चंडीगढ़ पुलिस ने इंस्टेंट लोन Apps के जरिए ठगी करने के मामले में एक चीनी व्यक्ति समेत गैंग के 20 अन्य सदस्यों को पकड़ा है। चंडीगढ़ पुलिस के साइबर सैल पुलिस थाना ने यह गैंग पकड़़ा है। चीनी व्यक्ति वीज़ा अवधि पूरी होने के बावजूद भारत में टिका हुआ था। वही इस गैंग का सरगना बताया गया है। पुलिस के मुताबिक वह गैंग के साथ मिल लोन का लालच देकर ठगी करता था।
उसके गैंग में 60 के लगभग सदस्य थे। चंडीगढ़ पुलिस ने 5 राज्यों में इंटर स्टेट ऑपरेशन चला चाइनीज़ के अलावा 20 गैंग सदस्यों को काबू किया है। आरोपियों से पुलिस ने 17.31 लाख रुपए समेत 9 लैपटॉप, 41 मोबाइल फोन, 1 डेस्कटॉप कंप्यूटर और वॉन चेंग का एक्सपायरी पासपोर्ट बरामद किया है।
परवेज़ आलम भारत में गैंग को ऑपरेट करता था
साइबर थाना पुलिस ने मामले में एक टीम बनाई और दिल्ली, नेशनल कैपिटल रीज़न(NCR), राजस्थान, बिहार और झारखंड में रेड की। यहां से 21 लोगों को पकड़ा गया है। इनमें से 13 सदस्य कॉलर थे जो दिल्ली और NCR से पकड़े गए हैं। वहीं दिल्ली, NCR समेत बिहार तथा झारखंड से 5 मैनेजर्स/टीम लीडर्स, दिल्ली और NCR से वान चेंग और अंशुल कुमार को काबू किया गया है। यह पैसे को मैनेज करते थे। पुलिस ने परवेज़ आलम उर्फ जीतू भडाना उर्फ सोनू को भडाना को रांची से पकड़ा है। वह गिरोह का भारत में सरगना बताया गया है। वह ऑनलाइन लोन एप्लिकेशन के डोमेंस को मैनेज करता था। इनमें Hugo Loan, Cashfree, Fly Cash, Cash Coin, AA Loan शामिल थे।
पुलिस ने गैंग से धोखाधड़ी कर कमाए गए 17.31 लाख रुपए बरामद किए हैं। विभिन्न ऑनलाइन एप्लिकेशन के जरिए यह रकम ठगी गई थी। यह रकम वान चेंग और अंशुल कुमार से बरामद हुई है। वान चेंग का वीजा वर्ष 2020 में एक्सपायर हो चुका था। वह भारत में गैरकानूनी ढंग से रह रहा था।
इस प्रकार फंस रहे हैं लोग
पुलिस ने कहा कि आजकल कई लोन एप्लिकेशन गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध हैं। अल्पावधि के आसानी से उपलब्ध होने वाले छोटी रकम के लोन App उपलब्ध हैं। इन Apps को व्यक्ति इंस्टाॅलेशन के दौरान कांटेक्ट्स और गैलरी और अन्य Apps देखने की परमिशन देता है। इसके बाद हाई चार्ज पर उसे छोटी लोन रकम UPI पेमेंट से क्रेडिट होती है। जिसके बाद लोन रकम भरने के बावजूद लोगों को धमकी देकर रकम देने को कहा जाता है और गैलरी से फोटोज़ हासिल कर उनकी मोर्फ्ड न्यूड फोटो कांटेक्ट्स को शेयर करने के नाम पर ब्लैकमेल किया जाता है। यह गैंग भी इसी तरह काम करता था।
चाइनीज़ सर्वर से जुड़ी हैं Apps
पुलिस को पता चला है कि इस प्रकार की गैरकानूनी लोन Apps चाइना में बनती हैं और चाइना के सर्वर से यह ऑपरेट होती हैं। इसके बाद भारत में नौकरी की चाह रखने वाले बेरोजगारों को एक तय सैलरी पर कॉल सेंटर के लिए रखते हैं। इसके बाद इन्हें बताया जाता है कि किस प्रकार लोगों को ऑनलाइन लोन App के जरिए ब्लैकमेल करना है। इसके बाद लोन लेने वालों को बार-बार कॉल कर रकम भरने के लिए धमकाया जाता है। कई मासूम लोग ऐसी ठगी के शिकार हो जाते हैं। पुलिस ने कहा कि कुछ राज्यों में तो पीड़ितों ने ब्लैकमेलिंग से तंग आकर सुसाइड तक कर लिया है।
इन केसों में कार्रवाई करते हुए पकड़ा गैंग
3 सितंबर, 2022 को फिरौती, धोखाधड़ी, जालसाज़ी, महिला की आबरु भंगित करने और आपराधिक साजिश रचने की धाराओं में एक केस दर्ज किया था। अरविंद कुमार मामले में शिकायतकर्ता थे। उनके मोबाइल पर लोन के लिए एक लिंक आया था। Hugo Loan नामक App पर क्लिक कर उसे इंस्टाॅल कर लिया। इसने उनके कांटेक्ट्स और गैलरी का एक्सेस ले लिया। इस App में उन्होंने अपनी डिटेल्स भी भर दी। हालांकि उनकी योग्यता सिर्फ 3500 रुपए तक के लोन की प्रदर्शित हुई। उन्होंने लोन नहीं लिया और App को अनइंस्टाॅल कर दिया।
इसके बाद उन्हें WhatsApp पर वर्चुअल नंबरों से धमकी भरे कॉल और SMS आए। उसने कहा कि उसने कोई लोन नहीं लिया इसके बावजूद उसके परिवार वालों के मोर्फ्ड न्यूड फोटो शेयर किए गए। उन्हें पैसे देने के लिए ब्लैकमेल किया गया। एक अन्य मोबाइल नंबर से उन्हें कॉल आया और कहा गया कि पैसे न दिए तो फोटो उनके कांटेक्ट्स को सर्कुलेट कर देंगे। ऐसे में शिकायतकर्ता ने 2045 रुपए 24 अगस्त और 3500 रुपए 30 अगस्त को भेज दिए। हालांकि इसके बावजूद उन्हें ब्लैकमेल कर पैसे की डिमांड की जा रही थी।
लोन चुकाने के बाद भी धमकाते रहे
दूसरा मामला साइबर क्राइम पुलिस थाने ने 30 अगस्त को दर्ज किया। इसमें भी फिरौती, धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश की धाराएं थी। शिकायतकर्ता विनीत कुमार ने कहा कि उन्होंने अपने Facebook पर एक विज्ञापन देखा था जिसमें AA लोन App का जिक्र था। इसे उन्होंने इंस्टाॅल कर लिया। उन्हें सिर्फ 2700 रुपए का लोन मिला जो 3 से 5 दिनों का था। UPI पेमेंट के जरिए भारी चार्ज भर 5 हजार रुपए भर उन्होंने लोन चुकाया। 23 अगस्त को उन्हें फिर से एक मोबाइल नंबर से कॉल आई और बताया गया कि उनकी लोन रकम पेंडिंग है। रकम जमा करवाने के बावजूद उन पर इसे भरने का दबाव डाला गया। मना करने पर शिकायतकर्ता और उनके परिवार की मोर्फ्ड न्यूड तस्वीरें उनके WhatsApp कांटेक्ट्स को भेजी जाने लगी।