उत्तर प्रदेश में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को मजबूती से तैयारी में जुटी भारतीय जनता पार्टी ने अपने पदाधिकारियों को मैदान में उतरने की छूट दे दी है, परंतु इच्छुक नेताओं को संगठन का पद छोडऩा होगा। जिलों में चुनाव लड़ने के मजबूत दावेदारों को तलाशने के लिए वरिष्ठ नेताओं को ग्रामीण क्षेत्रों में प्रवास करने को कहा गया है।
पंचायत चुनाव को विधानसभा निर्वाचन का पूर्वाभ्यास मान रही भारतीय जनता पार्टी ने ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी पकड़ बढ़ाने का माध्यम भी मान लिय है। चुनाव समिति की बैठक में अधिक से अधिक कार्यकर्ताओं को मैदान में उतारने का फैसला लिया गया। चुनाव लड़ने के इच्छुक मजबूत दावेदारों के नाम जुटाने को कहा गया है।
इच्छुक मजबूत दावेदारों की तलाश : सूत्रों का कहना है कि मोदी इफैक्ट के चलतेे गांवों में पैठ बना चुकी पार्टी को मजबूती देने का काम किया जाएगा। इसलिए पंचायत व सहकारी संस्थाओं में भाजपाइयों की भागीदारी बढ़ाने की कार्ययोजना पर काम हो रहा है। इसी के चलते सहकारी संस्थाओं से लगातार समाजवादी पार्टी और कांग्रेस समर्थकों को किनारे करके भाजपाइयों की तैनाती जारी है। पंचायत चुनाव की रणनीति में ग्राम, क्षेत्र और जिला पंचायतों में अधिक से अधिक पदों पर कार्यकर्ताओं को लड़ाने की योजना बनी है। जिलों में चुनाव लड़ने के इच्छुक मजबूत दावेदारों के नाम जुटाने को कहा गया है।
संचालन समिति सदस्य नहीं लड़ सकेंगे चुनाव : अधिकतम कार्यकर्ताओं को चुनाव में आजमाने के लिए पदाधिकारियों को उम्मीदवार बनाने पर सहमति बनी, परंतु परिजनों को मौका नहीं दिया जाएगा। इसके अलावा जिला, क्षेत्र व प्रदेश में बनी पंचायत चुनाव संचालन समिति के सदस्यों व संयोजकों को खुद चुनाव लड़ने की मनाही है।
प्रदेश मथने को प्रभारी राधा मोहन सिंह ने डाला डेरा : अगले वर्ष विधानसभा चुनाव से पहले सूबे में होने जा रहे पंचायत चुनाव को भी भाजपा पूरे दमखम के साथ लड़ेगी। चुनाव के मद्देनजर पार्टी के प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह ने खुद भी सूबे में डेरा जमा लिया है। उनका कहना है कि जब से केंद्र में मोदी सरकार है, तब से उत्तर प्रदेश के गांवों के लिए कहीं अधिक धनराशि दी गई है। राज्य की योगी सरकार भी गांवों के लिए खूब पैसा दे रही है। ऐसे में गांवों के चौमुखी विकास के लिए जरूरी है कि पंचायती राज व्यवस्था में ग्राम प्रधान से लेकर जिला पंचायत अध्यक्ष तक के पद की कमान कुशल हाथों में रहे।