फिलिस्तीन पर इजराइली एयरस्ट्राइक:मारा गया हमास कमांडर तायसीर जबारी; इजराइल पर भी 2 घंटे में 100 रॉकेट दागे गए

इजराइल और फिलिस्तीन के बीच संघर्ष जारी है। इजराइल ने शुक्रवार को गाजा पट्टी में हवाई हमले किए। इसमें फिलिस्तीन संगठन हमास (इजराइल इसे आतंकी संगठन बताता है) का सीनियर कमांडर तायसीर अल जबारी मारा गया। हमास ने कहा कि हमले में गाजा के 10 अन्य लोग मारे गए, जबकि 70 से ज्यादा घायल हो गए।

धमकी मिलने के बाद इजराइल का एक्शन
रिपोर्ट्स के मुताबिक, फिलिस्तीन संगठन वेस्ट बैंक नेता बहा अबू अल-अता की गिरफ्तारी और उसकी मौत के जवाब में इजराइल पर हमले की धमकी दे रहा था। अल-अता को इजराइली सेना ने 2019 में मार दिया था। धमकियों के बाद इजराइल ने एयरस्ट्राइक की।

हमले में मारी गई 5 साल की मासूम
गाजा पट्टी पर हुए इजराइली हमले के बाद फिलिस्तीन संगठन हमास ने भी गाजा पट्टी से इजराइल की तरफ 2 घंटे में 100 रॉकेट दागे। इनमें से 9 गाजा पट्टी के अंदर गिरे। फिलिस्तीन संगठन हमास ने कहा- हमले में 5 साल की बच्ची समेत 10 लोगों की मौत हुई। इधर, इजराइली डिफेंस फोर्स (IDF) का कहना है कि एयरस्ट्राइक में कम से कम 15 हमास आतंकी मारे गए हैं।

इजराइल और फिलिस्तीन के बीच विवाद क्यों?
मिडिल ईस्ट के इस इलाके में यह संघर्ष कम से कम 100 साल से चला आ रहा है। यहां वेस्ट बैंक, गाजा पट्टी और गोलन हाइट्स जैसे इलाकों पर विवाद है। फिलिस्तीन इन इलाकों समेत पूर्वी यरुशलम पर दावा जताता है। वहीं, इजराइल यरुशलम से अपना दावा छोड़ने को राजी नहीं है।

गाजा पट्टी इजराइल और मिस्र के बीच में है। यहां फिलहाल हमास का कब्जा है। ये इजराइल विरोधी समूह है। सितंबर 2005 में इजराइल ने गाजा पट्टी से अपनी सेना वापस बुला ली थी। 2007 में इजराइल ने इस इलाके पर कई प्रतिबंध लगा दिए। फिलिस्तीन का कहना है कि वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी में स्वतंत्र फिलिस्तीन राष्ट्र की स्थापना हो।

आखिर ये संघर्ष कितना पुराना है?

  • ये संघर्ष कम से कम 100 साल पहले से चला आ रहा है। फिलहाल जहां इजराइल है, वहां कभी तुर्की का शासन था जिसे ओटोमान साम्राज्य कहा जाता था। 1914 में पहला विश्व युद्ध शुरू हुआ। तुर्की ने इस विश्व युद्ध में मित्र राष्ट्रों के खिलाफ वाले देशों का साथ दिया। मित्र राष्ट्रों में ब्रिटेन भी शामिल था। लिहाजा तुर्की और ब्रिटेन आमने-सामने आ गए। उस समय ब्रिटिश साम्राज्य अपने चरम पर था जिसका नतीजा ये हुआ कि ब्रिटेन ने युद्ध जीता और ओटोमान साम्राज्य ब्रिटेन के कब्जे में आ गया।
  • इस समय तक जियोनिज्म की भावना चरम पर थी। ये एक राजनीतिक विचारधारा थी जिसका उद्देश्य एक अलग और स्वतंत्र यहूदी राज्य की स्थापना करना था। इसी के चलते दुनियाभर से यहूदी फिलिस्तीन में आने लगे। 1917 में ब्रिटेन के विदेश सचिव जेम्स बेलफोर ने एक घोषणा की जिसमें कहा गया कि ब्रिटेन फिलिस्तीन को यहूदियों की मातृभूमि बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
  • साल 1945 में द्वितीय विश्व युद्ध खत्म हुआ। इस युद्ध में ब्रिटेन को काफी नुकसान हुआ और अब वो पहले जैसी शक्ति नहीं रहा। इधर यहूदी फिलिस्तीन में आते रहे और दूसरे देशों ने ब्रिटेन के ऊपर यहूदियों के पुनर्वास के लिए दबाव डालना शुरू कर दिया। आखिरकार ब्रिटेन ने खुद को इस मामले से अलग कर लिया और ये मसला यूनाइटेड नेशन के पास चला गया, जो कि 1945 में ही बना था।
  • 29 नवंबर 1947 को यूनाइटेड नेशन ने फिलिस्तीन को दो हिस्सों में बांट दिया। एक अरब राज्य और दूसरा हिस्सा बना इजराइल। यरुशलम को यूनाइटेड नेशन ने अंतरराष्ट्रीय सरकार के कब्जे में रखा।
  • अरब देशों ने UN के इस फैसले को मानने से इनकार कर दिया। उनका कहना था कि आबादी के हिसाब से उन्हें कम जमीन मिली। दरअसल बंटवारे के बाद फिलिस्तीन को जमीन का आधे से भी कम हिस्सा मिला, जबकि बंटवारे के पहले करीब 90% जमीन पर अरब लोगों का कब्जा था।
  • इसी के अगले साल इजराइल ने खुद को एक स्वतंत्र राष्ट्र घोषित कर दिया। अमेरिका ने फौरन एक देश के रूप में इजराइल को मान्यता दे दी। इसके बाद अरब देशों और इजराइल में कई युद्ध हुए।