ब्रिटेन की नई प्रधानमंत्री होंगी लिज ट्रस:शाम 5 बजे होगा ऐलान, भारतीय मूल के ऋषि सुनक बहुत पीछे

ब्रिटेन को आज नया प्रधानमंत्री मिल जाएगा। 46 साल की लिज ट्रस का प्रधानमंत्री बनना तय है। इसका ऐलान भारतीय समयानुसार शाम को 5 बजे होगा। दक्षिणपंथी प्रत्याशी लिज अक्टूबर में बोरिस जॉनसन की जगह लेंगी। लिज को ब्रिटेन की सियासत में फायरब्रांड नेता के तौर पर जाना जाता है। दो महीने चले इलेक्शन कैम्पेन में उनकी एप्रोच कभी डिफेंसिव नहीं रही।

7 जुलाई को बोरिस जॉनसन ने पार्टी नेता के पद से इस्तीफा दिया था। उसके बाद कंजरवेटिव पार्टी में उनका मुकाबला भारतीय मूल के ऋषि सुनक से था। पार्टी के करीब 1.60 लाख सदस्य वोटिंग कर चुके हैं। एक सर्वे के मुताबिक, पार्टी के हर 10 में से 6 मेंबर्स लिज के साथ हैं।

ये जीत खास क्यों
कंजर्वेटिव पार्टी के सांसदों की वोटिंग के पांचों राउंड में सुनक ने लिज ट्रस को मात दी थी, लेकिन अंतिम फैसला तो इस पार्टी के करीब 1 लाख 60 हजार रजिस्टर्ड मेंबर्स करते हैं। इसमें लिज ने बाजी मार ली। बोरिस जॉनसन भी सुनक के फेवर में नहीं थे।

हार बिल्कुल पसंद नहीं
लिज जब 7 साल की थीं, तब उन्होंने स्कूल के नाटक में पूर्व प्रधानमंत्री, अपनी आदर्श और आयरन लेडी मार्गरेट थैचर का रोल प्ले किया था। लिज के भाई ने एक इंटरव्यू में कहा था- उन्हें बचपन से ही हार से सख्त नफरत है। मुझे याद है कि बचपन में जब हम खेलते थे तो वो कहीं हार न जाएं, इसलिए खेल के बीच से ही भाग जाती थीं। हालांकि, उम्र के साथ उन्होंने अपनी कमियों को दूर किया।

नाम के ऐलान के साथ ही नए PM का भाषण होगा

  • भारतीय समयानुसार शाम को 5 बजे सर ग्राहम ब्रैडी विजेता की घोषणा करेंगे। ब्रैडी बैकबेंच टोरी सांसदों की 1922 समिति के अध्यक्ष और चुनाव के रिटर्निंग ऑफिसर हैं।
  • सुनक और ट्रस को पब्लिक अनाउंसमेंट के 10 मिनट पहले यह पता चल जाएगा कि उन दोनों में से कौन अगला प्रधानमंत्री होगा।
  • प्रोग्राम के मुताबिक, नया प्रधानमंत्री रिजल्ट घोषित होने के फौरन बाद डाउनिंग स्ट्रीट के पास एक छोटा भाषण देगा। ये सिर्फ एक परंपरा है।

मंगलवार यानी 6 सितंबर को नए PM की शपथ

  • 6 सितंबर को बोरिस जॉनसन PM हाउस 10 डाउनिंग स्ट्रीट से प्रधानमंत्री के तौर पर अपना आखिरी भाषण देंगे। इसके बाद इस्तीफा महारानी को सौंपने के लिए स्कॉटलैंड के एबरडीनशायर रवाना होंगे। फिलहाल, क्वीन एलिजाबेथ यहीं हैं।
  • 6 सितंबर को ही एलिजाबेथ नए प्रधानमंत्री को औपचारिक रूप से नियुक्त करेंगी। यानी नया पीएम शपथ लेगा। शपथ ग्रहण समारोह स्कॉटलैंड के बाल्मोरल कासल में होगा।
  • आधिकारिक नियुक्ति होते ही नए प्रधानमंत्री वापस लंदन आएंगे। यहां 10 डाउनिंग स्ट्रीट से नए प्रधानमंत्री का पहला भाषण होगा।
  • लंदन के समय के मुताबिक शाम करीब 4 बजे भाषण देने के बाद प्रधानमंत्री अपनी नई कैबिनेट की नियुक्ति करेंगे।
  • नई कैबिनेट की पहली बैठक बुधवार (7 सितंबर) को होगी। इसके बाद प्रधानमंत्री पहली बार सदन (हाउस ऑफ कॉमन्स) पहुंचेंगे।

अब सवाल ये उठता है कि आखिर शुरुआत में आगे चलने वाले तगड़े दावेदार सुनक क्यों हारे?

