नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की पूछताछ के तीसरे दिन भी दिल्ली की सड़कों पर हरियाणा के कांग्रेस नेता सक्रिय रहे। गुरुग्राम, फरीदाबाद सहित सोनीपत और रोहतक से आए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पार्टी मुख्यालय की ओर कूच किया तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया। अलग-अलग स्थानों पर पुलिस ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया। इसके बाद अलग-अलग थानों में उन्हें शाम तक रखा।
हरियाणा के कांग्रेस ज्यादातर नेताओं के बीच राहुल गांधी के समर्थन में गिरफ्तारी देने की होड़ लगी थी। पिछले दो दिनों की तरह तीसरे दिन भी दिल्ली की सड़कों पर ज्यादातर संभावित टिकटार्थी अपने समर्थकों के साथ पहुंचे थे। वह अपने समर्थकों को समझा रहे थे कि पुलिस के साथ झड़प, वाद-विवाद सहित गिरफ्तारी से लेकर बस और थाने में बैठाए रखने की फोटो और वीडियो सहेजकर रखनी होगी। टिकट के दौरान यह संघर्ष काफी काम आएगा।
दिल्ली पुलिस ने राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा को उनके आवास पर ही नजरबंद रखा। यहां दीपेंद्र के साथ विधायक इंदुराज नरवाल सहित अनेक कार्यकर्ता मौजूद थे। दीपेंद्र के 15 तालकटोरा लेन आवास के आगे दिल्ली पुलिस ने सुबह ही अवरोध खड़े कर दिए थे। इससे दीपेंद्र और अन्य कार्यकर्ता आवास से बाहर नहीं जा सके। दीपेंद्र ने बाद में दिल्ली पुलिस के जवानों के लिए जलपान की व्यवस्था कराई।
एनआइटी फरीदाबाद से कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा ने इंडिया गेट के समक्ष सुंदरकांड का पाठ किया। करीब 30 लोगाें के साथ सड़क किनारे एक ग्रीन बेल्ट में बैठकर जब नीरज शर्मा सुंदरकांड पाठ कर रहे थे तो अनेक पुलिस कर्मी मौके पर पहुंच गए। नीरज के साथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुमित गौड़ और जगन डागर भी थे।
पुलिसकर्मियों ने सुंदरकांड के दौरान नीरज शर्मा व उनके साथियों को भी मौके से हटाने के लिए आग्रह किया। प्रदेश कांग्रेस महासचिव बलजीत कौशिक को पुलिस हिरासत में लेकर अशोक नगर थाने ले गई।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के चेयरमैन कैप्टन अजय यादव जब पार्टी कार्यालय की तरफ बढ़े तो पुलिस ने उन्हें रोक लिया। इस पर कैप्टन पुलिस के ऊपर झल्ला गए। कैप्टन बोले कि अपने कार्यालय अकेले जा रहे हैं, फिर भी पुलिस उन्हें रोककर हिरासत में लेना चाहती है। यह गलत है।
वह एक पुलिस कर्मी द्वारा तू शब्द का इस्तेमाल करने पर उखड़ गए और अपने कंधे पर हाथ मारते हुए कहा कि वह किसी से नहीं डरते। वे यदुवंशी हैं। उनके पिता विधायक रहे, वे खुद छह बार विधायक रहे और अब उनका बेटा विधायक है। कैप्टन के रूप को देखकर पुलिसकर्मियों ने चुप्पी साध ली।
” प्रवर्तन निदेशालय एक बड़े मामले की जांच कर रहा है। यह कोई प्रतिशोध नहीं है। जांच में राहुल गांधी को सहयोग करना चाहिए। यदि वे जांच से संतुष्ट नहीं हैं तो उन्हें न्यायालय का सहारा लेना चाहिए। हम पूछना चाहते हैं कि कांग्रेसियों का विरोध क्या जांच प्रभावित करने के लिए हो रहा है।