Chaitra Navratri 2022 Ashtami Tithi Shubh Muhurat: चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2022) में पूरे नौ दिन मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की उपासना का विधान है। नवरात्रि में अष्टमी-नवमी का खास महत्व होता है। अष्टमी तिथि को दुर्गा अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। इस साल अष्टमी तिथि शनिवार को पड़ रही है।
गायत्री ज्योतिष के संचालक डा रामराज कौशिक ने बताया की नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथि को कन्या पूजन किया जाता है। नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथि को कन्या पूजन किया जाता है। कई लोग सप्तमी तक व्रत रखते हैं और अष्टमी पूजन करते हैं। वहीं, कुछ लोग अष्टमी तिथि तक व्रत रखकर नवमी पूजते हैं, लेकिन इस बार लोगों को अष्टमी और नवमी तिथि को लेकर काफी कंफ्यूजन रहती है।
आइए जानते हैं कब है अष्टमी तिथि कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त और नियम-
इस साल अष्टमी तिथि शनिवार को पड़ रही है। अष्टमी तिथि को दुर्गा अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि 9 अप्रैल 2022 को है।
प्रारम्भ – 8 अप्रैल रात 11 बजकर 5 मिनट से शुरू
समाप्त- 9 अप्रैल सुबह 1 बजकर 23 मिनट पर समाप्त
अष्टमी पूजा विधि
– अष्टमी तिथि के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें।
– इसके बाद पूजा के लिए साफ कपड़े पहनें।
– पूजा के लिए एक लकड़ी की चौकी पर सफेद रंग का कपड़ा बिछाएं और मां दुर्गा की तस्वीर रखें।
– इसके बाद मां के आगे घी का दीपक जलाएं. फिर फूल और फल अर्पित करें।
– फिर अंत में मां दुर्गा की आरती उतारें।
कन्या पूजा की विधि
पूजन से पहले सभी कन्याओं को एक दिन पहले ही उनके घर जाकर निमंत्रण दिया जाता है। घर में सभी नौ कन्याओं का प्रवेश होने पर उन्हें आरामदायक और स्वच्छ जगह बिठाएं। सभी के पैरों को दूध से भरे थाल में रखकर अपने हाथों से उनके पैर स्वच्छ पानी से धोएं। कन्याओं के माथे पर अक्षत, फूल या कुमकुम लगाएं फिर मां भगवती का ध्यान करके इन देवी रूपी कन्याओं को इच्छा अनुसार भोजन कराएं। भोजन के बाद कन्याओं को अपने सामर्थ्य के अनुसार दक्षिणा, उपहार दें और उनके पैर छूकर आशीर्वाद लें।
इन बातों का रखें ख्याल
– कन्या पूजन के समय ध्यान रखें कि कन्याओं की उम्र 2 वर्ष से कम और 10 वर्ष से ज्यादा ना हो।
– कन्या पूजन के दौरान सभी कन्याओं को पूर्व की ओर मुख करके बैठाएं।
– कन्या पूजन के दौरान एक लड़के को अवश्य बैठाएं। पूजन के दौरान लड़का भैरव बाबा का रूप माना जाता है।
– कन्या पूजन के दौरान बनने वाले प्रसाद में प्याज और लहसुन का इस्तेमाल नहीं किया जाता।
ध्यान रहें कि कन्या पूजन के लिए बनने वाला खाना बिल्कुल ताजा हो।
– कन्या पूजन के दौरान सभी कन्याओं के पैर धोएं. उन्हें आसन पर बिठाएं और उन्हें टीका लगाएं। इसके बाद उनके पैस छूकर आशीर्वाद लें।
डा. रामराज कौशिक ने बताया की शनिवार को चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी की तिथि है। इस दिन मां दुर्गा के आठवें स्वरूप मां महागौरी की पूजा की जाती है। नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा करने से नव ग्रह की भी शांति होती है। दुर्गा अष्टमी शनिवार को होने के कारण कुछ उपायों को अपना कर ग्रहों की अशुभता को दूर किया जा सकता है।
