ल्ली-एनसीआर के लोगों को बढ़ती महंगाई से राहत नहीं मिल रही है। गैस सिलेंडर, डीजल-पेट्रोल के दामों ने आम आदमी की कमर तोड़ रखी है। सीएनजी के दाम बढ़ने से अभी तक वाहन चालक ही परेशान थे। लेकिन अब इसका असर आम आदमी पर पड़ने लगा है। डीजल-पेट्रोल के दाम बढ़ने से फल-सब्जी व खाने-पीने की तमाम वस्तुओं के दाम बढ़ गए हैं। वहीं, अब सीएनजी महंगी होने का असर जनता पर दिखने लगा है। दिल्ली-एनसीआर में कैब चालकों ने भी किराए में बढ़ोत्तरी कर दी है। ऐसे में दिल्ली-एनसीआर में कैब में सफर करना अब महंगा हो जाएगा।
ऐप बेस्ड टैक्सी सेवा प्रदाता कंपनी उबर ने सीएनजी के दाम बढ़ने पर किराए में 12 फीसदी इजाफे का ऐलान किया है। कैब का किराया बढ़ने पर गाजियाबाद, नोएडा, हापुड़, फरीदाबाद, सोनीपत आदि के लोगों को सबसे ज्यादा महंगाई की मार झेलनी पड़ेगी। क्योंकि यहां से रोजाना लाखों नौकरी पेशा करने वाले लोग अपना सफर कैब से करते हैं।
दरअसल, पिछले दिनों सीएजी महंगी होने पर वाहन चालकों ने दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन भी किया था। इसमें सर्वोदय ड्राइवर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष रवि राठौर ने कहा था कि दिल्ली-एनसीआर में चार लाख से अधिक चालक हैं, जो सीएनजी की दर कुछ माह में ही दोगुने हो जाने से काफी परेशानी में है। दुखद यह है कि उनको राहत देने के लिए कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। इसलिए वे लोग आंदोलन करने के लिए विवश हुए हैं।
दिल्ली में 2.50 रुपये की बढ़ोतरी के बाद सीएनजी का दाम 69.11 रुपये प्रतिकिलो पहुंच गया है। इसी तरह डीजल का दाम भी 96.67 रुपये प्रति लीटर है। उन्होंने कहा कि कुछ माह पहले तक हम 300 रुपये में पूरा सिलेंडर भराते थे, जो अब 600 रुपये में भर रहा है। जबकि, ओला और उबर जैसी कैब एग्रीगेटर कंपनियां उनका किराया नहीं बढ़ा रही हैं। ऐसे में जेब से पैसा लगाकर कैब चलाना पड़ रहा है। इसी क्रम में कैब चालकों ने किराए में बढ़ोत्तरी का ऐलान किया है।