लिंक्डइन पर किया गया बॉम्बे शेविंग कंपनी के CEO शांतनु देशपांडे का पोस्ट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया और इसे लेकर यूजर्स जमकर अपना गुस्सा निकाल रहे हैं। एक यूजर ने लिखा कि अपनी सलाह अपने पास रखें, जिंदगी काम से बढ़कर है।
दरअसल, CEO शांतनु देशपांडे ने फ्रेशर्स को दिन में 18 घंटे काम करने की सलाह दी थी। लिंक्डइन पर मंगलवार सुबह शेयर किए गए पोस्ट में उन्होंने लिखा कि यदि आप 22 साल के हैं और कंपनी में नई नौकरी है, तो अपने आप को इसमें झोंक दें।
शांतनु ने आगे सलाह देते हुए लिखा कि अच्छा खाओ और फिट रहो, लेकिन कम से कम 4-5 साल तक दिन में 18 घंटे काम करना जारी रखो। उन्होंने अपने पोस्ट में यह दावा भी किया कि फ्रेशर के लिए यह बेहद मददगार साबित होगा और चीजें धीरे-धीरे सही होती जाएंगी।
शांतनु देशपांडे ने अपने पोस्ट में आगे लिखा, फ्रेशर्स को कम से कम 18 घंटे काम करके अपना समर्पण दिखाना चाहिए। अपने काम की पूजा करो और रोना-धोना मत करो।
पोस्ट पर यूजर्स ने निकाला गुस्सा
इस पोस्ट को करने के बाद देशपांडे सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर आ गए। एक यूजर ने लिखा कि अपनी सलाह अपने पास रखें, डियर फ्रेशर्स – इस जोकर की बात मत सुनो, जिंदगी काम से बढ़कर है।
यूजर्स ने CEO को दे दी सलाह
एक अन्य यूजर ने उनके पोस्ट पर रिप्लाई देते हुए लिखा, ‘सभी शुरुआती स्टार्टअप, रोना-धोना न करें बल्कि ग्राहकों को मुफ्त में प्रोडक्ट दें। प्रॉफिट के बारे में मत सोचें। उसने लिखा पहले ऐसा करें और फिर फ्रेशर्स से इस तरह की उम्मीद करें।
क्या कहता है नया लेबर कोड
केंद्र सरकार नए लेबर कोड को लागू करने पर काम कर रही है। यदि ऐसा होता है तो कर्मचारियों को रोजाना 12 घंटे तक काम करना पड़ सकता है। हालांकि, कर्मचारियों को सप्ताह में 48 घंटे ही काम करना होगा, यानी अगर वो 1 दिन में 12 घंटे काम करते हैं तो उन्हें सप्ताह में केवल चार दिन काम करना होगा। 44 सेंट्रल लेबर एक्ट को मिलाकर ये 4 नए लेबर कोड तैयार किए गए हैं। कई कंपनियां इसकी तैयारी कर रही हैं।
इन 4 लेबर कोड में
1.सोशल सिक्योरिटी कोड
इस कोड के तहत ESIC और EPFO की सुविधाओं को बढ़ाया गया है। इस कोड के लागू होने के बाद असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले वर्कर्स, गिग्स वर्कर्स, प्लेटफॉर्म वर्कर्स को भी ESIC की सुविधा मिलेगी। इसके अलावा किसी भी कर्मचारी को ग्रेच्युटी पाने के लिए पांच साल का इंतजार नहीं करना होगा।
2.ऑक्यूपेशनल सेफ्टी, हेल्थ ऐंड वर्किंग कंडीशन कोड
इस कोड में लीव पॉलिसी और सेफ एन्वायर्नमेंट तैयार करने की कोशिश की गई है। इस कोड के लागू होने के बाद 240 के बजाय 180 दिन काम के बाद ही लेबर छुट्टी पाने की हकदार बन जाएगी। इसके अलावा किसी कर्मचारी को वर्कप्लेस पर चोट लगने पर कम से कम 50% मुआवजा मिलेगा।
इसमें 1 सप्ताह में अधिकतम 48 घंटे काम का भी प्रावधान शामिल है। यानी 12 घंटे की शिफ्ट वालों को सप्ताह में 4 दिन काम करने की छूट होगी। इसी तरह 10 घंटे की शिफ्ट वालों को 5 दिन और 8 घंटे की शिफ्ट वालों को सप्ताह में 6 दिन काम करना होगा।
3.इंडस्ट्रियल रिलेशंस कोड
इस कोड में कंपनियों को काफी छूट दी गई है। नया कोड लागू होने के बाद 300 से कम कर्मचारियों वाली कंपनियां सरकार की मंजूरी के बिना छंटनी कर सकेंगी। 2019 में इस कोड में कर्मचारियों की सीमा 100 रखी गई थी, जिसे 2020 में बढ़ाकर 300 किया गया है।
4.वेज कोड
इस कोड में पूरे देश के मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी देने का प्रावधान किया गया है। इसके तहत सरकार पूरे देश के लिए कम से कम मजदूरी तय करेगी। सरकार का अनुमान है कि इस कोड के लागू होने के बाद देश के 50 करोड़ कामगारों को समय पर और निश्चित मजदूरी मिलेगी। इसको 2019 में ही पास कर दिया गया था।