उदयपुर व अमरावती हत्याकांड के 3 आरोपियों और फुलवारी शरीफ मॉड्यूल में गिरफ्तार लोगों में से ज्यादातर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़े हैं। एनआईए सूत्रों के अनुसार पीएफआई को हर साल सऊदी अरब, कतर, कुवैत, यूएई और बहरीन से 500 करोड़ रुपए मिलते हैं। इसे फैमिली मेंटेनेंस के नाम पर अलग-अलग खातों में वेस्टर्न यूनियन के जरिए भेजा जाता है। इसके लिए पीएफआई सदस्यों के एक लाख और उनके रिश्तेदार व परिचितों के 2 लाख बैंक खातों का इस्तेमाल किया जाता है। किसी को शक न हो, इसलिए यह रकम हर महीने अलग खातों में आती है।
एनआईए की एंटी टेरर फंडिंग सेल यह जांच कर रही है कि इतनी बड़ी रकम कहां खर्च हो रही थी। अब तक की जांच में सामने आया है कि पीएफआई कई ऐसे संगठनों को पैसा देता है, जो युवाओं का ब्रेनवॉश कर उन्हें कट्टरता सिखाते हैं। इनमें पाकिस्तान के अलावा खाड़ी के देशों से जुड़े कई संगठन शामिल हैं। पीएफआई ऐसी घटनाओं और सरकारी नीतियों के खिलाफ आंदोलन पर भी खर्च करता है, जो कथित तौर पर मुस्लिम विरोधी होती हैं। जेल में बंद लोगों को भी कानूनी मदद दी जाती है। हालांकि पीएफआई सामाजिक आंदोलन की दलील देता है।
पीएफआई ने सोशलिस्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ इंडिया, कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया व नेशनल वुमन फ्रंट जैसे संगठन बना रखे हैं। गौरतलब है कि ईडी ने इसी साल जून में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज करते हुए पीएफआई और उसके सहयोगी संगठन रिहैब इंडिया फाउंडेशन के 33 बैंक खाते सीज किए थे। पीएफआई के खातों में 60 करोड़ रुपए से अधिक और फाउंडेशन के खातों में 58 करोड़ रुपए जमा हुए थे। शेष | पेज 8
कार्रवाई से बचने के लिए रकम खातों से निकाल ली गई। ईडी की कार्रवाई के समय खातों में महज 68 लाख रुपए थे। इंटेलिजेंस के एक अधिकारी ने बताया, पीएफआई उन गलतियों को नहीं दोहरा रहा है, जो सिमी ने की थीं। गौरतलब है कि सिमी पर 2001 में प्रतिबंध लगाया गया था। माना जाता है कि इसका कैडर पीएफआई में सक्रिय है।
आईएस-अलकायदा के 25 संदिग्ध पकड़े
एनआईए ने शनिवार को महाराष्ट्र, यूपी, तेलंगाना, झारखंड, तमिलनाडु, केरल, मप्र, प. बंगाल, गुजरात और राजस्थान में आतंकी संगठनों से जुड़े 25 संदिग्धों को हिरासत में लिया। ये सभी 15 अगस्त को दक्षिण भारत के मठों पर आत्मघाती हमले के लिए रची जा रही साजिश का हिस्सा हैं। तमिलनाडु व कर्नाटक पुलिस पहले ही 4 आतंकियों को गिरफ्तार कर चुकी है। एजेंसी यह पता लगा रही है कि इनके निशाने पर और कौन था?
आतंकी फंडिंग साबित हुई तो लग जाएगा प्रतिबंध
यदि यह साबित हुआ कि पीएफआई विदेशी फंड को आतंकी गतिविधि में खर्च कर रहा है तो प्रतिबंध लगना तय है। कई राज्यों की खुफिया एजेंसियां पीएफआई को संदिग्ध बता चुकी हैं। झारखंड ने इस पर प्रतिबंध भी लगाया था, हालांकि बाद में हाईकोर्ट ने हटा दिया।
मुस्लिम संगठनों ने डोभाल से की प्रतिबंध की मांग
ऑल इंडिया सूफी सज्जादनाशीन काउंसिल द्वारा आयोजित संवाद में पीएफआई जैसे संगठनों पर प्रतिबंध का प्रस्ताव पास हुआ। इस मौके पर एनएसए अजित डोभाल भी थे। काउंसिल के अध्यक्ष हजरत सैयद नसरुद्दीन चिश्ती ने कट्टरपंथी संगठनों पर प्रतिबंध की मांग की।