चंडीगढ़। आय से अधिक संपत्ति के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री और इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला को दिल्ली की अदालत द्वारा चार साल की सजा होने के बाद उनके दोनों बेटों अजय चौटाला और अभय चौटाला की मुश्किलें भी बढ़ गई हैं। अभय चौटाला के मामले की सुनवाई आज है। उनके केस में अभी गवाही हो रही है।
सीबीआइ द्वारा दाखिल आरोपपत्र के अनुसार इनेलो के प्रधान महासचिव और ऐलनाबाद के विधायक अभय चौटाला की संपत्ति वर्ष 2000 से 2005 के बीच आयकर रिपोर्ट में दर्ज 22.89 करोड़ रुपये की कमाई से पांच गुणा अधिक है।
इसी तरह प्रदेश में सत्तारूढ़ गठबंधन सरकार में शामिल जननायक जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय चौटाला की 30 मई को सुनवाई है। आरोप है कि अजय चौटाला के पास उनकी घोषित आय से 339 प्रतिशत अधिक संपत्ति है। मई 1993 से मई 2006 के बीच उनकी वैध आय 8.17 करोड़ रुपये रही।
वहीं, ओपी चौटाला को सजा से दुखी पोते दिग्विजय चौटाला ने कहा कि वह सबके सर्वमान्य नेता हैं। सजा से उनके चाहने वालों को झटका लगा है। वह हमारे आदर्श हैं। यह दुख की घड़ी है। उन्हें हाई कोर्ट जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह सीबीआइ नहीं बल्कि क्रूरल ब्यूरो आफ इंवेस्टीगेशन है। नैना चौटाला ने कहा कि उनकी सेहत और उम्र देखकर रियायत मिलनी चाहिए। वे दिव्यांग है और अब उनके जेल जाने की उम्र नहीं है।
गौरतलब है कि ओमप्रकाश चौटाला और उनके बेटे अजय चौटाला को जेबीटी शिक्षक भर्ती घोटाले में वर्ष 2013 में 10 साल की सजा हुई थी। इसके 2 जुलाई 2021 को उनकी सजा पूरी हुई। परंतु एक साल पूरा होने से पहले ही उन्हें नौ महीने में ही उन्हें दोबारा जेल जाना पड़ा। चौटाला छह साल तक चुनाव नहीं लड़ सकते।
जननायक जनता पार्टी ने अगले कुछ दिनों के लिए अपने राजनीतिक कार्यक्रम स्थगित कर दिए हैं। जजपा महासचिव दिग्विजय सिंह चौटाला ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि देश को लूटने वाले खुले में घूम रहे और कमेरे वर्ग के नेता चौटाला को इतनी कठोर सजा दुर्भाग्यपूर्ण है।
दिग्विजय चौटाला ने कहा कि सजा के फैसले से हम और चौटाला साहब के चाहने वाले सभी समर्थक दुखी हैं। 87 वर्ष के बुजुर्ग व्यक्ति को इतनी कठोर सजा होने से सबको चिंता है, क्योंकि चौटाला साहब विकलांग होने के चलते उनका 90 फीसदी शरीर काम नहीं करता है। उन्होंने कहा कि देश को दोनों हाथों से लूटने वाले लोग विदेश में घूम रहे हैं, जबकि मेहनतकश, कमेरे वर्ग की आवाज ओपी चौटाला पर एक बार फिर से ऐसा फैसला आना मन को दुखी करता है। दस साल की सजा वह पहले भी काट चुके हैं।