कोरोना वैक्सीन साइबर शातिरों का नया हथियार हो सकता है। वैक्सीन लगाने के लिए पंजीकरण के नाम पर वह लोगों को अपने जाल में फांस उनका बैंक बैलेंस निल कर सकते हैं। इसकी आशंका के चलते आगरा पुलिस ने एडवाइजरी जारी की है। लोगों से अनजान नंबरों से अाने वाले फोन काल रिसीव नहीं करने की कहा है। कोरोना संक्रमण काल में सर्जीकल उपकरणों, सैनिटाइजर और मास्क के नाम आगरा जिले में पहले चरण में सरकारी और निजी अस्पतालों के 18901 लोगाें को कोरोना वैक्सीन लगाई जानी है। वैक्सीन लगाने से पहले स्वास्थ्यकर्मियों का ब्यौरा दर्ज किया जाएगा। जिले की आबादी 42 लाख से ज्यादा है। जबकि शहर की आबादी करीब 20 लाख है। ऐसे में कोरोना संक्रमण से बचने के लिए ज्यादातर लोग वैक्सीन लगवाने का प्रयास करेंगे। साइबर शातिर इस मौके का फायदा उठाने का प्रयास कर सकते हैं। वह लोगों को वैक्सीन लगाने के लिए रजिस्ट्रेशन कराने का झांसा देकर उनके आधार कार्ड का नंबर ले सकते हैं। आधार लोगों के बैंक खातों से लिंक होता है।पर साइबर शातिरों द्वारा दर्जनों लोगों से ठगी के मामले में सामने आए थे।इसकी मदद से साइबर शातिर खातों में सेंध लगाकर लोगों को ओटीपी भेज सकते हैं। उनसे रजिस्ट्रेशन के नाम पर ओटीपी पूछकर बैंक खाते से रकम निकाल सकते हैं। आगरा पुलिस की एडवाइजरी के अनुसार कोरोना वैक्सीन रजिस्ट्रेशन के नाम पर अज्ञात नंबर से आने वाले फोन नंबराें को रिसीव नहीं करें। रजिस्ट्रेशन के नाम पर आपका आधार कार्ड नंबर मांगा जाएगा, फिर कहेंगे कि आपके मोबाइल फोन पर ओटीपी आयेगा वो हमको बताओ आपका रजिस्ट्रेशन हो जाएगा। वैक्सीन आपको जल्द मिल जाएगी। आपके ओटीपी बताते हुए आपका बैंक खाता खाली हो सकता है। इसलिए सतर्क रहेें।कोरोना वैक्सीन लगाने के लिए रजिस्ट्रेशन के नाम पर साइबर शातिर लोगों से उनके आधार कार्ड समेत अन्य व्यक्तिगत जानकारी मांग कर उनका बैंक खातों में सेंध लगा सकते हैं। लोगों को सतर्क करने के लिए एडवाइजरी जारी की है।