भारत सरकार के “स्वच्छ भारत मिशन” के अंतर्गत नगर निगम ने भारतीय प्रदूषण नियंत्रण संघ (आईपीसीए) के सहयोग से ग्रेटर फरीदाबाद की दो साेसाइटी समर पाम और पीयूष हाइट्स सोसाइटी में कूड़े से जैविक अवशेषों को अलग कर खाद बनाने वाले संयंत्र एरोबिन की शुरूआत की। नगर निगम के अतिरिक्त आयुक्त इंद्रजीत कुलारिया ने प्लांट की शुरूआत की।
आईपीसीए के उपनिदेशक डॉ राधा गोयल ने बताया कि यह परियोजना जैविक कचरे के स्रोत पृथक्करण की दिशा में एक कदम के रूप में शुरू की गई है। पर्यावरण के अनुकूल एरोबिक कंपोस्टिंग तकनीक-एरोबिन का उपयोग करके गीले कचरे से खाद का उत्पादन करने से सोसाइटियों के कूड़ा निस्तारण में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि एरोबिन मशीन 40-45 दिनों के भीतर जैविक कचरे को खाद में बदल देता है। सेग्रीगेशन आफ आर्गेनिक वेस्ट रिसाइकिलिंग एंड ट्रीटमेंट (एसओआरटी) परियोजना कूड़े को अलग कर जैविक खाद बनाने हेतु स्वर्णलता मदरसन की सीएसआर पहल है, जिसे भारतीय प्रदूषण नियंत्रण संघ द्वारा कार्यान्वित किया जाता है। यह परियोजना अब तक दिल्ली, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और गुड़गांव सहित दिल्ली एनसीआर में 57 से अधिक स्थानों पर सफलतापूर्वक लागू की है।