सामान को रिटर्न करने का ट्रेंड बढ़ा:ऑनलाइन शॉपिंग में सबसे ज्यादा 50% कपड़े वापस करने का क्रेज, कोविड काल में और बढ़ा चलन

ग्राहकों के ऑनलाइन शॉपिंग में खरीदे सामान को वापस करने के बढ़ते ट्रेंड को निराश करने के लिए रिटेलर मॉडर्न टेक्नोलॉजी को आजमा रहे हैं। रिटर्न की बढ़ती लागत ने उन्हें इस तरह के कदम उठाने के लिए मजबूर कर दिया है। वे ग्राहकों की ऑनलाइन खरीदी में और ज्यादा टेक्नोलॉजी सॉल्यूशन दे रहे हैं जिससे वे आयटम का बेहतर चुनाव कर सकें। जैसे बॉडी स्कैनिंग मशीन, अवतार, वीडियो, फोटो के जरिये आयटम की बेहतर जानकारी देना।

ऑनलाइन खरीदे गए सामान को लौटाने का ट्रेंड कपड़ों में 50% तक
आयटम ऑनलाइन खरीदे गए सामान को लौटाने का ट्रेंड वैसे तो सभी तरह के आयटमम्स में है लेकिन कपड़ों में यह 50% तक है। कोविड काल में आयटम ऑनलाइन शॉपिंग के साथ ही वापसी का ट्रेंड बढ़ा है। जिगजैग ग्लोबल के रिटर्न्स स्पेशलिस्ट अल गैरी का कहना है कि अब 40% से ज्यादा शॉपर्स आयटम अर्डर देते समय कम से कम एक आयटम वापस करने की सोच रखते हैं जो कि कोविड के पहले 30% था। उनका कहना है कि लोग लॉकडाउन में आयटम ऑनलाइन शॉपिंग को लेकर आयटम और सहज हुए हैं।

ब्रिटेन में सामान वापस के ट्रेड का 2025 तक 9% की बढ़ोतरी का अनुमान
ग्लोबल डेटा के एनालिस्ट के मुताबिक 2020 में ब्रिटेन में 59,618.51 करोड़ रुपए कीमत के प्रोडक्ट्स ग्राहकों ने वापस कर दिए। 2025 तक इसमें 9% की बढ़ोतरी का अनुमान है। कोविड लॉकडाउन खत्म होने के बाद खासकर परिधानों में नए ट्रेंड आयटम आने के बाद ग्राहकों ने एक किस्म के दो प्रोडक्ट आयटम ऑर्डर करने आयटम और आयटम अजमाने के बाद कोई एक वापस करना शुरू कर दिया। ग्लोबल डेटा के पैट्रिक आयटम ओ ब्राएन का कहना है कि दुनिया में महंगाई बढ़ने के कारण ग्राहक अपनी खरीद को लेकर आयटम और ज्यादा चूजी हो गए हैं।

रिटर्न से बढ़ रहा कचरा, 5% ड्रेस दोबारा बेचे जाने की हालत में नहीं होते
रिटर्न सामान में से 50 से 80% तक ही तुरंत बेचने लायक हाेता है। रिटर्न किए गए 5% ड्रेस दोबारा बेचे जाने की हालत में नहीं होते। बाकी कोरी-प्रोसेस के लिए भेजा जाता है आयटम और वहां से चेरिटी आयटम और थोक आयटम ऑनलाइन विक्रेता या शोरूम से बेचने के लिए भेजा जाता है। रिटर्न होने वाला बिजली का करीब 15% सामान बेकार हो जाता है जिसे डिस्पोज करना पड़ता है। ब्राएन का कहना है कि व्यवहार में बदलाव जरूरी है क्योंकि रिटर्न से बहुत कचरा पैदा हो रहा है जो पर्यावरण के लिए नुकसानदेह है।

हर साल 1.5 करोड़ टन कार्बन उत्सर्जन हो
मार्क्स एंड स्पेंसर ग्राहकों को अपने शरीर की ऊंचाई, वजन, उम्र आयटम स्टाइल की पसंद बताने जैसे इनपुट देने का मौका देता है। सामान रिटर्न करने से न केवल उनके मुनाफे पर बुरा असर पड़ रहा है बल्कि इससे पर्यावरण को भी नुकसान हो रहा है। कार्बन उत्सर्जन बढ़ रहा है। लॉजिस्टिक फर्म आयटम अप्टोरो का कहना है कि रिटर्न सामानों के परिवहन से हर साल 1.5 करोड़ टन कार्बन उत्सर्जन हो रहा है। यह 30 लाख कारोड़ के कार्बन उत्सर्जन के बराबर है।