शिरोमणि अकाली दल(बादल) की सांसद हरसिमरत कौर बादल केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर के बयान पर भड़क गई। तोमर ने कहा था कि गेहूं के निर्यात पर बैन से किसानों की इनकम पर कोई बुरा असर नहीं पड़ा। इसके जवाब में हरसिमरत ने कहा कि तोमर जमीनी हकीकत पता करें ताकि उनके कहे शब्द किसानों के जख्मों पर नमक न छिड़कें।
केंद्रीय मंत्री को सही जानकारी नहीं
हरसिमरत ने कहा कि गेहूं के एक्सपोर्ट पर बैन पर मंत्री के बयान से साफ है कि उन्हें सही जानकारी नहीं या फिर वह किसानों के दुख को जानबूझकर नजरअंदाज कर रहे हैं। इस बार गर्मी और तेज धूप से गेहूं का धाना सिकुड़ गया। झाड़ कम हुई। उसका मुआवजा देना तो दूर, अनाज के एक्सपोर्ट से किसानों को थोड़े-बहुत मुनाफे की उम्मीद थी, उसे केंद्र ने पाबंदी लगा खत्म कर दिया। मंत्री को कोई भी बयान देने से पहले जमीनी हालात का जायजा जरूर लेना चाहिए।
कृषि कानूनों पर छोड़ी थी मंत्री की कुर्सी
हरसिमरत बादल पहले इसी केंद्र सरकार में मंत्री रहीं। केंद्र ने कृषि सुधार कानून बनाए और उसके विरोध में किसान आंदोलन हुआ। जिसके बाद अकाली दल को भी विरोध झेलना पड़ा। इस वजह से हरसिमरत ने केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। बाद में उनके सांसद पति सुखबीर बादल ने भाजपा से गठबंधन तोड़ लिया। हालांकि पंजाब विधानसभा चुनाव में इसका कोई बड़ा फायदा नहीं हुआ।