फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं नूपुर शर्मा:गिरफ्तारी पर रोक की मांग, कहा- आपकी टिप्पणी से जान को खतरा और ज्यादा बढ़ा

पैगंबर मोहम्मद साहब पर बयान देकर विवादों में घिरी भाजपा के पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंची हैं। शर्मा 8 राज्यों में उनके खिलाफ दर्ज केस को एक जगह ट्रांसफर करने की मांग की है।

मंगलवार को याचिका पर जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस बी पादरीवाला की बेंच सुनवाई करेगी। शर्मा इससे पहले 1 जुलाई को भी याचिका दाखिल कर राहत की मांग की थी, मगर कोर्ट ने सुनने से इनकार कर दिया था।

नूपुर शर्मा की नई याचिका में क्या है?
नूपुर की ओर से दाखिल नई याचिका में कहा गया है कि कोर्ट की टिप्पणी के बाद उनकी जान का खतरा और अधिक बढ़ गया है। ऐसे में उनके खिलाफ 8 राज्यों में दर्ज मुकदमे में गिरफ्तारी से राहत दी जाए। याचिका में केंद्र के अलावा महाराष्ट्र, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, जम्मू-कश्मीर और असम को पक्ष बनाया गया है।

कोलकाता पुलिस कर चुकी है लुकआउट नोटिस जारी
2 जुलाई को ही कोलकाता पुलिस नूपुर शर्मा के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर चुकी है। अमहर्स्ट स्ट्रीट थाने में दर्ज FIR पर नूपुर पूछताछ के लिए पेश नहीं हुई थीं, जिसके बाद नोटिस जारी किया गया था। वहीं महाराष्ट्र और तेलंगाना पुलिस भी नूपुर से पूछताछ करना चाहती है।

सुप्रीम कोर्ट ने की थी सख्त टिप्पणी

1 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में नूपुर शर्मा ने याचिका दाखिल कर राहत की मांग की थी, जिससे कोर्ट ने सुनने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए सख्त टिप्पणी भी की थी। कोर्ट ने कहा- ‘आपके चलते देश की स्थिति बिगड़ी हुई है। आपने देर से माफी मांगी, वह भी शर्त के साथ कि अगर किसी की भावना आहत हुई हो तो बयान वापस लेती हूँ। आपको राष्ट्रीय टीवी पर आकर पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए।’

दिल्ली पुलिस के पर भी उठाया था सवाल
नूपुर के वकील कोर्ट में सभी केस को दिल्ली ट्रांसफर करने की मांग कर रहे थे, जिस पर कोर्ट ने दिल्ली पुलिस के कामकाज पर ही सवाल उठा दिया था। कोर्ट ने कहा था- दिल्ली में दर्ज FIR में क्या कार्रवाई हुई है? यहां तो शायद आपके लिए पुलिस ने रेड कार्पेट बिछा रखा है? आप हर राज्य की हाई कोर्ट में जाकर अपनी बात रखिए, निचली अदालत से जमानत लीजिए।

भाजपा ने की थी नूपुर शर्मा पर कार्रवाई

27 मई को एक टीवी डिबेट में नूपुर शर्मा ने पैगंबर पर विवादित टिप्पणी की, जिसके बाद देशभर में उनके बयान का विरोध शुरू हो गया। वहीं कुछ इस्लामिक देशों ने भी आपत्ति जताई। इधर, भाजपा ने नूपुर के बयान से खुद को किनारा कर लिया और उन्हें पार्टी से निकाल दिया।