उप्र शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी और पंचम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि की गिरफ्तारी वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सीधे सुनवाई करने से शुक्रवार को इनकार कर दिया। CJI ने कहा, ”आप आर्टिकल-32 के तहत किसी को गिरफ्तार करने के लिए कह रहे हैं। मान लीजिए अगर हम अनुमति देते हैं तो ट्रायल का क्या होगा। इसलिए सुप्रीम कोर्ट ऐसी मांग सीधे नहीं सुन सकता। आपके पास पुलिस में शिकायत करने से लेकर कई और कानूनी विकल्प हैं, वे अपनाने चाहिए।” सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्पणी के बाद याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका वापस ले ली है।
गिरफ्तारी संग किताब पर बैन लगाने की हुई थी मांग
दरअसल, वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी ने पिछले साल ‘मोहम्मद’ पर एक किताब लिखी थी। उन्होंने इसका विमोचन गाजियाबाद स्थित डासना देवी मंदिर के पीठाधीश्वर और महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि के हाथों से कराया था। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में वसीम रिजवी और यति नरसिंहानंद की गिरफ्तारी के साथ ही इस किताब पर बैन लगाने की मांग भी की गई थी। ये याचिका भारतीय मुस्लिम शिया इस्ना आशारी जमात की तरफ से दाखिल की गई थी। चीफ जस्टिस यूयू ललित के नेतृत्व वाली खंडपीठ में इस पर शुक्रवार को सुनवाई हुई थी।
क्यों विवादित है ये किताब?
6 दिसंबर 2021 को वसीम रिजवी ने गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर में आकर धर्मांतरण करते हुए सनातन धर्म ग्रहण किया था। पंचम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि ने उन्हें नया नाम जितेंद्र नारायण त्यागी दिया था। इसके बाद वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी ने मोहम्मद पर एक पुस्तक लिखी।
वसीम रिजवी का दावा है कि उनकी पुस्तक पूरी तरह से तथ्यों पर आधारित है। इसे लिखने के लिए तीन सौ पचास से ज्यादा किताबों और मुस्लिम ग्रंथों का सहारा लिया गया है। बकौल रिजवी, इस्लाम दुनिया में क्यों आया और इतना आतंकवादी विचार क्यों रखता है, इसी को ये किताब उजागर करती है। ये किताब धर्मांतरण को रोकेगी और कट्टरपंथी विचारधारा के लोगों को समझाएगी।
पुस्तक विमोचन के बाद से ही मुस्लिम धर्मगुरु इसका विरोध करते हुए बैन लगाने की मांग कर रहे हैं। पुस्तक के विवादित होने के बाद वसीम रिजवी खुद सुप्रीम कोर्ट गए और याचिका दायर करके कहा था कि कुराना की छबीस आयतें आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली हैं। शीर्ष कोर्ट ने इसे मानने से मना कर दिया और रिजवी पर 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया था।