पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (पीआइए) का मुख्यालय कराची से इस्लामाबाद के लिए स्थानांतरित कर दिया गया है। इस प्रक्रिया के दौरान पीआइए के करीब आधे कर्मचारियों को नौकरी से हटा दिया गया। हटाए गए ज्यादातर लोग सिंध और बलूचिस्तान प्रांत से संबंधित थे। माना जा रहा है कि यह फैसला राजनीतिक कारणों से लिया गया।
सरकार के इस फैसले के पीछे खुफिया एजेंसी आइएसआइ की मंशा भी मानी जा रही है। कहा जा रहा है कि विरोध की आवाज दबाने के लिए एयरलाइंस का मुख्यालय स्थानांतरित किया गया और सैक़़डों अधिकारी-कर्मचारी निकाले गए। इस प्रक्रिया में 800 कर्मचारी कराची से इस्लामाबाद स्थानांतरित किए गए। इनमें से सिंधी और उर्दू भाषा बोलने वाले कई अधिकारियों-कर्मचारियों ने इस्लामाबाद जाने की जगह ऐच्छिक अवकाश ग्रहण करना उचित माना। उनके अनुसार कराची से ज्यादा महंगे इस्लामाबाद में अन्य स्थितियां भी सकारात्मक नहीं थीं। इसलिए वहां जाना उचित नहीं था।
इससे पहले सरकार समर्थित पीआइए के सीईओ रिटायर्ड एयर चीफ मार्शल अरशद मलिक ने विभिन्न कारणों से 900 कर्मचारियों को अनुशासन संबंधी कार्रवाई में हटा दिया था। इन लोगों को भ्रष्टाचार, फर्जी डिग्री के आधार पर नौकरी लेने और अन्य आरोपों में हटाया गया। पीआइए ऑफीसर्स एसोसिएशन के महासचिव सफदर अंजुम का दावा है कि एयर मार्शल मलिक और उनके नजदीकी लोगों के आवास और परिवार इस्लामाबाद में होने की वजह से एयरलाइंस का मुख्यालय वहां स्थानांतरित किया गया। सफदर के कर्मचारी विरोधी कदमों से इमरान सरकार के खिलाफ लोग हो गए हैं। सरकार लोगों के बीच अलोकप्रिय हो रही है। पीआइए मुख्यालय स्थानांतरित करने के लिए संसद की मंजूरी जरूरी थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सरकार के एक औपचारिक आदेश से मुख्यालय स्थानांतरित कर दिया गया।