बच्चों को मेडिटेशन में रुचि नहीं:ब्रिटेन में 80% स्कूली बच्चे हो जाते हैं बोर, जबकि 5 में से 4 टीचर्स को इससे फायदा

डिप्रेशन का सामना कर रहे ब्रिटेन के स्कूली बच्चों के लिए मेडिटेशन की क्लासेज शुरू की गईं। इसे माइंडफुलनेस ट्रेनिंग का नाम दिया गया। इसमें बच्चों को दिमाग को केंद्रित रखने के लिए स्पेशल क्लासेस रखी गईं। लेकिन ब्रिटेन में सरकार ने जब मांइडफुलनेस ट्रेनिंग के परिणाम जांचने के लिए शोध किया तो चौंकाने वाले नतीजे सामने आए।

10 में से 8 बच्चे हो गए बोर

माई रेजिलिएंस इन ऐडोलेसेंस (मैरियाड) के शोध के अनुसार ब्रिटेन के किशोरवय के 10 में से 8 स्कूली बच्चों ने इन क्लासेज के प्रति बोरियत का इजहार किया। उनका कहना था कि उनकी इसमें कोई रुचि नहीं है और वे घर जाकर इसकी ट्रेनिंग भी नहीं करते हैं। शोध में ब्रिटेन के लगभग 100 से ज्यादा स्कूलों के 28 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स और 650 टीचरों को शामिल किया गया।

क्लास का फायदा टीचर्स को हुआ

शोध में सामने आया कि मुख्य रूप से बच्चों के लिए शुरू की गई ट्रेनिंग का फायदा बच्चों की बजाय टीचर्स को हुआ है। टीचर्स यह ट्रेनिंग घर और स्कूल में लगातार करते हैं, इस कारण उनका मानसिक स्वास्थ्य पहले से ज्यादा अच्छा हुआ। उन्हें यह ट्रेनिंग करने से बर्नआउट की समस्या से भी निजात मिली है।

ब्रिटिश साइकोलॉजिकल सोसाइटी के डॉ. डैन ओ हारे का कहना है कि शोध में सामने आए नतीजों के अनुसार माइंडफुलनेस ट्रेनिंग के मॉडल को बदलने की जरूरत है। जिससे कि छात्रों को भी इसका फायदा मिल सके। डॉ. हारे का कहना है कि सुधार किए बिना इन क्लासेज का फायदा नहीं मिलेगा।

ब्रिटेन की एक चौथाई आबादी डिप्रेशन का शिकार है

एक शोध के अनुसार ब्रिटेन की लगभग एक चौथाई आबादी डिप्रेशन का शिकार है। ब्रिटेन की लगभग 7 करोड़ की आबादी के लिए नेशनल हेल्थ स्कीम के तहत मेंटल हेल्थ के लिए स्पेशल बजट भी जारी किया जाता है। इसके बावजूद अवसाद की समस्या जस की तस बनी हुई है।