आतंकियों ने इसी वर्ष मार्च में नांदेड़ में दो आइईडी, तीन ग्रेनेड व तीन पिस्तौल पाकिस्तान में बैठे आतंकी रिंदा द्वारा बताई लोकेशन पर शहरी एरिया में रखी थी। तलाश करने आतंकी गुरप्रीत व उसके भाई अमनदीप को लेकर करनाल पुलिस की टीम पहुंची।
वहां आरोपितों द्वारा निशानदेही कराई गई लेकिन यह सब उस जगह से गायब मिला। टीम दोनों को लेकर करनाल लौट आई और उन्हें वीरवार को अदालत में पेश किया, जहां से न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। उधर जेल में बंद आरोपित आतंकी परमिंदर को पुलिस फिर रिमांड पर लेने की तैयारी में है।
बसताड़ा टोल प्लाजा पर पांच मई को गुरप्रीत, अमनदीप, परमिंद्र सिंंह व भूपिंदर को गिरफ्तार किया गया था। उनसे एक पिस्तौल, 31 जिंदा कारतूस के अलावा विस्फोटक व एक लाख 30 हजार रुपये की नकदी बरामद की गई थी। पुलिस अधीक्षक गंगाराम पूनिया के मुताबिक रिमांड के दौरान इन आरोपित आतंकियों ने माना था कि वे पाकिस्तान में बैठे आतंकी हरविंदर सिंह रिंदा द्वारा भेजे गए विस्फोटक और हथियार एप के जरिए उनकी बताई लोकेशन पर तरनतारन, नांदेड़ में रख चुके हैं। नांदेड़ में दो आइईडी, तीन ग्रेनेड व तीन पिस्तौल मार्च माह में ही रखी थीं जबकि अक्टूबर 2021 में अमृतसर के तरनतारन रोड पर भी विस्फोटक रखा था। चमकौर साहिब में भी तीन आइइडी रखी गई थीं। ऐसे में पुलिस की जांच टीम आरोपितों को लेकर संबंधित ठिकानों पर निशानदेही करा चुकी है।
फिर रिमांड पर लिए गए आरोपित गुरप्रीत व उसके भाई अमनदीप को लेकर पुलिस की जांच टीम तेलंगाना के आदिलाबाद, हैदराबाद भी पहुंची थी तो दो दिन से नांदेड़ लेकर गई थी। यहां निशानदेही कराई गई। बताया जा रहा है बताई गई जगह से विस्फोटक व हथियार गायब मिले। फिलहाल पुलिस मामले में कुछ भी कहने को तैयार नहीं है।
आतंकियों से मिली फर्जी आरसी से जुड़े मामले में मास्टरमाइंड माने जा रहे मेरठ के रहने वाले पवन कुमार का पुलिस अभी तक सुराग नहीं लगा पाई। हालांकि पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है। उम्मीद है कि उसके पकड़े जाने के बाद बड़ा रहस्य खुल सकता है। वहीं इसी मामले में आरोपित नितिन शर्मा व उसके साथी सन्नी उर्फ संदीप को भी जेल भेजा जा चुका है।
पुलिस अधीक्षक गंगाराम पूनिया का कहना है कि चारोंं आरोपित आतंकियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पंजाब में गिरफ्तार आरोपित आकाशदीप, जश्नप्रीत व राजबीर भी करनाल के मुकदमे में भी वांछित है। अभी वहां रिमांड पर है। करनाल पुलिस उनके संपर्क में है। जैसे ही रिमांड वहां खत्म होगा, न्यायालय में प्रोडक्शन वारंट पर लेने के लिए अदालत में एप्लिकेशन लगाई जाएगी।