देश की राजधानी में पालम स्थित इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (आइजीआइ) एयरपोर्ट पर यात्रियों के लिए जल्द ही आरएफआइडी (रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन) तकनीक पर आधारित बैगेज सर्विस शुरू होगी। आइजीआइ इस तकनीक का इस्तेमाल करने वाला देश का पहला एयरपोर्ट होगा। इससे यात्रियों का समय बचेगा, जिसकी आज लोगों को सबसे ज्यादा जरूरत है।
दिल्ली एयरपोर्ट के अधिकारियों के मुताबिक, आरएफआइडी (रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन) तकनीक पर आधारित बैगेज सर्विस के तहत यात्रियों के बैगेज पर एक टैग लगाया जाएगा। इस टैग की मदद से यात्री अपने बैगेज की स्थिति का पता लगा सकेंगे। वे यह पता कर सकेंगे कि अभी उनका सामान बेल्ट पर कहां है।
देश में इस तकनीक का इस्तेमाल करने वाला पहला एयरपोर्ट होगा
जाहिर कि इस तकनीक से निगरानी में आसानी से के साथ बैगेज के प्रति अनिश्चितता की स्थिति नहीं होगी। आइजीआइ का प्रबंधन देखने वाली एजेंसी डायल के मुताबिक अभी पायलट परियोजना के तौर पर टर्मिनल-3 पर यह चुनिंदा लोगों के बैगेज पर इस तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। अभी तक के नतीजे को देखते हुए इसे जल्द ही व्यावसायिक तौर पर शुरू करने का निर्णय लिया गया है। दिल्ली एयरपोर्ट इस तकनीक का इस्तेमाल करने वाला देश का पहला एयरपोर्ट होगा। फिलहाल चुनिंदा बैगेज पर ही इस तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है।
व्यस्त समय में यात्रियों को होती है दिक्कत
व्यस्त समय के दौरान बैगेज बेल्ट के आसपास यात्रियों की भीड़ जुटी रहती है। कई यात्री अपने बैगेज के इंतजार में काफी देर तक खड़े रहते हैं। लेकिन नई तकनीक आधारित सेवा के शुरू होने पर यात्रियों को बेल्ट के नजदीक खड़ा रहने की जरूरत नहीं रह जाएगी। जैसे ही वे इस सेवा के लिए रजिस्टर करेंगे उनके पास संदेश आने शुरू हो जाएंगे। इसमें बैगेज की पूरी जानकारी के साथ रियल टाइम लोकेशन भी साझा किया जाएगा। इससे यात्री तय समय पर बेल्ट से अपना बैगेज ले सकेंगे। भीड़ प्रबंधन में भी काफी आसानी होगी।