चीन भूटान के रास्ते भारत को घेरने की तैयारी कर रहा है। सैटेलाइट तस्वीरों में इसका खुलासा हुआ है। इसमें पता चला है कि चीन ने डोकलाम से 9 किमी दूर भूटान के अमो चू घाटी में गांव बसा लिया है। भूटानी इलाके में मौजूद इस गांव का नाम चीन ने पंगडा रखा है।
इस गांव के निर्माण की तस्वीरें नवंबर 2019 में आई थीं और अब ये गांव पूरी तरह से आबाद है। लगभग हर घर के आगे कार दिखाई दे रही है। पंगडा के पास ही ऑल वेदर रोड है, जो चीन ने भूटान की जमीन पर कब्जा कर बनाई है। यह रोड तेज बहाव वाली अमो चू नदी के किनारे है, जो भूटान के 10 किमी अंदर है। डोकलाम वही जगह है, जहां साल 2017 में चीन और इंडियन आर्मी का सामना हुआ था।
चीन अमो चू घाटी में गांव और रोड कंस्ट्रक्शन एक्टिविटी कर रहा है। यह घाटी चीनी कब्जे वाली भूटान के सबसे बड़े इलाके से करीब 30 किमी दक्षिण में है। इस इलाके पर चीन ने पिछले साल कब्जा किया था। इन एक्टिविटी की वजह से सिक्किम में भारतीय सुरक्षा बलों की चिंता बढ़ गई है।
इस निर्माण का भारत पर क्या असर होगा
इस निर्माण का देश पर असर पड़ना तय है, क्योंकि अमो चू के आसपास निर्माण की वजह से चीनी आर्मी रणनीतिक तौर पर अहम डोकलाम पठार तक आसानी से पहुंच सकती है। इससे चीन भारत के संवेदनशील सिलीगुड़ी कॉरिडोर तक आसानी से पहुंच बना सकती है। सिलीगुड़ी कॉरिडोर पूर्वोत्तर के राज्यों को बाकी देश से जोड़ता है।
इंडियन आर्मी ने चीनी वर्कर्स को साल 2017 में डोकलाम में मौजूद झाम्पेरी रिज पर पहुंचने से रोक दिया था। चीन अब वैकल्पिक रास्ते से यहां पहुंचने की कोशिश कर रहा है।
झाम्पेरी रिज पर कब्जे की कोशिश
देश के पूर्वी सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल प्रवीण बख्शी (रिटायर्ड) ने NDTV को बताया, ‘पंगडा गांव और इसके उत्तर और दक्षिण में मौजूद गांव झाम्पेरी रिज और डोकलाम पठार पर कब्जा करने की चीन की कोशिश के ताजा उदाहरण हैं।’
नई तस्वीरों से पता चला है कि अमो चू नदी के किनारे मौजूद दूसरा गांव लगभग पूरी तरह से तैयार हो चुका है, जबकि दक्षिण में मौजूद तीसरे गांव में निर्माण कार्य जारी है। तीसरे गांव के पास नदी पर एक ब्रिज का निर्माण भी किया गया है। यहां पर 6 इमारतों की नींव भी दिखाई दे रही है।
चीन का विस्तारवादी रवैया सामने आया
नई तस्वीरों का एनालिसिस कर चुके इंटेलिजेंस रिसर्चर डेमियन साइमन ने बताया कि इतने सुदूर इलाके में तेजी से हो रहा निर्माण गौर करने लायक है। इससे पता चलता है कि चीन किस तरीके से बिना किसी विरोध के अपनी सीमाओं का विस्तार कर रहा है। चीन सभी मौसम में इस इलाके तक पहुंच बनाने के लिए सड़कों का निर्माण कर रहा है।
साइमन ने बताया कि चीन भूटानी इलाके के टुकड़े कर रहा है और भूटान इसे रोक नहीं पा रहा। अमो चू घाटी में चीन के निर्माण को लेकर नई दिल्ली में भूटान के राजदूत, मेजर जनरल वेत्सोप नामग्याल ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। वहीं, विदेश मंत्रालय ने इस मामले पर कोई बयान नहीं जारी किया है।
चिकन नेक कॉरिडोर पर खतरा
चीन मामलों के एक्सपर्ट डॉ. ब्रह्म चेलानी कहते हैं कि चीन चीन भूटान के इलाकों में गांव, सड़कों और सिक्योरिटी इंस्टालेशन का निर्माण कर भारत के खिलाफ अपनी सैन्य क्षमता को मजबूत कर रहा है। इन निर्माणों के जरिए चीन देश के रणनीतिक तौर पर अहम चिकन नेक कॉरिडोर के लिए खतरे के तौर पर उभरा है।
भूटान के मोर्चे पर यह घटना ऐसे समय हुई है, जब भारत और चीन के बीच पूर्वी मोर्चे पर लद्दाख में तनाव कम करने के लिए 16 राउंड की बातचीत हो चुकी है। हालांकि, इसके बाद भी अहम नतीजा नहीं निकल पाया है। आखिरी राउंड की बातचीत रविवार को हुई थी।