घरेलू कंपनियों ने वित्त वर्ष 2022-23 की जोरदार शुरुआत की है। पहली तिमाही में इनकी बिक्री करीब 40% और मुनाफा 18% से ज्यादा बढ़ा है। विमानन (एविएशन), हॉस्पिटैलिटी, रिटेल और ज्वेलरी सेक्टर की कंपनियों का प्रदर्शन सबसे शानदार रहा।
अप्रैल-जून तिमाही के लिए अब तक 38 सेक्टरों की 2,598 कंपनियों के नतीजे आए हैं। बैंक ऑफ बड़ौदा की एक रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक, सालाना आधार पर इनकी बिक्री 39.8% बढ़कर 26.22 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गई है। इससे पहले इन कंपनियों की बिक्री पर कोविड महामारी का गहरा असर देखा गया था।
मसलन, 2019 की जून तिमाही में जहां बिक्री 18.01 लाख करोड़ रुपए की थी, वहीं 2020 में घटकर 13.10 लाख करोड़ रुपए की रह गई थी। फिर 2021 में यह बढ़कर प्री-कोविड से ज्यादा 18.75 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गई थी।
कुल मुनाफे में 70% हिस्सेदारी बैंक, फाइनेंस, ऑटो सेक्टर की
बीती तिमाही 2,598 कंपनियों का कुल मुनाफा 18.4% बढ़कर 2.04 लाख करोड़ रुपए हो गया। एक साल पहले की समान तिमाही में यह 1.73 लाख करोड़ रुपए था। दिलचस्प है कि बीती तिमाही कुल मुनाफे में करीब 70% हिस्सेदारी सिर्फ बैंक, फाइनेंस और ऑटोमोबाइल सेक्टरों की रही। विश्लेषकों के मुताबिक, एफएमसीजी जैसे कुछ सेक्टरों के मुनाफे पर मैन्युफैक्चरिंग लागत बढ़ने का असर देखा गया।
दूसरी व तीसरी तिमाही में बिक्री, मुनाफा और बढ़ने की संभावना
बैंक ऑफ बड़ौदा की एनालिस्ट टीम के मुताबिक दूसरी और तीसरी तिमाही के नतीजे और बेहतर रह सकते हैं। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में इसकी दो वजहें गिनाई हैं। पहली यह है कि इस दौरान त्योहारों का सीजन रहेगा, जब बिक्री अमूमन सामान्य से ज्यादा होती है। इसके अलावा यह खरीफ फसलों के उतरने का भी सीजन होगा, जब ग्रामीण अर्थव्यवस्था थोड़ी मजबूत रहती है।