- आरोपियों के कब्जे से 3.97 लाख रुपए नकद भी बरामद।
- कई बैंक खातों की पासबुक, डेबिट कार्ड, पासपोर्ट भी जब्त किए, नकदी भी बरामद, बैंक खातों में रोजाना आ रहे हजारों रुपए।
एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने हरियाणा के तीन विधायकों व पंजाब के पूर्व विधायकों को धमकी देकर पैसा वसूली के मामले में छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस मामले में गैंगस्टरों का नाम लेकर धमकी दी गई थी, लेकिन अभी तक जांच में सामने आया है कि ये गैंगस्टर नहीं बल्कि देश के बड़े ठग हैं। विधायकों को धमकी देने के लिए विदेशी नंबरों का इस्तेमाल किया गया, जिन्हें पाकिस्तान में बैठकर ऑपरेट किया जा रहा था। जबकि मिडल ईस्ट के देशों के नंबरों से वसूली की जा रही थी। दो आरोपियों को महाराष्ट्र व बिहार समेत कई राज्यों से पकड़ा है। इस पूरे मामले में हरियाणा के डीजीपी पीके अग्रवाल ने सुपरवाइज किया। एसटीएफ की जांच में पता चला है कि केवल विधायकों को ही नहीं काफी अन्य लोगों को भी इस तरह की धमकी देकर पैसा वसूली की जा रही है। इस मामले में 24 बैंक खातों की जांच की गई, जिनमें रोजाना हजारों रुपए की ट्रांजेक्शन की जा रही है।एसटीएफ के आईजी बी सतीश बालन व एसपी एसटीएफ सुमित कुमार ने भोंडसी स्थित हेडक्वार्टर पर रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि सोनीपत से विधायक सुरेन्द्र पंवार, साढौरा से विधायक रेणुबाला, सफीदों से सुभाष गंगौली व सोहना से विधायक संजय सिंह को विदेशी नंबर से वॉटसऐप कॉल कर धमकी देकर फिरौती मांगी गई थी। इसके अलावा पंजाब के पूर्व विधायक को भी इसी तरह की धमकी दी गई थी। इस मामले में डीजीपी हरियाणा पीके अग्रवाल ने एसटीएफ को जांच की जिम्मेवारी दी थी। मामले की जांच के लिए एक जाल बिछाया गया, जिसमें महाराष्ट्र में रह रहे दो आरोपी जाल में फंसने के बाद हिरासत में लिए गए, जो इस पूरे मामले में शामिल मिलने के बाद गिरफ्तार किए। जिनकी पहचान गुलेश आलम व बदरे आलम निवासी बिहार के रूप में हुई। दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद बिहार पुलिस से संपर्क किया गया, जहां पूरा सहयोग मिला, जहां से तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिनकी पहचान अमित यादव, राधेश्याम, सनोज कुमार के रूप में हुई, जबकि चौथा आरोपी जो मिडिल ईस्ट के देशों में रहकर आया था, उसकी पहचान कैश आलम के रूप में हुई है। उसे नेपाल बॉर्डर से गिरफ्तार किया है।आरोपियों से बड़ी संख्या में सिम व मोबाइल बरामदआरोपियों के कब्जे से 24 मोबाइल सेट, 57 सिम, 73 एटीएम, 24 बैंक पास बुक, दो रजिस्टर व तीन डायरियां बरामद की गई हैं। आरोपियों के मोबाइल नंबरों की कॉल डिटेल जांच गई तो उनमें में 20 नंबर पाकिस्तान व मिडल ईस्ट के देशों में भी कॉल की गई थी। इसके अलावा आरोपी देश में कॉल करने के लिए अलग सिम का इस्तेमाल करते थे, जबकि धमकी देने व पैसे मांगने के लिए अलग नंबर से कॉल करते थे। आरोपियों के कब्जे से 3.97 लाख रुपए नकद, एक गाड़ी टाटा पंच भी बरामद हुई हैं।सेंट्रल एजेंसियों का भी लिया गया सहयोगएसटीएफ के आईजी सतीश बालन ने बताया कि इस मामले की जांच में डीजीपी हरियाणा पीके अग्रवाल ने सेंट्रल एजेंसियों की भी मदद ली गई। वहीं एसटीएफ ने इन सभी मोबाइल नम्बरों व आईपी एड्रेस का तकनीकी विश्लेषण किया और सेन्ट्रल एजेंसी का भी सहयोग लिया। इस तकनीकी विश्लेषण मे करीब 5 टीमों ने अलग अलग जिम्मेदारी सौंपी गई थी। एसटीएफ ने सुनियोजित प्लान के तहत पैसे देने के लिए उनके खाता नम्बर व मोबाइल नम्बर मांगे गए, उन खाता नंबरों को ट्रेस करने के लिए दो अलग-अलग टीमों ने मुम्बई व मुजफ्फरपुर बिहार में छापेमारी की।ऐसे देते थे पूरी वारदात को अंजामआरोपियों को आठ दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है। अब तक की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि ये आम आदमी व गरीब लोगों से सम्पर्क करके उनको 15/20 हजार रुपए का लालच देकर उनका बैंक मे खाता खुलवाकर उस खाते के सारे कागजात (बैंक पासबुक, चेक बुक, एटीएम कार्ड, एटीएम पासवर्ड) अपने पास रख लेते थे। साथ ही हर खाते को ऑपरेट करने के लिए फर्जी सिम कार्ड खरीद लेते थे। छापेमारी के दौरान मुंबई पुलिस क्राइम ब्रांच व एसटीएफ बिहार व बिहार पुलिस का पूर्ण सहयोग एसटीएफ को मिला। जांच में इन आरोपियों से करीब 10 ऐसे नंबर मिले जो पाकिस्तान में रहने वाले थे और जिनके द्वारा धमकियां दी जाती थी और फिरौती का पैसा मंगवाया जाता था।