उत्तर प्रदेश विधान परिषद में स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्र के चुनाव के बाद अब परिणाम का इंतजार है। 27 सीटों की मतगणना मंगलवार सुबह आठ बजे से शुरू हो गई है। 27 जिलों में एक साथ चल रही मतगणना के दौरान किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से निपटने के लिए सुरक्षा बल तैनात हैं। बैलट पेपर की गिनती के बाद परिणाम आज शाम चार बजे तक आने की उम्मीद है।
आजमगढ़ से भाजपा से निष्कासित यशवंत सिंह के पुत्र निर्दलीय प्रत्याशी विक्रांत सिंह रिशू जीते :आजमगढ़-मऊ सीट से भारतीय जनता पार्टी से निष्कासित पूर्व एमएलसी यशवंत सिंह के पुत्र निर्दलीय प्रत्याशी विक्रांत सिंह रिशू ने जीत दर्ज की है। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी को हराया है। विक्रांत को मैदान में उतारने के कारण ही भाजपा ने इनके पिता पूर्व एमएलसी यशवंत सिंह को छह वर्ष के लिए पार्टी से निकाल दिया है। मंगलवार को आजमगढ़-मऊ स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्र से विधान परिषद सदस्य चुनाव के परिणाम में भाजपा के बागी प्रत्याशी और एमएलसी यशंवत सिंह के पुत्र निर्दलीय प्रत्याशी विक्रांत सिंह रिशू 4076 मत पाकर विजयी हुए। यहां पर भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी पूर्व विधायक अरुणकांत यादव को 1262 और समाजवादी पार्टी के राकेश कुमार यादव को 356 मत मिले हैं। निर्दलीय अंबरीश को मात्र 13 और सिकंदर कुशवाहा को तीन मत मिले। इस सीट पर पहली बार कोई निर्दल प्रत्याशी जीता है।
लखनऊ-उन्नाव सीट पर भाजपा के रामचंद्र प्रधान ने अखिलेश यादव के करीबी को दी शिकस्त : उत्तर प्रदेश विधान परिषद सदस्य के चुनाव में लखनऊ-उन्नाव सीट पर भाजपा के रामचंद्र प्रधान ने जीत दर्ज की है। रामचंद्र प्रधान ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के बेहद करीबी निर्वतमान एमएलसी सुनील सिंह यादव ‘साजन’ को हराया है।
भाजपा प्रत्याशी रामचंद्र प्रधान को 3488 वोट मिले। समाजवादी पार्टी के सुनील सिंह यादव साजन को 400 वोट मिले हैं। यहां पर 88 वोट अवैध घोषित हो गए। भाजपा के रामचंद्र प्रधान के मुकाबले में समाजवादी पार्टी ने निवर्तमान विधान परिषद सदस्य को ही मैदान में उतारा था।
बहराइच से भाजपा प्रत्याशी प्रज्ञा त्रिपाठी को मिली जीत : विधान परिषद सदस्य बहराइच-श्रावस्ती के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी प्रज्ञा त्रिपाठी ने एकतरफा जीत दर्ज की है। भाजपा प्रत्याशी ने 3188 मतों के अंतर से जीत हासिल की है। उन्हें 3369 मत मिले, जबकि निकटतम प्रतिद्वंद्वी अमर यादव मात्र 225 मत प्राप्त कर सके। भाजपा ने इस जीत का श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र माेदी एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बढ़ती लोकप्रियता को दिया है। केडीसी में सात मेजों पर मतगणना की गई।
भाजपा उम्मीदवार प्रज्ञा त्रिपाठी ने पहले ही राउंड निर्णायक बढ़त बना ली थी। 1996 में सुभाष त्रिपाठी के एमएलसी जीतने के बाद भाजपा को अब इस चुनाव में सफलता मिली है। स्थानीय प्राधिकारी क्षेत्र से विधान परिषद सदस्य बहराइच-श्रावस्ती पर लगातार दो बार से समाजवादी पार्टी काबिज थी। पहले कुंवर अरुणवीर सिंह और पिछली बार हाजी इमलाक खां एमएलसी निर्वाचित हुए थे। जिलाधिकारी डा. दिनेश चंद्र और एसपी केशव चौधरी की मौजूदगी में कड़ी सुरक्षा के बीच मतगणना कराई गई। केडीसी के बाहर सैकड़ों की संख्या में भाजपा समर्थकों का जमावड़ा लगा हुआ है।
जौनपुर से भारतीय जनता पार्टी के बृजेश सिंह प्रिंसू ने जीत दर्ज की, सपा प्रत्याशी को 2357 मत से हराया : जौनपुर से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी निर्वतमान एमएलसी भाजपा प्रत्याशी बृजेश सिंह प्रिंसू ने जीत दर्ज की है। प्रिंसू ने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को 2357 मतों से शिकस्त दी। जौनपुर में एमएलसी चुनाव के मतों की गणना दस बजे पूरी हो गई।
