Garhwal- Kumaoni Cuisines: जब कभी गढ़वाल-कुमाऊं की तरफ जाएं, तो यहां के इन पारंपरिक व्यजनों का स्वाद लेना न भूलें

Garhwal Kumaoni Cuisines: गढ़वाल के लोग अपनी-अपनी परंपराओं को लेकर अलग पहचान रखते हैं। यहां का पहनावा, त्योहार मनाने की तरीका, जिंदगी जीने का ढंग सब में कुछ न कुछ विशेषता जरूर रहती है। यही नहीं, यहां के लोग तरह-तरह के व्यंजन खाने के शौकीन तो होते ही हैं, आवभगत में भी कोई कसर नहीं छोड़ते। अगर आप कभी गढ़वाल-कुमाऊं की तरफ जाएं, तो यहां के पारंपरिक व्यजनों का स्वाद लेना न भूलें।

1. कुमाऊंनी रायता

कुमाऊंनी रायते का लजीज़ स्वाद खाने का जायका तो बढ़ाता ही है, साथ ही यह खाने में खट्टा व तीखा होता है। स्वादिष्ट होने के कारण कुमाऊंनी रायता गढ़वाल-कुमाऊं में समान रूप से पसंद किया जाता है। गढ़वाल में इसे रैलू कहते हैं। कुमाऊंनी रायता बनाने के लिए मिट्टी या लकड़ी के बर्तन में एक-दो दिन पहले सरसों का पाउडर मिलाकर दही जमाने के लिए रखा जाता है। फिर इसमें मूली या ककड़ी को कद्दूकस कर मिलाया जाता है। ऊपर से जखिया का छौंक लगाया जाता है। इस रायते को शादी जैसे समारोह में खासतौर पर परोसा जाता है।

2. भट की चुड़कानी

काले भट से तैयार किया जाता है। इसे चावल के साथ खाया जाता है। इसे बनाने के लिए सबसे पहले घी या तेल में भट के दानों को भूना जाता है, फिर भुने दानों को अलग निकालकर कड़ाही में थोड़ा आटा भूना जाता है। इसके बाद कड़ाही में तेल डालकर इसमें प्याज को अच्छी तरह पकाया जाता है। प्याज के सुनहरा होने पर उसमें भुना भट और आटा मिलाकर थोड़ा गर्म पानी और मसाले डालकर करीब 15-20 मिनट तक पकाना पड़ता है।

3. बाल मिठाई

अल्मोड़ा में मिलने वाली चॉकलेटी बाल मिठाई के चर्चे तो आप सभी ने सुने होंगे और आपने इसका स्वाद भी लया होगा। आपको बता दें यहां जैसा पारंपरिक जायका आपको कहीं और नहीं मिलता। वहीं इसका पारंपरिक जायका आपको सुदूर पहाड़ी पर मिलेगा। वैसे यह चॉकलेटी बाल मिठाई जगह-जगह मिलने लगी है, पर आपको वैसा स्वाद मिलना मुश्किल है। बता दें कि बाल मिठाई काफी न्यूट्रिशयस भी है। इसमें प्रोटीन, कैल्शियम, मैनग्नीशियम, पोटैशियम होता है। बहुत पहले इसे खसखस से कोट किया जाता था, पर अब चीनी के छोटे दानों में बदल दिया गया है।