ब्रिटिश मीडिया इसकी कई वजहें बता रहा है। इनमें से दो अहम हैं। पहली- पत्नी अक्षता के पास ब्रिटेन की नागरिकता न होना है। दूसरी- कंजर्वेटिव पार्टी के ज्यादातर ब्रिटिश मेंबर्स अपने ही देश के नागरिक को प्रधानमंत्री बनाना चाहते थे।

जॉनसन का तख्तापलट

  • कंजर्वेटिव पार्टी के ज्यादातर सांसद सुनक के फेवर में थे। बोरिस जॉनसन के इस्तीफे के बाद सुनक ने सबसे पहले प्रधानमंत्री पद का दावा ठोका। ‘रेडी फॉर ऋषि’ कैम्पेन से बढ़त बनाई। साजिद जाविद, नदीम जवाहिरी और आखिर में मॉरडेंट रेस से बाहर हुईं। ट्रस रेस में सबसे आखिर में शामिल हुईं और वक्त के साथ सबसे आगे निकल गईं।
  • ‘द गार्डियन’ के एडिटोरियल के मुताबिक, ट्रेड मिनिस्टर के तौर पर इस्तीफा देने के बाद सुनक की रेटिंग काफी हाई थी, लेकिन कुछ कंजर्वेटिव सांसद और पार्टी मेंबर्स मान रहे थे कि सुनक की वजह से ही जॉनसन को इस्तीफा देना पड़ा। उन्हें पीठ में छुरा घोंपने वाला तक कहा गया।
  • इसी एडिटोरियल में कहा गया- सुनक ही वो शख्स थे, जिन्होंने बोरिस जॉनसन का एक तरह से तख्तापलट किया। वो भी तब जबकि जॉनसन ने ही सुनक के पॉलिटिकल कॅरियर को आगे बढ़ाया था। इससे लोगों में नाराजगी थी।

लोकप्रियता क्यों कम होती गई

  • द संडे टाइम्स’ के मुताबिक, कैम्पेन के शुरुआती दौर में एक वीडियो सामने आया। आरोप लगा कि सुनक ने शहरी इलाकों के लोगों से कैम्पेन के लिए आर्थिक मदद ली। कहा गया कि पत्नी अक्षता तो ब्रिटिश क्वीन एलिजाबेथ से भी अमीर हैं। उनके पास 430 लाख पाउंड के एसेट्स हैं।
  • पिछले महीने विपक्षी लेबर पार्टी ने एक बयान में कहा- सुनक और पत्नी को बिजनेस और लोन्स के बारे में ज्यादा ट्रांसपेरेंट होना चाहिए। ‘द गार्डियन’ ने लिखा- सुनक बताएं कि क्या उनके पास 730 लाख पाउंड के एसेट्स हैं। अगर ये सही है तो वो ब्रिटेन के सबसे अमीर सांसद हैं। अक्षता के इन्फोसिस जैसी कंपनी में 690 लाख पाउंड के 0.93% शेयर हैं।
  • ‘द इंडिपेंडेंट’ ने लिखा- अक्षता सिर्फ इतना बताएं कि उन्होंने अब तक ब्रिटिश सिटिजनशिप क्यों नहीं ली? वो यहां से बिजनेस तो ऑपरेट करती हैं, लेकिन नॉन डोमिसाइल स्टेटस का नाजायज फायदा उठाकर टैक्स भरने से बच जाती हैं। इससे ब्रिटेन को 20 लाख पाउंड का हर साल नुकसान होता है।
  • कुछ खबरों के मुताबिक, सुनक जब अमेरिका से ब्रिटेन लौटे तो उन्होंने वहां का ग्रीन कार्ड सरेंडर नहीं किया। 2006 से 2009 तक वो अमेरिका में काम करते रहे। कैलिफोर्निया में अब भी उनका 5 लाख पाउंड का आलीशान पेंटहाउस है।

पार्टी के लिए मुसीबत बने

  • ‘द गार्डियन’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटेन के लोग दोहरी नागरिकता रख सकते हैं, लेकिन सुनक जैसे बड़े नेता के लिए इसे अच्छा नहीं माना गया। कंजर्वेटिव पार्टी भी दोहरी नागरिकता के मुद्दे पर अपने नेता का बचाव नहीं कर सकी।
  • कंजर्वेटिव पार्टी के सांसदों की एक रिपोर्ट में कहा गया था- सुनक की पत्नी के टैक्स से जुड़े मामलों का बचाव मुश्किल है। कुछ लोगों को लगता है कि वो बहुत लंबे वक्त तक ब्रिटेन में नहीं रहना चाहते।
  • आरोपों से खुद सुनक तनाव में थे। पिछले दिनों उन्होंने माना था कि चांसलर बनने के 18 महीने बाद तक उनके पास अमेरिकी ग्रीन कार्ड था। हालांकि उनका दावा था कि अक्टूबर 2021 में उन्होंने यह स्टेटस लौटा दिया।
  • ‘द मिरर’ के एडिटोरियल में लिखा गया- ऋषि उलझे हुए शख्स हैं। उन्होंने गरीबों पर तो टैक्स का बोझ डाल दिया, लेकिन पत्नी अक्षता को अब तक टैक्स के दायरे में नहीं ला सके। यह दोहरे मापदंड और ‘नो-टैक्स स्कैंडल’ है। 40 साल में पहली बार इतनी महंगाई है।

2019 में भी इस तरह का चुनाव हुआ था
2019 में लीडरशिप के लिए इस तरह का चुनाव हुआ था। तब 10 उम्मीदवार मैदान में थे। पहले चरण की वोटिंग के बाद बोरिस जॉनसन और पूर्व स्वास्थ्य सचिव जेरेमी हंट दो उम्मीदवार बचे। दूसरे चरण में जब पार्टी के सदस्यों ने वोट डाले तब जॉनसन को दो तिहाई वोट मिले थे।