Karnataka PUC Exam: कर्नाटक के प्री-यूनिवर्सिटी परीक्षा के रिजल्ट जून महीने के तीसरे हफ्ते में होंगे घोषित

कर्नाटक के प्री-यूनिवर्सिटी परीक्षा (PUC Exam) के रिजल्ट जून महीने में घोषित किए जाएंगे। इसकी जानकारी प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने दी। उन्होंने बताया कि पीयूसी परीक्षा (12 वीं कक्षा) के परिणाम जून महीने के तीसरे सप्ताह में घोषित किए जाएंगे।

बता दें कि कर्नाटक पीयूसी परीक्षा 22 अप्रैल से शुरू हुई थी। जो दो पाली में सुबह 10:15 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक आयोजित की गई थी। वहीं क्षेत्र में लगातार बारिश के कारण धारवाड़ जिले के सभी स्कूलों और कॉलेजों में आज छुट्टी घोषित कर दी गई है। दूसरी और कर्नाटक के कई क्षेत्रों में लगातार बारिश से सड़कें जलमग्न हो गई हैं। मुख्यमंत्री बसवराज एस बोम्मई ने भी जलभराव से प्रभावित बेंगलुरु के कई इलाकों का दौरा किया है।

बता दें कि कर्नाटक पीयूसी परीक्षा 22 अप्रैल से शुरू हुई थी। जो दो पाली में सुबह 10:15 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक आयोजित की गई थी। राज्य भर के 1,076 केंद्रों पर पीयूसी परीक्षा में 6.8 लाख (6,84,255) से अधिक छात्र शामिल हुए। वहीं क्षेत्र में लगातार बारिश के कारण धारवाड़ जिले के सभी स्कूलों और कॉलेजों में आज छुट्टी घोषित कर दी गई है। दूसरी और कर्नाटक के कई क्षेत्रों में लगातार बारिश से सड़कें जलमग्न हो गई हैं। मुख्यमंत्री बसवराज एस बोम्मई ने भी जलभराव से प्रभावित बेंगलुरु के कई इलाकों का दौरा किया है।

इससे पहले प्री-यूनिवर्सिटी शिक्षा विभाग, कर्नाटक ने 30 अप्रैल को प्री-यूनिवर्सिटी सर्टिफिकेट (पीयूसी) प्रथम वर्ष परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया था।

हिजाब विवाद को लेकर कर्नाटक हाई होर्ट के आदेश के बाद प्री-यूनिवर्सिटी शिक्षा विभाग ने 2022-23 शैक्षणिक वर्ष से प्री-यूनिवर्सिटी (पीयू) छात्रों के लिए महाविद्यालय विकास समिति द्वारा निर्धारित ड्रेस को अनिवार्य कर दिया है। उसने कहा है कि यदि महाविद्यालय विकास समिति या प्रबंधन कोई ड्रेस निर्धारित नहीं करता है तो भी छात्रों को ऐसे कपड़े पहनने होंगे जो समानता और एकता को बनाए रखें। अकादमिक वर्ष 2022-23 के लिए दाखिले संबंधी दिशा-निर्देशों में यह कहा गया है। हिजाब विवाद को देखते हुए कर्नाटक सरकार ने फरवरी में आदेश जारी कर राज्य के विद्यालयों और प्री-यूनिवर्सिटी महाविद्यालयों के छात्रों के लिए निर्धारित ड्रेस को पहनना अनिवार्य कर दिया था। हाई कोर्ट ने कुछ मुस्लिम छात्राओं द्वारा दायर उन याचिकाओं को 15 मार्च को खारिज कर दिया था, जिसमें कक्षा के अंदर हिजाब पहनने की अनुमति मांगी गई थी।