महाराष्ट्र और गुजरात में ओमिक्रोन के XE वैरिएंट की दस्तक के साथ देशभर में कोरोना रोधी प्रिकाशन डोज (बूस्टर डोज) लगनी शुरू हो गई है। रविवार (10 अप्रैल) से देशभर के सभी 18+ वाले वयस्क स्थानीय केंद्रों पर जाकर बूस्टर डोज लगवा रहे हैं। दिल्ली-एनसीआर के जागरण संवाददाताओं के मुताबिक, प्रिकाशन यानी बूस्टर डोज (Booster Dose) लगवाने वालों में युवा अधिक हैं। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि सरकार ने बूस्टर डोज की अनुमति क्यों दी? इसके क्या लाभ हैं? और बूस्टर डोज लेने के कितने दिनों आप कोरोना वायरस के खिलाफ जंग के लिए तैयार हो जाएंगे? अगर आप भी कोरोना रोधी प्रिकाशन डोज लेने से पहले यह सारी जानकारी चाहते हैं यह स्टोरी जरूर बढ़ें।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की अनुमति के बाद 10 अप्रैल से दिल्ली-एनसीआर समेत देश भर में 18+ को कोरोना रोधी वैक्सीन का बूस्टर डोज यानी प्रिकाशन डोज लगाया जा रहा है। इसके तहत अब उन सभी लोगों को तीसरा डोज लगाया जाएगा, जिन्होंने अब तक कोरोना रोधी टीके के 2 डोज लिए हैं। दिल्ली स्थित इंस्टीट्यूट आफ लिवर एंड बिलिअरी साइंसेस के वीसी (SK Sarin VC of Institute of Liver and Biliary Sciences) डा. एसके सरीन का कहना है कि प्रिकाशन डोज (बूस्टर डोज) 9 महीने के बाद ही लगाया जा रहा है। ऐसे में जिन्हें टीके की दो डोज लग चुकी हैं, उन पर इसका असर लगभग 9 माह से एक साल से रहेगा। उनका यह भी कहना है कि कोरोना रोधी टीके की प्रिकाशन डोज लेने के चार से छह हफ्ते में लोगों की इम्युनिटी काफी अच्छी हो जाएगी। इसके बाद बहुत समय तक अच्छी रहेगी।
विशेषज्ञों की मानें तो कोरोना वायरस अगले कुछ सालों के दौरान भी नहीं जाने वाला है। हां इसका असर धीरे-धीरे कम होता रहेगा। मुश्किल तब होगी जब नया वेरिएंट आ जाए या वायरस का पूरा स्वरूप बदल जाए। इस बात को ध्यान में रखने हुए लोगों को सतर्क रहना होगा। इस लिहाज से सबका टीकाकरण होना जरूरी है। इसके साथ जिन्होंने टीके की दोनों डोज ली है वह प्रिकाशन डोज जरूर लें। इसके साथ वैक्सीन लगवाने के बावजूद मास्क भी लगाए रखना है, संभव तो भीड़ भाड़ वाली जगहों पर अब भी जाने से परहेज करें। शारीरिक दूरी का नियम लंबे समय मानें वह भी मास्क के साथ।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन का कहना है कि फिलहाल निर्देश के तहत ही निजी अस्पतालों में टीके का शुल्क 386 रुपये निर्धारित है। वहीं, सरकारी अस्पतालों में 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, स्वास्थ्य कर्मियों व अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों को निशुल्क सतर्कता डोज दी जा रही है लेकिन 18 से 59 साल की उम्र के लोगों को अभी सरकारी अस्पतालों में सतर्कता डोज नहीं दी जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकारी अस्पतालों में मुफ्त कोरोना रोधी टीके की प्रिकाशन डोज जल्द देनी शुरू की जाएगी।
उधर, कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को सतर्कता डोज देने का अभियान शुरू होने के दूसरे दिन सोमवार को निजी अस्पतालों में पहले दिन के मुकाबले 52.86 प्रतिशत अधिक लोगों को सतर्कता डोज दी गई। हालांकि, निजी अस्पतालों में सतर्कता डोज लेने वालों की संख्या दूसरे दिन भी हजार का आंकड़ा पार नहीं कर पाया। क्योंकि 18 से 59 साल की उम्र के लोगों में अभी सतर्कता डोज के लिए खास उत्साह नहीं दिख रहा है। वहीं दूसरी ओर सरकारी अस्पतालों में 5300 से अधिक बुजुर्गों, स्वास्थ्य कर्मियों व अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों ने निशुल्क सतर्कता डोज ली।
टीकाकरण अभियान से जुड़े स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कहते हैं कि जिन लोगों को दोनों डोज टीका लिए नौ माह से अधिक हो चुके हैं उन्हें सतर्कता डोज ले लेना चाहिए। इसका फायदा यह है कि कोरोना का संक्रमण बढ़ने पर यदि चौथी लहर आती भी है तो गंभीर बीमारी नहीं होगी। टीकाकरण से ही तीसरी लहर में गंभीर बीमारी से बचाव हुआ। पहले दिन 54 निजी अस्पतालों में 481 लोगों ने सतर्कता डोज ली थी। वहीं दूसरे दिन 76 निजी अस्पतालों के 115 टीकाकरण केंद्रों पर टीका लगाया गया। इस दौरान सतर्कता डोज लेने वालों की संख्या 254 अधिक है। इसलिए उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों में सतर्कता डोज लेने वाले 18 साल से अधिक उम्र के लोगों की संख्या बढ़ेगी।
निजी अस्पतालों में सोमवार को कुल टीकाकरण- 2990
- सतर्कता डोज- 735
- पहली डोज- 65
- दूसरी डोज- 2190
सरकारी टीकाकरण केंद्रों में सोमवार को कुल टीका करण- 23,416
- सतर्कता डोज- 5302
- पहली डोज- 3621
- दूसरी डोज- 14,493