डायरिया प्रभावित रावतपुर गांव समेत 3 इलाकों के भूगर्भ जल में घातक बैक्टीरिया और नाइट्राइट मिला है। लोहरन भट्टा के सबमर्सिबल में सबसे ज्यादा स्थिति खराब मिली है। गजोधनपुरवा में हैवी बैक्टीरियल लोड के साथ पानी में कीड़े तक पाए गए हैं। अब बुधवार को जलकल की टीमें तीनों इलाकों के लोगों को बताने जाएगी कि किसी भी सूरत में सबमर्सिबल का पानी न पीएं।
धनुकाना का पानी सबसे ज्यादा घातक
रावतपुर गांव के आनंद नगर धनुकाना मोहल्ले में प्रति लीटर पानी में 0.08 मिलीग्राम तक नाइट्राइट मिला है। जबकि लोहारन भट्टा में यह मात्रा 0.04 तक पहुंच चुकी है। जलकल ने तीनों इलाकों से तीन दिन पहले सबमर्सिबल पंपों के पानी के सैंपल लिए थे। इसे प्रयोगशाला में निश्चित तापमान पर रखा गया था। पानी की बैक्टिरियल और केमिकल दोनों तरह की जांच की गई। रिपोर्ट मंगलवार देर रात चीफ केमिस्ट की ओर से जलकल के महाप्रबंधक नीरज गौड़ को सौंपी गई जो चौंकाने वाली है। इसमें नाइट्राइट के साथ ही नाइट्रेट की मात्रा भी ज्यादा पाई गई है।
शून्य होना चाहिए नाइट्राइट
पानी में नाइट्रेट की मात्रा तो प्रति लीटर 45 से 100 मिलीग्राम तक मानक की परिधि में आती है। मगर, नाइट्राइट बिल्कुल शून्य होना चाहिए। 0.001 प्रतिशत भी नहीं होना चाहिए। लैब की रिपोर्ट में नाइट्राइट तो पाया ही गया है, नाइट्रेट भी मानक से ज्यादा 120 से 130 तक है। रिपोर्ट को लेकर अफसर गंभीर हो गए हैं।
बारिश में भयावह हुई स्थिति
यह माना गया है कि बरसात के दौरान सीवरभराव और गंदे पानी का जलजमाव और नाले का पानी इलाकों में बहने से भूगर्भ जल भी दूषित हो चुका है। जलकल सचिव केपी आनंद ने बताया कि लैब की जांच में नाइट्राइट की मात्रा पाई गई जो शून्य होनी चाहिए। भूगर्भ जल पीने योग्य नहीं रहा है। इसमें क्लोरीन डालकर या उबालकर ही पिया जा सकता है।
आज की जाएगी हैंडपाइप का पानी न पीने की अनाउंसमेंट
जलकल सचिव के मुताबिक बुधवार यानि कि आज तीनों इलाकों के लोगों को सबमर्सिबल या हैंडपाइप का पानी पीने से साफ मना किया जाएगा। मोहल्लों में पानी के टैंकर से पीने का पानी भिजवाया जा रहा है। आगे भी इसे भेजा जाएगा।
डायरिया प्रभावित क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग के कार्य
- कुल स्वास्थ्य कैंप: 6
- सर्वे टीमों की संख्या: 65
- सर्वे किए गए घरों की संख्या: 12538
- बांटे गए ORS की संख्या: 13325
- बांटी गई क्लोरीन गोलियां: 12710