चीन की मिलिट्री ड्रिल पर US अलर्ट:बाइडेन बोले- एक्सरसाइज से डर नहीं, फिक्र जरूर है; बीजिंग ने चुप्पी साधी

मेरिकी संसद की स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान विजिट के बाद पहली बार प्रेसिडेंट जो बाइडेन का रिएक्शन आया है। बाइडेन ने सोमवार को कहा कि ताइवान के आसपास मिलिट्री एक्सरसाइज करके चीन सिर्फ तनाव बढ़ा रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा- चीन की हर हरकत पर वॉशिंगटन की पैनी नजर है। अमेरिका को चीन के इस कदम से कोई डर नहीं, लेकिन फिक्र जरूर है। बाइडेन के बयान पर चीन की तरफ से कोई रिएक्शन नहीं दिया गया है।

नैंसी पेलोसी ने पिछले हफ्ते ताइवान दौरा किया था। चीन इससे बेहद नाराज है। उसने ताइवान के चारों तरफ अपने वॉरशिप तैनात कर दिए हैं। चीन की एयरफोर्स के फाइटर जेट्स भी ताइवान की हवाई सीमा के करीब उड़ान भर रहे हैं।

चीन कुछ नहीं कर पाएगा
मीडिया से बातचीत में बाइडेन ने कहा- चीन की हरकतों से अमेरिका को कोई डर नहीं है, लेकिन ये कुछ चिंता की बात जरूर है। वो जितना कर सकते थे, उतना कर चुके हैं। मुझे नहीं लगता कि इससे ज्यादा वो कुछ कर पाएंगे।

बाइडेन सोमवार को काफी कॉन्फिडेंट नजर आए। उनके बयान के कुछ देर पहले चीन ने एक बार फिर ड्रिल की। खास बात यह है कि ताइवान ने भी एंटी सबमरीन और एयर-टु-शिप सिस्टम अलर्ट कर दिया। चीन की सेना यानी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने पहले ही ऐलान कर दिया था कि वो ताइवान के चारों तरफ 4 से 7 अगस्त तक एक्सरसाइज करेगी।

अब क्या करेगा चीन
दुनिया की नजर चीन की अगले कदम पर है। 7 अगस्त को मिलिट्री ड्रिल खत्म होने के बाद चीन क्या करेगा, इसकी जानकारी अभी सामने नहीं आई है। दूसरी तरफ, ताइवान की राष्ट्रपति साइ इंग वेन ने दुनिया के सभी देशों से समर्थन मांगा है। हालांकि, वेन ने ये भी साफ कर दिया कि उनकी सरकार और सेना चीन की किसी भी हरकत का जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है।

चीन ने कहा- नैंसी का दौरा बेहद गंभीर मुद्दा
अमेरिकी स्पीकर के दौरे के बाद चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा था- पेलोसी ने हमारे विरोध के बावजूद ताइवान का दौरा किया। ये बेहद गंभीर मुद्दा है। विदेश मंत्री वांग यी ने कहा- US संसद की स्पीकर ने हमारे आंतरिक मामलों में दखल दिया है। उन्होंने वन-चाइना पॉलिसी का उल्लंघन किया है। चीन के विरोध के बावजूद पेलोसी ने ताइवान जाकर क्षेत्र की शांति को खतरे में डाला है।

वहीं, ताइवानी डिफेंस मिनिस्ट्री ने कहा- हमने एहतियात के तौर पर मिसाइल सिस्टम तैनात कर दिया है। हम चीन की हरकत पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। मॉनिटरिंग के लिए कुछ एयरक्राफ्ट और शिप तैनात हैं।