इस दौरान भाजपा प्रत्याशी बृजेश सिंह प्रिंसू 2357 मतों से विजयी हुए। हालांकि अभी जिला निर्वाचन अधिकारी की तरफ से अंतिम घोषणा नहीं की गई है। कुल 3961 मतों में भाजपा प्रत्याशी बृजेश सिंह प्रिंसू को 3129 मत तथा समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी डाक्टर मनोज यादव को 772 मत मिले। इसके अलावा निर्दल प्रत्याशी भानू प्रसाद को 11 मत मिले। 51 मत अवैध घोषित किए गए हैं।
अधिकांश जिलों में भाजपा प्रत्याशी आगे तो आजमगढ़ तथा वाराणसी में निर्दलीय प्रत्याशियों ने बढ़त बनाई : विधान परिषद सदस्य के चुनाव की मतगणना के प्रथम चक्र में सीतापुर से भाजपा के पवन सिंह चौहान, रायबरेली से दिनेश प्रताप सिंह, प्रयागराज से केपी श्रीवास्तव, फर्रूखाबाद से प्रांशु दत्त द्विवेदी, प्रतापगढ़ से हरिप्रताप सिंह, सहारनपुर से वंदना वर्मा तथा फतेहपुर से अविनाश सिंह आगे चल रहे हैं। आजमगढ़ से आजमगढ़ से निर्दलीय विक्रांत सिंह रिशु तथा वाराणसी से निर्दलीय अन्नपूर्णा सिंह ने अन्य प्रत्याशियों पर बढ़त बना ली है।
उत्तर प्रदेश में खाली एमएलसी की 36 सीटों पर 27 सीटों के लिए शनिवार को मतदान हुआ था। मंगलवार को इनकी मतगणना हो रही है। उत्तर प्रदेश चुनाव आयोग ने मुरादाबाद, बरेली, शाहजहांपुर, सीतापुर, लखनऊ, रायबरेली, प्रतापगढ़, सुलतानपुर, बाराबंकी, बहराइच, गोंडा, अयोध्या, बस्ती, गोरखपुर, देवरिया, आजमगढ़, बलिया, गाजीपुर, जौनपुर, वाराणसी, प्रयागराज, झांसी, फतेहपुर, फर्रुखाबाद, आगरा, मेरठ व सहारनपुर में मतगणना केंद्र बनाए हैं। सभी 27 जिलों में पहले वैध और अवैध मतपत्रों की गिनती हो रही है। इस प्रक्रिया के बाद विधिवत रूप से मतगणना होगी। अयोध्या कलेक्ट्रेट में मतगणना कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में 12 टेबल पर शुरू हो गई। प्रेक्षक अनामिका सिंह भी मौजूद हैं। यहां पर भाजपा के हरिओम पाण्डेय, समाजवादी पार्टी के हीरालाल यादव तथा निर्दलीय प्रत्याशी नरेन्द्र देव के भाग्य का फैसला दोपहर बाद तक होने की संभावना है। मतगणना स्थल पर निर्वाचन अधिकारी नीतीश कुमार व सहायक निर्वाचन अधिकारी अमित सिंह भी मौजूद हैं। फतेहपुर में कानपुर- फतेहपुर विधान परिषद सीट के लिए कलेक्ट्रेट भवन में सुबह आठ बजे से मतों की गिनती शुरू हो गई है। यहां पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतपेटिकाएं बाहर लाई गईं। यहां भाजपा व सपा के अभिकर्ताओं की मौजूदगी में मतों की छंटनी का काम शुरू हुआ।
बदायूं, हरदोई, खीरी, मिर्जापुर-सोनभद्र, बांदा-हमीरपुर, अलीगढ़, बुलंदशहर और मथुरा-एटा-मैनपुरी जैसे आठ स्थानीय प्राधिकरणों के निर्वाचन क्षेत्रों से नौ एमएलसी निर्विरोध चुने गए हैं। जिसमें मथुरा-एटा-मैनपुरी स्थानीय प्राधिकरण के निर्वाचन क्षेत्र से दो एमएलसी, जबकि बाकी निर्वाचन क्षेत्रों से एक-एक एमएलसी निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं। एमएलसी चुनाव परिणाम आने के साथ ही परिषद में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को बहुमत मिलने की उम्मीद है। सौ सीटों वाली विधान परिषद में वर्तमान में भाजपा के 33 व समाजवादी पार्टी के 17 सदस्य हैं। बसपा व कांग्रेस ने इस चुनाव में हिस्सा ही नहीं लिया था।
अलग होती है मतदान तथा मतगणना की प्रक्रिया : एमएलसी चुनाव में मतदान और मतगणना दोनों की ही प्रक्रिया बाकी चुनाव से अलग होती है। विधान परिषद चुनाव में एक से ज्यादा प्रत्याशियों को वरीयता क्रम में वोट देने का विकल्प रहता है। इसलिए स्थानीय निकाय की 27 एमएलसी सीटों की मतगणना वरीयता (प्रिफरेंशियल) वोटों के आधार पर होगी। प्रथम वरीयता के वोट के आधार पर कोटा का निर्धारण किया जाएगा। कोटा निर्धारण में मान्य वोटों में दो से भाग देकर प्राप्त संख्या में एक अंक जोड़ दिया जाएगा। यानी 100 मान्य वोटों का कोटा 51 निर्धारित किया जाएगा। प्रथम गणना में ही 51 मत या इससे अधिक प्राप्त करने वाले उम्मीदवार को विजेता घोषित कर दिया जाएगा।
यदि प्रथम वरीयता के मतों में किसी प्रत्याशी को कोटा के मत नहीं मिले तो दूसरी व तीसरी वरीयता के वोट गिने जाते हैं। इनकी गिनती तब तक होती है जब तक किसी उम्मीदवार को जीत के लिए जरूरी वोट न मिल जाए। अगर अंत तक बचे दो उम्मीदवारों में भी किसी को कोटा के अनुसार जरूरी वोट नहीं मिले तो चुनाव आयोग ज्यादा वोट पाने वाले को विजेता घोषित कर देगा।