इस दिन राशि के अनुसार इन आसान उपायों को कर सकते हैं
मेष राशि – दुर्गा अष्टमी पर मां दुर्गा को सिंदूर अर्पित करें. इस दिन क्रोध, अहंकार और लोभ आदि से बचने का प्रयास करें और छोटी बच्चियों को उपहार आदि प्रदान करें। ऐसा करने से मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त होगा, तथा ग्रहों की अशुभता से जीवन में आने वाली परेशानियां दूर होंगी।
वृषभ राशि – राहु का गोचर आपकी राशि में हो रहा है। राहु को भ्रम का कारक माना गया है। राहु की अशुभता को दूर करने के लिए दुर्गा महा अष्टमी पर अच्छा संयोग बन रहा है।. इस दिन विवाहित महिलाओं को श्रद्धा पूर्वक भोजन कराएं और श्रृंगार आदि से जुड़ी चीजों को उपहार में दें।
मिथुन राशि – इस दिन विधि पूर्वक मां दुर्गा की पूजा करें, बीज मंत्रों का जाप करें. इस दिन व्रत का भी विशेष पुण्य प्राप्त होता है।
कर्क राशि – दुर्गा अष्टमी का पर्व मातृ शक्ति को भी समर्पित है. छोटी कन्याओं को दुर्गा का स्वरूप माना गया है।. इस दिन छोटी कन्याओं की पूजा करें और उन्हें प्रसन्न रखने का प्रयास करें. इससे शुक्र और बुध ग्रह की अशुभता दूर होती है।
सिंह राशि – मां दुर्गा को लाल पुष्प अधिक प्रिय हैं। दुर्गा अष्टमी पर लाल पुष्प चढ़ाने से मंगल ग्रह की अशुभता को दूर करने में मदद मिलती है।
कन्या राशि – अष्टमी की तिथि पर आपकी राशि में तीन ग्रहों की युति बनी हुई है। बुध, मंगल और सूर्य आपकी ही राशि में गोचर कर रहे हैं. इस दिन मां दुर्गा की प्रिय चीजों का भोग लगाएं और श्रृंगार का सामान भेंट करें। ऐसा करने से ग्रहों की अशुभता दूर होती है।
तुला राशि – दुर्गा अष्टमी पर मां दुर्गा का आशीर्वाद करने के साथ-साथ भगवान गणेश जी की भी कृपा प्राप्त करने का प्रयास करें। इस दिन गणेश जी की पूजा से भी मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं। इससे भी ग्रहों की शुभता में वृद्धि होती है।
वृश्चिक राशि – आपकी राशि में दो ग्रहों की युति बनी हुई है। पाप ग्रह केतु के साथ भोग विलास के कारक ग्रह शुक्र भी गोचर कर रहे हैं।. इस दिन इन ग्रहों की अशुभता को दूर करने के लिए दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।
धनु राशि – चंद्रमा का गोचर आपकी राशि में हो रहा है। इस दिन वृद्ध महिलाओं की सेवा करें, उन्हें उपहार और भोजन प्रदान करें। ऐसा करने से चंद्रमा आदि ग्रहों का दोष दूर होता है।
मकर राशि –शनि और गुरु आपकी राशि में विराजमान हैं। शनि न्याय और गुरु को ज्ञान का कारक माना गया है।. दुर्गा अष्टमी पर मां दुर्गा की पूजा करने और घर में हवन करें. ऐसा करने से नवग्रहों की शांति होती है।.
कुंभ राशि- दुर्गा अष्टमी पर मां दुर्गा की विधि पूर्वक पूजा करें।. महिलाओं को श्रृंगार का समान भेंट करें. इस दिन छोटी बच्चियों को भी उपहार दे सकते हैं।
मीन राशि – दुर्गा अष्टमी पर मां दुर्गा का व्रत रखें और हवन आदि से मां को प्रसन्न करें। इस दिन पूजा में लाल कनेर पुष्प चढ़ाना चाहिए। इससे ग्रहों की अशुता दूर होती है।