बेटे के इलाज के लिए पिता ने फैलाए हाथ:बोला- CM साहब मदद कीजिए, अपनी किडनी दे चुका, 16 दिन से जिंदगी-मौत से लड़ रहा

हरियाणा के करनाल जिले में एक पिता अपने बेटे को आंखों के सामने तिल-तिल मरता देखने को मजबूर है। उसके पास इसके अलावा कोई चारा भी नहीं है। बेबस पिता बेटे को बचाने के लिए हर किसी के आगे हाथ पसार रहा है। मदद मिले तो बीमार बेटे का इलाज संभव हो सकेगा, नहीं तो आंखों के सामने बेटे की मौत निश्चित है।

गंभीर किडनी रोग से ग्रसित रोहित

हम बात कर रहे हैं नीलोखेड़ी के गांव अंजनथली निवासी ईंट-भट्ठे पर काम करने वाले श्रमिक नरेश कुमार की। मजदूर नरेश कुमार का बेटा रोहित गंभीर किडनी रोग से ग्रसित है। रोहित का इलाज दिल्ली के अपोलो अस्पताल में चल रहा है, चूंकि प्रदेश के सरकारी अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों में रोहित का इलाज संभव नहीं। इन अस्पतालों में उच्च स्तरीय इलाज की व्यवस्था नहीं है। इसलिए नरेश को रोहित को दिल्ली ले जाना पड़ा, लेकिन वहां पर डॉक्टरों द्वारा लिखी जाने वाली महंगी दवाओं की व्यवस्था कर पाना मजदूर नरेश के बस की बात नहीं। इसलिए नरेश कुमार ने शासन-प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है।

बीमार रोहित भी लगा रहा मुख्यमंत्री से गुहार

सोशल मीडिया पर एक वायरल वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें 17 वर्षीय रोहित अस्पताल में वेंटिलेटर पर लेटे हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मदद करने की गुहार लगा रहा है। लड़का बोल रहा है कि मुख्यमंत्री जी मुझे बचा लो, बचा लो मुझे मैं मर जाऊंगा। बच्चे की इतनी दर्दनाक अपील सुनकर हर किसी का दिल पसीज जाए।

पिता 7 साल पहले दे चुका बेटे को किडनी

नरेश ने बताया कि उसका बेटा रोहित पढ़ने में बहुत होशियार है। उसके 12वीं कक्षा में बहुत अच्छे अंक आए हैं। 7 साल पहले भी उसके बेटे को किडनी की समस्या आई थी। तब उसने बेटे को बचाने के लिए अपनी किडनी उसे दी थी। उस समय नीलोखेड़ी के विधायक भगवानदास कबीरपंथी के सहयोग से अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट करवाया था, लेकिन अब 7 साल बाद फिर उसके बेटे की किडनी ने काम करना बंद कर दिया।

पिछले 16 दिन से लड़ रहा जिंदगी की जंग

नरेश ने बताया कि 16 दिन पहले रोहित की तबियत खराब हो गई थी। इलाज के लिए उसे कुरूक्षेत्र के आरोग्य अस्पताल में ले गए, जहां आयुष्मान कार्ड से इलाज हो सके, लेकिन हालत खराब होने पर उन्होंने उसके बेटे को दिल्ली अपोलो अस्पताल रेफर कर दिया गया। यहां सरकारी सुविधाओं का लाभ न मिलने के कारण सभी खर्चे जेब से उठाना मुश्किल हो रहा है। पिछले 16 दिन से उसका बेटा जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहा है।