फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो के शेयर सोमवार को शुरुआती कारोबार में 14% से ज्यादा गिरकर 46 रुपए तक आ गए। ये इसका अब तक का सबसे निचला स्तर है। शेयर में गिरावट के कई कारण बताए जा रहे हैं। इसका एक कारण प्री-IPO शेयरधारकों का एक साल का लॉक-इन पीरियड खत्म होना है। ब्लिंकिट डील की मंजूरी के बाद से भी शेयर प्रेशर में हैं।
एक साल का लॉक-इन पीरियड खत्म
जोमैटो के शेयरों में गिरावट के कारण पर IIFL सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट (रिसर्च) अनुज गुप्ता ने कहा, “Zomato के शेयर 23 जुलाई 2021 को भारतीय बाजारों में लिस्ट हुए थे जिसका मतलब है एम्पलॉइज, कंपनी के फाउंडर जैसे लोगों के लिए एक साल का लॉक-इन पीरियड खत्म हो गया है। चूंकि ये शेयरहोल्डर जोमैटो के टोटल पेड अप कैपिटल का लगभग 78% (613 करोड़ शेयर) हिस्सा हैं, इसलिए इसमें बिकवाली का दबाव है।
70-75 रुपए तक जा सकता है शेयर
मार्केट एक्सपर्ट प्रकाश दीवान का मानना है कि जोमैटो के लिए डाउनसाइड बिजनेस स्टैंडपॉइंट से काफी सीमित है। यदि आप धैर्य रखते हैं, तो शायद आप जोमैटो को किसी समय फिर से 70-75 रुपए के स्तर को देखेंगे। ब्लिंकिट डील के बाद से शेयरों पर दबाव रहा है, जिसमें कंपनी के बोर्ड ने ऑल-स्टॉक डील में 4,447 करोड़ रुपए में स्टार्टअप के अधिग्रहण को मंजूरी दी थी।
जोमैटो में उबर की 7.78% हिस्सेदारी
जोमैटो की कैप टेबल में प्री-IPO और शुरुआती निवेशक जैसे Alipay (7.1%), एंट फाइनेंशियल (6.99%), टाइगर ग्लोबल (5.11%), सिकोइया कैपिटल (5.10%) और टेमासेक (3.11%) शामिल हैं। एक्सपर्टेस के मुताबिक, निवेशकों को यह देखना चाहिए कि लॉक-इन खत्म होने के बाद अब उबर और डिलिवरी हीरो जैसे शेयरधारक क्या करते हैं? उबर की जोमैटो में 7.78%, जबकि फूडटेक कंपनी डिलीवरी हीरो के पास 1.36% हिस्सेदारी है।
76 रुपए का इश्यू प्राइस, 115 पर लिस्ट
जोमैटो के शेयर 23 जुलाई 2021 को BSE और NSE पर 51% से ज्यादा के मजबूत प्रीमियम पर 115 रुपए पर लिस्ट हुए थे। इसका इश्यू प्राइस 76 रुपए था। बंपर लिस्टिंग के बाद, इसके शेयरों ने 16 नवंबर 2021 को 52 हफ्ते के उच्च स्तर 169.1 रुपए को छुआ था। हालांकि, ये शेयर अपने लाइफ-टाइम हाई पर चढ़ने के बाद से ही बिकवाली का सामना कर रहा है और पिछले कुछ सत्रों से नया 52-वीक लो बना रहा है।
AOV पिछले एक साल में फ्लैट
जोमैटो की एवरेज ऑर्डर वैल्यू (AOV) पिछले एक साल में फ्लैट रही है। FY21 में ये 397 रुपए थी जो FY22 में 1 रुपए बढ़कर 398 हो गई।