विभाजन और अपना घर छूटने का दर्द 75 साल तक दिल में रखने के बाद 92 साल की रीना छिब्बर आखिरकार पाकिस्तान के रावलपिंडी में पहुंची। एक ही पल में सारी यादें ताजा हो गईं जैसे कल की ही बात हो। पुणे में रहने वाली रीना रावलपिंडी की प्रेम गली में अपने पुश्तैनी आवास प्रेम हाउस पहुंचीं तो उनके पड़ोसियों ने ढोल बजाकर उनका स्वागत किया। रीना की आंखे भर आईं। काफी कुछ पहले जैसा ही था।
वही घर, गली, चौक और चौबारा। प्रेम गली का नाम उनके पिता प्रेम चंद के नाम पर पड़ा था। रीना जैसे ही अपने पुश्तैनी घर में दाखिल हुईं, दशकों पुरानी यादें ताजा हो गईं। वे घर की बालकनी में पहुंची तो गुनगुनाने लगीं- ये गलियां ये चौबारा, यहां आना है दोबारा। पड़ोसियों ने रीना को रावलपिंडी के मशहूर गोल-गप्पे और समोसा-चाट खिलाई। रीना ने बताया कि उन्हें अब भी अपनी सहेलियों फातिमा और आबिदा के बारे में सब कुछ याद है।
कैसे शाम के वक्त वो सभी सहेलियां छत पर समय गुजारती थीं। रीना रावलपिंडी में अपने मॉडर्न स्कूल भी गईं, जहां से उन्होंने दसवीं की परीक्षा पास की थी। रीना के घर के पास रहने वालीं 65 साल की मुमताज बीबी को जैसे ही पता चला कि भारत से कोई मेहमान आने वाली हैं, वे तुरंत मौके पर आ गईं। रीना का कहना है कि दोनों देशों की संस्कृति एक है। भारत और पाकिस्तान के युवाओं को एक-दूसरे के साथ संवाद बढ़ाना चाहिए।
विभाजन की सोच रखने वाले लोग अब इस दुनिया में नहीं हैं। वो सोच खत्म हो चुकी है। हमें अब नई शुरुआत करनी चाहिए। पाकिस्तान के लोगों से मुझे जाे प्यार और अपनापन मिला है मैं उसे कभी भूल नहीं सकती। रीना कहती हैं वे पाकिस्तान में अकेली आईं हैं, लेकिन यहां से यादों को झोली भरकर ले जाएंंगी। बचपन की यादें ताजा करने वे मुर्री हिल स्टेशन भी जाएंगी।
बेटी सोनाली ने रावलपिंडी का वीडियो दिखाया तो वहां जाने की ठान ली
रीना छिब्बर ने बताया कि बेटी सोनाली ने उन्हें यूट्यूब पर पाकिस्तान के पत्रकार सज्जाद हैदर द्वारा पोस्ट किया रावलपिंडी का वीडियो दिखाया। रीना ने वीडियो में अपना घर पहचान लिया। रीना ने बताया कि हैदर के सहयोग से ही उन्हें वीसा मिला। हैदर के अनुसार पाक विदेश राज्य मंत्री हिना रब्बानी ने रीना को स्पेशल वीसा जारी किया।