लखनऊ के हजरतगंज के लेवाना होटल का एक और फर्जीवाड़ा सामने आया है। मालिक का नाम LDA यानी लखनऊ विकास प्राधिकरण और नगर निगम की सूची में अलग-अलग है। होटल का नक्शा पास नहीं है। इसके बाद भी इसका संचालन हो रहा है। एक RTI के जवाब में इसका खुलासा हुआ है।
RTI में मालिक का नाम सुनील कुमार साई
सुभाष चन्द्र विश्वकर्मा नाम के व्यक्ति ने होटल के नक्शे को लेकर LDA में RTI लगाई थी। वहां से 13 जुलाई को जवाब दिया गया कि होटल का नक्शा पास नहीं है। नक्शे को निरस्त कर दिया गया है। बड़ी बात यह है कि इसके साथ LDA ने एक कागज लगाया है। इसमें मालिक का नाम सुनील कुमार साई है। यह नक्शा साल 2002 में निरस्त हुआ है। यानी पिछले 20 साल से इसका ऐसे ही संचालन हो रहा है।
RR डेवलपर्स के नाम से जमा होता है हाउस टैक्स
नगर निगम में हाउस टैक्स RR डेवलपर्स के नाम से जमा होता है। इसमें पिता या पति वाले नाम वाले विकल्प में राहुल और रोहित अग्रवाल का नाम है। नियमानुसार रजिस्ट्री जिस व्यक्ति के नाम होता है, हाउस टैक्स भी उसके ही नाम बनता है। उसके अलावा नक्शा भी उसके ही नाम से पास होता है। नगर निगम की सूची में 7 लाख 19 हजार 289 रुपए का हाउस टैक्स जमा भी हो रहा है। दैनिक भास्कर के पास LDA और नगर निगम दोनों के कागज मौजूद हैं।
रजिस्ट्री का कागज जमा होने के बाद हाउस टैक्स बनता है
नगर निगम जोन एक के जोनल अधिकारी राजेश सिंह का कहना है कि नगर निगम की सूची में RR डेवलपर्स के नाम से हाउस टैक्स बनता है। हाउस टैक्स जनरेट करते समय रजिस्ट्री की कॉपी देनी पड़ती है। उसके नाम के आधार पर ही हाउस टैक्स बनता है।
LDA की तरफ से होता खेल
LDA से जुड़े सूत्रों का कहना है कि मानचित्र में दिया गया नाम कई बार जानबूझ कर गलत दिया जाता है। इससे अगर कभी सवाल उठे तो बता दिया जाए कि यह गलती से गया है। उसको सही कराने और फाइल दबाने के नाम पर लाखों, करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार होता है। स्थिति यह है कि लखनऊ जिला प्रशासन में बड़े पद पर रहने और LDA के वीसी रह चुके एक सीनियर अधिकारी का ठिकाना हमेशा लेवाना होटल रहा है। ऐसे ही लोगों के शह पर शहर में अवैध निर्माण का धंधा चल रहा है।
कहीं से भी फायर की गाड़ी नहीं जा सकती
लेवाना होटल में कहीं से भी फायर की गाड़ी नहीं पहुंच सकती है। होटल तीन तरफ से पूरी तरह से पैक है। केवल सामने से गाड़ी पहुंचने का रास्ता है। जबकि मानक के हिसाब से होटल के चारों तरफ इतनी जमीन होनी चाहिए कि मौके पर कभी भी फायर की गाड़ी पहुंच जाए। अधिकारी एक बार फिर उस तरह की घटना का इंतजार कर रहे हैं। बड़ी बात यह है कि इस मामले में LDA और फायर दोनों ही विभाग की तरफ से कभी कोई कार्रवाई नहीं की गई।
जांच कराने की बात कही
LDA वीसी इन्द्रमणि त्रिपाठी का कहना है कि इस मामले में जांच कराई जाएगी। नगर निगम से कागज मांग कर चेक किया जाएगा। आखिर यह कैसे हुआ। मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
जानकारी के बाद भी सील नहीं किया गया
LDA अधिकारियों को इस बात की जानकारी है कि होटल का नक्शा पास है। यहां 40 से ज्यादा कमरों का संचालन हो रहा है। उसके अलावा सबसे आखिरी फ्लोर में रेस्ट्रां भी चलता है। बावजूद उसके LDA की तरफ से इसको सील नहीं किया गया है। शहर में छोटे निर्माण पर उगाही के लिए बिल्डिंग को सील करने वाले जेई और एक्सईएन की टीम का यहां न पहुंचना सवाल खड़ा करता है।