यही हाल शिक्षण संस्थानों में भी नजर आने की उम्मीद है। हालांकि विभिन्न यूनियनों ने अपना समर्थन जरूर दिया है मगर देखने वाली बात होगी कि हड़ताल की वजह से कितना काम काज प्रभावित रहता है। इसके लिए पिछले एक सप्ताह से यूनियनें अपने-अपने क्षेत्र में प्रचार कर रहीं थी।

सिरसा में राष्ट्रव्यापी हड़ताल का दिखा असर , नहीं चली बसें

सिरसा। विभिन्न कर्मचारी ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर की गई दो दिवसीय हड़ताल का सिरसा में व्यापक असर देखने को मिला सिरसा में रोडवेज बस का पहिया जाम रहा रोडवेज यूनियन के कर्मचारियों व किसान संगठनों से जुड़े प्रतिनिधियों ने मुख्य बस अड्डे के गेट के आगे धरना दिया तड़के करीब 2:00 बजे एक निजी बस को निकालने का प्रयास किया गया जिसका कर्मचारियों ने विरोध किया। सिरसा डिपो से कोई भी बस अपने गंतव्य के लिए रवाना नहीं हुई हालांकि ऐलनाबाद व डबवाली क्षेत्र से एक दो बसें गई हैं। कर्मचारी नेता मदनलाल खोथ , किसान नेता लखविंदर सिंह ने कहा कि दो दिवसीय हड़ताल में सिरसा से रोडवेज बसें पूरी तरह बंद रखी जाएंगी वही बस अड्डा परिसर में पहुंचे विभिन्न यात्रियों ने बताया कि हड़ताल के कारण उन्हें परेशानी हुई है। कर्मचारियों की हड़ताल के चलते सिरसा डिपो पर पुलिस बल भी मौजूद रहा।

बहादुरगढ़ में हड़ताल का असर न के बराबर

बहादुरगढ़। बहादुरगढ़ से अभी तक रोडवेज की 15 बसें निकल चुकी हैं। इनमें चार बस चंडीगढ़, तीन सिरसा, चार गुरुग्राम, एक बादली व अन्य रूटों पर निकली हैं। सब डिपो इंचार्ज सतबीर सिंह ने बताया कि अभी तक दो परिचालकों ने ड्यूटी पर जाने से मना किया है और हड़ताल में शामिल होने की बात कही है। बिजली की सप्लाई भी रात से निर्बाध जारी है।

बिजली निगम स्वचालित रखेगा सप्लाई, खराब होने पर ठीक कराने में होगी दिक्कत

जिलेवासियों को आज यानी सोमवार को बिजली समस्या से जुझना पड़ सकता है। कारण है कि बिजली यूनियनें हड़ताल पर रहेंगी। अगर बिजली कट या फाल्ट हुआ तो उसे ठीक करने वाला कोई नहीं होगा। सभी पहले से ही व्यवस्था कर ले, ताकि सोमवार को परेशानी ना हो। हालांकि, बिजली निगम का दावा है कि बिजली की सप्लाई स्वाचालित रहेगी। अगर कोई फाल्ट या दिक्कत होती है तो उसे ठीक भी करवाया जाएगा। बिजली निगम की सभी यूनियनों ने सर्मथन किया है। आल हरियाणा पावर कारर्पोशन यूनियन से प्रधान विजेंद्र पूनिया का कहना है कि सभी बिजली कर्मी हड़ताल में रहेंगे।

होंटिया और लुवासंटिया कार्यकारिणी ने भी किया हड़ताल का समर्थन

होंटिया व लुवासंटिया कार्यकारिणी की एक संयुक्त बैठक हुई। जिसमें 28 और 29 मार्च को सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के द्वारा घोषित राष्ट्रव्यापी हड़ताल का रहा। इस संबंध में दोनों कार्यकारिणीयों के उपस्थित सभी सदस्यों ने हड़ताल समर्थन किया तथा सर्व कर्मचारी संघ के द्वारा उठाई गई मुख्य मांगे जिनमें पुरानी पेंशन बहाली की मांग, कच्चे कर्मचारियों को पक्का करना, लिपिक वर्ग का वेतनमान बढ़ाए जाना आदि का पुरजोर समर्थन किया तथा सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों का विरोध किया। इसी प्रकार केंद्रीय ट्रेड यूनियन और हरियाणा विश्वविद्यालय कर्मचारी फैडरेशन के आह्वान पर गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय के गैर शिक्षक कर्मचारी कल्याण संघ व कर्मचारी यूनियन ने भी राष्ट्रव्यापी हड़ताल का समर्थन किया।

यह है सर्व कर्मचारी संघ की मांगें

– सरकार कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना लागू करे ।

– सभी विभागों में कार्यरत कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने की कोई नीति बनाई जाए।

– श्रम कानूनों में किए गए बदलाव को वापस ले।

– कच्चे कर्मचारियों को श्रम कानून के तहत मिलने वाली सुविधाएं जैसे विभागों में खाली पड़े पदों पर स्थाई भर्तियां करना, तकनीकी पदों पर कार्यरत कर्मचारियों को तकनीकी वेतनमान देना, समान काम-समान वेतन का फैसला लागू करने आदि मांगों को पूरा किया जाए।

– विभागों का निजिकरण बंद हो।