शिक्षक भर्ती घोटाले के मुख्य आरोपी मंत्री पार्थ चटर्जी के साउथ 24 परगना के वाले फ्लैट पर बुधवार दोपहर में चोरी हो गई। पार्थ का यह घर बरुईपुर थाना के बेगमपुर ग्राम पंचायत क्षेत्र के पुरी गांव में है, जिसमें चोर ताला तोड़कर घुसे। आस-पास रहने वालों ने जब इन चोरों को घर से बड़े-बड़े बैग ले जाते हुए देखा तो उन्होंने ये समझा कि ED के अधिकारी हैं।
लोगों ने ताला तोड़ने की वजह पूछी तो धमकाया
चार लोगों के इस गिरोह ने बुधवार को दोपहर करीब 1 बजे घर धावा बोला। ताले टूटने की आवाज सुनकर बाहर आए लोगों ने इन चारों से वजह पूछी। तब इन लोगों ने उन्हें धमकाया और उस घर से निकलने को कहा गया। रहवासियों का कहना है कि इसके कुछ देर बाद कार में सामान डालकर वे सभी बदमाश वहां से निकल गए।
पार्थ की बेटी के नाम है घर, अब उठ रहे सवाल
कंटाखल-उत्तभाग रोड के किनारे बने घर के बाहर चार लोग कार से उतरे। इसके बाद वे घर में घुसे। ये घर पार्थ के बेटी सोहिनी के नाम है। पार्थ, पिछले एक हफ्ते से ED की हिरासत में हैं। ऐसे में बेगमपुर के गार्डन हाउस में हुई इस चोरी को लेकर सवाल उठने लगे हैं।
पार्थ की करीबी के अर्पिता के घर से लगभग 50 करोड़ कैश और 5 किलो सोना मिलने के बाद इस घटना को अंजाम दिया गया। गौरतलब है कि अर्पिता के घर मिले कैश को ED 10 ट्रंक में भरकर ले गई।
पार्थ ने बॉडीगार्ड के रिश्तेदारों को भी नौकरी दिलाई थी
पार्थ ने अपने पद का इस्तेमाल करते हुए बॉडीगार्ड के 10 रिश्तेदारों को भी स्कूल में नौकरी दिलाई थी। मामला तब सामने आया जब सोमवार (25 जुलाई) को कलकत्ता हाई कोर्ट में इसके खिलाफ याचिका दायर की गई। रिपोर्ट्स के मुताबिक, विश्वंभर मंडल नाम का एक शख्स टीएमसी मंत्री के अंगरक्षक के रूप में काम करता था।
मंडल के भाइयों, बंगशागोपाल और देवगोपाल, और उनके 8 चचेरे भाइयों को कथित तौर पर ‘मनगढ़ंत और मनगढ़ंत कागजात’ का उपयोग करके विभिन्न पूर्वी मेदिनीपुर स्कूलों में नौकरी मिली थी। बंगशागोपाल तृणमूल कांग्रेस पार्टी के नेता भी हैं।