इमरान के खिलाफ फॉरेन फंडिंग केस का फैसला आज:भारत समेत कई देशों से अरबों रुपए चंदा लिया, चुनाव आयोग को डीटेल्स भी नहीं दीं

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ 8 साल से चल रहे फॉरेन फंडिंग केस पर मंगलवार को फैसला आएगा। यह फैसला इलेक्शन कमीशन ऑफ पाकिस्तान (ECP) सुनाएगा। इमरान और उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पर आरोप है कि उन्होंने भारत समेत कई देशों से अरबों रुपए का फंड जुटाया और इसकी जानकारी सरकार, इलेक्शन कमीशन या फाइनेंस मिनिस्ट्री को नहीं दी।

खास बात यह है कि इमरान चार महीने पहले तक जिन चीफ इलेक्शन कमिश्नर सिकंदर सुल्तान राजा की तारीफ करते नहीं थकते थे, अब उन्हें ही हटाने की मांग कर रहे हैं। खान दोषी पाए गए तो हो सकता है कि उन्हें ताउम्र चुनाव लड़ने से रोक दिया जाए। पार्टी पर भी बैन लगाया जा सकता है। पाकिस्तान में विदेश से कोई पॉलिटिकल डोनेशन हासिल करना गैरकानूनी है।

इमरान की ही पार्टी के सदस्य ने दायर किया था केस
इमरान ने 1996 में PTI बनाई थी। इसके फाउंडिंग मेंबर्स में से एक थे अकबर एस बाबर। बाबर को बहुत ईमानदार और इमरान का वफादार माना जाता था। बाबर ने ही 2014 में इमरान के खिलाफ कोर्ट में फॉरेन फंडिंग के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। कोर्ट ने यह केस इलेक्शन कमीशन के पास जांच के लिए भेज दिया।

14 नवंबर 2014 से इस केस पर सुनवाई चल रही है, लेकिन फौज के लाड़ले इमरान को बचाने के लिए हर तरीका आजमाया गया। जब इमरान की सरकार गिरी और वो फौज को ही धमकाने लगे तो इस केस की सुनवाई रोजाना होने लगी। इमरान इससे घबरा गए।

चीफ इलेक्शन कमिश्नर को हटाओ
इमरान और उनकी पार्टी PTI ने ही चीफ इलेक्शन कमिश्नर सिकंदर सुल्तान राजा को अपॉइंट किया था। जब तक उनके पक्ष में फैसले आते रहे, तब तक सब ठीक था। अब जबकि फॉरेन फंडिंग केस का फैसला आ रहा है तो इमरान इन्हीं सुल्तान को भ्रष्ट और बेवकूफ बताकर हटाने की मांग कर रहे हैं। राजा के खिलाफ इस्लामाबाद हाईकोर्ट में केस भी दायर किया गया। कोर्ट ने इसे सुनवाई के काबिल ही नहीं माना।

4 साल में इलेक्शन कमीशन ने इस केस की 95 सुनवाई कीं। स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने सबूत के तौर पर 8 डॉक्यूमेंट्स कमीशन को दिए। ‘डॉन न्यूज’ के मुताबिक, कुछ भारतीयों के नाम भी चंदा देने वालों की लिस्ट में शामिल हैं। हैरानी की बात यह है कि कमीशन ने 16 बार इमरान और PTI से बेगुनाही के सबूत मांगे, लेकिन वो ये नहीं दे सके।

क्या है फॉरेन फंडिंग केस

  • यह मामला शुरू तो 2010 से होता है। उस वक्त इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) जड़ें जमा रही थी। इमरान खुद कह चुके हैं कि उस दौर में उनके पास पार्टी चलाने के लिए पैसा नहीं था और दोस्त मदद करते थे।
  • 2014 में PTI के फाउंडर मेंबर्स में से एक अकबर एस बाबर ने आरोप लगाया कि PTI को दूसरे देशों से काफी ब्लैक मनी मिल रही है और इसकी जांच होनी चाहिए।
  • पाकिस्तान के कानून के हिसाब से कोई भी पॉलिटिकल पार्टी किसी भी तरीके से इलेक्शन या पार्टी चलाने के लिए दूसरे देशों से फंड्स नहीं ले सकती।
  • दाल में कुछ काला था। यही वजह है कि इलेक्शन कमीशन ऑफ पाकिस्तान ने इसकी सुनवाई शुरू की। हैरानी की बात यह है कि इमरान जब सत्ता में आए तो इस मामले की सुनवाई रोकने के लिए इस्लामाबाद हाईकोर्ट में 9 पिटीशंस दायर कीं। 52 बार उन्हें स्टे के तौर पर कामयाबी भी मिली।

अलग-अलग दावे

  • अकबर एस बाबर की शिकायत में दावा किया गया कि PTI को कुल 1.64 अरब पाकिस्तानी रुपए के फॉरेन डोनेशन्स मिले। स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने भी इसे माना। 31 करोड़ पाकिस्तानी रुपए की रकम तो सीधे तौर पर गोल ही कर दी गई।
  • 16 करोड़ रुपए तो सिर्फ एक लंदन बेस्ड बिजनेसमैन आरिफ नकवी से मिले। इसने PTI के लिए लंदन में क्रिकेट टूर्नामेंट कराया। डिनर होस्ट किया तो 2 हजार रुपए डोनेशन की शर्त रखी। नकवी के खिलाफ ब्रिटेन और अमेरिका में फाइनेंशियल फ्रॉड की जांच चल रही है।
  • अबरार कहते हैं- इमरान खान ने कुल 349 विदेशी कंपनियों और 88 विदेशी लोगों से गैरकानूनी तौर पर पैसा लिया। इसका बड़ा हिस्सा कैश था, जो हवाला के जरिए पाकिस्तान और फिर PTI के पास पहुंचा।
  • अबरार कहते हैं- सबसे बड़े धोखा तो इमरान ने दिया। उन्होंने मां के नाम पर बने शौकत खानम कैंसर अस्पताल के नाम पर अरबों रुपए बटोरे। इस पैसे का इस्तेमाल पॉलिटिकल पार्टी के लिए किया गया।