सोनाली फौगाट की मौत:गोवा में हार्ट अटैक; BJP नेत्री TIK TOK स्टार; BIG BOSS में भी गई; CM से जांच की मांग

भाजपा नेत्री सोनाली फौगाट की मौत हो गई। उनकी मौत हार्ट अटैक से हुई। वह गोवा गई हुई थी। टिक टॉक स्टार की इस मौत से हिसार जिले में उनके प्रशंसकों में शोक फैल गया। सोनाली की एक बेटी है। उसके भाई वतन ढाका ने सोनाली की मौत की पुष्टि की है। परिवार फतेहाबाद से गोवा रवाना हो चुका है।

सोनाली की एक बेटी है और उसकी पति की वर्ष 2016 में रहस्यमय परिस्थतियों मौत हो चुकी थी। सोनाली आदमपुर से भाजपा की टिकट पर वर्ष 2019 में चुनाव लड़ चुकी है। सोनाली यह चुनाव हार गई थी। इसके बाद सोनाली आदमपुर में सक्रिय रही। सोनाली ने 27 अगस्त को वर्करों की मीटिंग बुलाई थी।

सोनाली ने अपनी मौत से चंद घंटे पहले रात को फेसबुक पर अपनी फोटो अपलोड की थी। जिस पर सोनाली ने लिखा था कि दबंग लेडी, रियल बोस लेडी, आल रेडी स्माइल। अपनी फेसबुक प्रोफाइल पर अपलोड की थी।

जूता कांड से चर्चा में

सोनाली फौगाट विधानसभा चुनाव में चुनाव लड़कर राजनीति में इतनी चर्चा नहीं आई थी, जितना की मार्केट कमेटी के सचिव को जूते से पिटाई करके चर्चा में आई। सोनाली ने हिसार मार्केट कमेटी के सचिव की काम न करने पर सरेआम बालसमंद में पिटाई की थी। इसके बाद सोनाली राजनीति में चर्चित हुई। हालांकि सचिव की शिकायत पर सोनाली पर केस दर्ज हुआ। बाद में सोनाली की शिकायत पर सचिव के खिलाफ केस दर्ज किया गया। इस मामले को लेकर मार्केट कमेटी सचिव के पक्ष में पंचायतें भी हुई थी। सोनाली का यह जूता कांड पूरे देश भर में चर्चा में रहा। पिछले दिनों हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के एक कार्यक्रम में मंच पर बैठी सोनाली को उठा दिया गया तो सोनाली नाराज होकर कार्यक्रम से चली गई थी।

29 हजार से ज्यादा वोटों से हारी थी सोनाली

चुनाव में सोनाली फौगाट कुलदीप बिश्नोई से किसी भी राउंड में आगे नहीं रही। कुलदीप बिश्नोई ने 29 हजार 471 वोट से अधिक वोट प्राप्त किए। कुल 13 राउंड में सोनाली किसी भी राउंड में जीत नहीं सकी।

कुलदीप से आखिरी मुलाकात

सोनाली और कुलदीप बिश्नोई राजनीतिक विरोधी थी। सोनाली कुलदीप बिश्नोई के खिलाफ खुलकर बोलती थी। परंतु आदमपुर से इस्तीफा देने के बाद कुलदीप बिश्नोई ने 18 अगस्त को सोनाली के घर पर जाकर चाय पी। दोनों ने करीब एक घंटा मुलाकात की। इसके बाद दोनों के गिले शिकवे दूर हो गए थे। इसके बाद सोनाली गुरु जांभेश्वर जयंति पर बिश्नोई मंदिर में पहुंची थी।