सिंगल यूज प्लास्टिक पर एक जुलाई से प्रतिबंध लगाने की एक तरफ तैयारी की जा रही है, जबकि दूसरी तरफ राजधानी के लिए प्लास्टिक कचरा बड़ा खतरा बनता जा रहा है। स्थिति यह है कि राजधानी में प्रतिदिन करीब 632 टन प्लास्टिक कचरा निकल रहा है। यह तथ्य दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) और इंडियन पाल्यूशन कंट्रोल एसोसिएशन (आइपीसीए) द्वारा प्लास्टिक कचरा प्रबंधन पर जारी बुकलेट में सामने आए हैं। इसमें जो आंकड़े दिए गए हैं, उनके मुताबिक महानगरों की स्थिति तो और भी खराब है। यह बुकलेट शुक्रवार को पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने जारी की थी।
बुकलेट के मुताबिक भारत में सालाना 34 लाख टन, जबकि हर रोज 9300 टन प्लास्टिक कचरा निकलता है। वायु प्रदूषण के साथ-साथ दिल्ली इस मामले में भी शीर्ष आठ शहरों में है, यहां रोजाना 632 टन प्लास्टिक कचरा निकल रहा है। इस सूची में पहले पायदान पर महाराष्ट्र, दूसरे पर तमिलनाडु- गुजरात और तीसरे पर बंगाल-कनार्टक है। राजधानी का नंबर छठा है।
वैश्विक स्तर पर प्रति व्यक्ति प्लास्टिक का उपयोग 28 किग्रा है। वहीं भारत में यह प्रति व्यक्ति 11 किग्रा है। अब अगर दिल्ली की बात करें तो यहां हर साल 2,30,525 किग्रा प्लास्टिक कचरा उत्पन्न होता है। यह आंकड़ा प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष 13.5 किग्रा है। विचारणीय पहलू यह है कि सेंटर फार साइंस एंड एन्वायरमेंट (सीएसई) के मुताबिक देश में पिछले तीन दशकों के दौरान प्लास्टिक के उपयोग में 20 गुना बढ़ोतरी हुई है। चिंता की बात यह भी कि इसका 60 प्रतिशत हिस्सा सिंगल यूज प्लास्टिक का है।
यही नहीं, सिंगल यूज प्लास्टिक का 60 प्रतिशत हिस्सा यानी लगभग 1.10 करोड़ मीटिक टन अलग-अलग पैकेजिंग में इस्तेमाल किया जाता है। लगभग 30 लाख मीटिक टन प्लास्टिक अन्य उपयोग में ले लिया जाता है। 75 लाख मीटिक टन से अधिक प्लास्टिक अलग-अलग तरह की परेशानी पैदा करता है। पर्यावरण विभाग द्वारा प्लास्टिक कचरा प्रबंधन पर जारी बुकलेट में जानकारी दी गई है।
- सिंगल यूज प्लास्टिक को रोकने के लिए जागरूकता अभियान जरूरी है, साथ ही जनांदोलन की भी जरूरत है। जब तक अन्य विकल्पों को बढ़ावा नहीं दिया जाएगा, सिंगल यूज प्लास्टिक वस्तुओं को रोकना संभव नहीं है। दिल्ली सरकार सिंगल यूज प्लास्टिक के विकल्पों पर स्टार्टअप शुरू करने वाले को सहायता देगी। इसके लिए कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। सिंगल यूज प्लास्टिक वस्तुओं को रोकने और प्लास्टिक कचरा प्रबंधन अधिनियम के कार्यान्वयन के लिए दिल्ली सरकार ने कई वैकल्पिक माडल को अपनाने के लिए रूपरेखा भी बनाई है। गोपाल राय पर्यावरण मंत्री, दिल्ली
एक जुलाई 2022 से इन 19 आइटमों पर लगेगा प्रतिबंध
प्लास्टिक स्टिक वाले ईयर बड, गुब्बारे में लगने वाली प्लास्टिक स्टिक, प्लास्टिक के झंडे, कैंडी स्टिक, आइसक्रीम स्टिक, सजावट में काम आने वाले थर्माकोल, प्लास्टिक कप, प्लेट, गिलास, कांटा, चम्मच, चाकू, स्ट्रा, ट्रे जैसी कटलरी आइटम, मिठाई के डिब्बों पर लगाई जाने वाली प्लास्टिक, प्लास्टिक के निमंत्रण पत्र, सिगरेट पैकेट और 100 माइक्रोन से कम मोटाई वाले पीवीसी बैनर इत्यादि शामिल हैं।