दिल्ली-एनसीआर समेत देशभर में पेट्रोल और डीजल के दामों में लगातार वृद्धि आने वाले दिनों में आम लोगों के साथ खास वर्ग को भी प्रभावित करने वाली है। यही वजह है कि पेट्रोलियम पदार्थों (पेट्रोल और डीजल) के नियमित बढ़ते दाम से बाजार की चिंता भी बढ़ने लगी है, क्योंकि इससे माल ढुलाई की लागत भी बढ़ रही है। इसका असर सामानों के दाम पर पड़ रहा है। हाल ही के दिनों में कपड़े, आटो उपकरण व प्लास्टिक समेत अन्य उत्पादों के दाम बढ़ते जा रहे हैं। इससे चिंतित व्यापारी केंद्र व राज्य सरकारों से तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग कर रहे हैं। अधिक दिक्कत ट्रांसपोर्टरों को हो रही है। रोजाना डीजल के दाम बढ़ रहे हैं। ऐसे में माल बुकिंग से उसे तय स्थान तक पहुंचाने के बीच ही डीजल के दाम में दो से तीन रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हो जा रही है।
दिल्ली गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र कपूर (Rajendra Kapoor, president of Delhi Goods Transport Association) ने कहते हैं कि केरल सामान पहुंचाने में किसी ट्रक को छह से सात दिन लगते हैं। उतने में डीजल पर खर्च पांच-छह हजार रुपये बढ़ जा रहे हैं। ऐसे में ट्रकों के लाभ पर चोट पहुंच रही है। वह कहते हैं कि बढ़ोतरी एक ही बार कर देनी चाहिए। इससे उनके कारोबार में असमंजस दूर हो जाएगा।
इनके अलावा, दिल्ली हिंदुस्तानी मार्केटाइल एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्रीभगवान बंसल (Shri Bhagwan Bansal, Senior Vice President of Delhi Hindustani Markete Association) की मानें तो माल ढुलाई समेत अन्य कारणों से कपड़े के दाम में तकरीबन 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो चुकी है।
उनका कहना है कि शादी का मौसम आ चुका है, लेकिन इस बढ़ोतरी के चलते उत्साह फीका हो रहा है, क्योंकि ग्राहक पुरानी दर पर कपड़ा लेना चाह रहे हैं। वहीं, आटोमोटिव पार्ट्स मर्चेट एसोसिएशन के अध्यक्ष विनय नारंग कहते हैं कि यही हाल आटो पार्ट्स के दाम में भी है। कार व अन्य वाहनों के उपकरणों के दाम में बढ़ोतरी 30 से 50 प्रतिशत है।