साल 2011 की बात है। भारत स्लो इंटरनेट स्पीड से जूझ रहा था। ऊपर से डेटा इतना महंगा था कि केवल 1GB 2G डेटा के लिए महीने में करीब 100 रुपए खर्च पड़ते थे। यानी इंटरनेट का इस्तेमाल करना हर किसी के लिए संभव नहीं था। यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म पर वीडियो आज की तुलना में काफी कम लोग देखा करते थे। उस समय रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन मुकेश अंबानी की बेटी ईशा अंबानी अमेरिका की येल यूनिवर्सिटी से पढ़ाई कर रही थीं।
छुट्टियों में वो अपने घर आई थीं। उन्हें अपना कोर्स वर्क सब्मिट करना था, लेकिन स्लो इंटरनेट स्पीड के कारण इसमें परेशानी आ रही थी। उन्होंने अपने पिता से कहा, ‘डैड, द इंटरनेट इन अवर हाउस सक्स।’ ईशा के जुड़वां भाई आकाश ने भी पिता से कहा, पहले लोगों के लिए टेलीकॉम मतलब सिर्फ वॉयस कॉलिंग होता था, लेकिन अब सब कुछ डिजिटल हो गया है। यहीं से जियो के आइडिया ने जन्म लिया और 5 साल बाद सितंबर 2016 में जियो लॉन्च हो गया।
आज 5 सिंतबर 2022 को जियो को लॉन्च हुए 6 साल हो गए हैं। इन 6 सालों में जियो भारत में सबसे बड़ा गेम चेंजर बन चुका है। भारत में सबसे पहले अफोर्डेबल कीमतों पर फ्री वॉयस कॉलिंग और दुनिया में सबसे कम कीमत पर हाई क्वालिटी डेटा जियो ने ही उपलब्ध कराया है। यहीं से भारत के टेलीकॉम सेक्टर की तस्वीर बदली है। लॉन्च के सिर्फ 170 दिन के भीतर ही जियो के 100 मिलियन से ज्यादा ग्राहक हो गए थे। वो अभी देश का नंबर वन नेटवर्क है।
जियो के लोगो में छिपा मतलब
जियो का पूरा नाम है ‘जॉइंट इम्प्लीमेंटेशन ऑपर्चुनिटीज’ और कंपनी का पूरा नाम है रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड। रिलायंस जियो का स्लोगन है ‘डिजिटल लाइफ’ और इसकी पॉपुलर टैगलाइन है ‘जियो जी भरके।” ईशा ने जर्मन डिजाइनर के साथ मिलकर जियो का लोगो डिजाइन करवाया है। जियो के लोगो में एक छिपा मतलब भी है। जब Jio को फ्लिप करते हैं तो ये Oil हो जाता है, जिस पर रिलायंस कंपनी आधारित है।
जियो की स्ट्रैटेजी ने दिलाई सफलता
जियो के लॉन्च के दौरान टेलीकॉम मार्केट में एयरटेल का दबदबा था। वोडाफोन, आइडिया और BSNL समेत 8 कंपनियां थी जो अब सिमटकर 4 बची हैं। यूजर्स को 1 मिनट कॉल के लिए औसतन 58 पैसे चुकाने पड़ते थे। डेटा का इस्तेमाल भी काफी महंगा था। जियो ने इसी परेशानी को समझा और मार्केट कैप्चर करने के लिए शुरुआत में सभी को फ्री में सिम दी गई। इसमें 4GB डेटा रोजाना तीन महीने तक के लिए फ्री दिया गया। फ्री अनलिमिटेड कॉलिंग और 100 मैसेज रोजाना की सुविधा भी दी।
2017 में जब देश में पर्याप्त 4G हैंडसेट नहीं थे, जियो ने 4G वाला फीचर फोन लॉन्च कर दिया था। यूजर बेस बनने के बाद बेहद सस्ते पैक लॉन्च किए। इस स्ट्रैटेजी ने दूसरे टेलीकॉम ऑपरेटर्स को भी अपना बिजनेस मॉडल बदलने पर मजबूर कर दिया। BSNL के पास 4G नेटवर्क न होने की वजह से वो रेस से बाहर हो गया। वोडाफोन-आइडिया मर्ज होने के बाद भी कोई करिश्मा नहीं कर सके। इनके यूजर्स में लगातार कमी देखी जा रही है।
41.3 करोड़ ग्राहकों के साथ नंबर वन ऑपरेटर
जियो के मुकाबले में फिलहाल एयरटेल ही खड़ा है। 36.3 करोड़ यूजर्स के साथ एयरटेल देश की दूसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी बनी हुई है। जियो भारत में 41 करोड़ 30 लाख मोबाइल व करीब 70 लाख जियो फाइबर ग्राहकों के साथ 36% बाजार के हिस्से पर काबिज है। रेवेन्यू के मामले में इसका हिस्सा 40.3% है। मुकेश अंबानी ने दीवाली तक 5G लॉन्च की घोषणा की है। 5G लॉन्च के बाद डाटा खपत में खासा उछाल देखने को मिल सकता है।
100 गुना बढ़ी डाटा खपत
6 सालों में टेलीकॉम इंडस्ट्री ने औसतन प्रतिव्यक्ति प्रतिमाह डाटा की खपत में 100 गुना से भी अधिक की बढ़ोतरी हुई है। ट्राई के मुताबिक, जियो के लॉन्च से पहले हर भारतीय ग्राहक एक महीने में मात्र 154 MB डाटा इस्तेमाल किया करता था। अब डाटा खपत का आंकड़ा 100 गुना बढ़कर 15.8 GB प्रतिमाह प्रतिग्राहक के पार पहुंच गया है। उधर जियो यूजर्स हर महीने करीब 20 GB डाटा इस्तेमाल करते हैं जो इससे ज्यादा है।