स्कूल में शिक्षक नहीं, ग्रामीणों ने लगाया जाम:यमुनानगर गढ़ी बीरबल रोड बंद किया; प्रदर्शनकारी बोले- 1 टीचर के भरोसे 158 विद्यार्थी

सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी छात्रों के भविष्य पर भारी पड़ रही है। नतीजतन छात्रों और उनके अभिभावकों में सरकार के खिलाफ रोष है। आलम यह है कि छात्रों को अपनी मांगें मनवाने के लिए स्कूलों के गेट पर प्रदर्शन करना पड़ रहा है।

गुरुवार को गांव चौगामा में विद्यार्थियों व अभिभावकों ने स्कूल के गेट पर ताला जड़ कर करनाल-यमुनानगर वाया गढ़ी बीरबल रोड जाम कर दिया, क्योंकि शिक्षकों के तबादले के बाद गांव के सरकारी स्कूल में एक शिक्षक व एक मुखिया रह गया है।

पिछले दिनों शिक्षको के ऑनलाइन तबादले हो गए थे। जिसके बाद कई स्कूलों में पढ़ाई की सिस्टम बिगड़ गया, हालांकि विभाग जल्द ही शिक्षक भेजने की बात कर रहा है, लेकिन अभिभावकों को बच्चों का भविष्य चौपट होता दिख रहा है।

गांव चौगामा के राजकीय उच्च विद्यालय की बात करें तो यहां 5 प्राध्यापकों के तबादले के बाद हालात बिगड़े। एक दिन पहले गांव के लोगों ने शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन भी दिया था और अब ग्रामीण बच्चों को लेकर रोड पर बैठ गए हैं।

158 बच्चों पर एक शिक्षक

ग्रामीणों ने कहा कि कभी इस स्कूल के बच्चे जिले में गांव का नाम रोशन करते थे, लेकिन सरकार जानबूझ सरकारी स्कूलों को बंद करना चाहती है। उसी का परिणाम है कि एक माह पहले इस स्कूल में 158 बच्चों पर 5 शिक्षक थे, लेकिन आज 1 शिक्षक के भरोसे स्कूल चल रहा है।

मौके पर पहुंचा पुलिस बल

ग्रामीणों द्वारा करनाल-यमुनानगर वाया गढ़ी बीरबल रोड जाम करने की सूचना मिलते ही पुलिस बल मौके पर पहुंचा। ग्रामीणों को जाम हटाने के लिए भी प्रशासन द्वारा अपील की जा रही है। वहीं ग्रामीण मांगों को लेकर अड़े हुए हैं। ग्रामीणों ने कहा कि वह सुबह से स्कूल के बाहर धरने पर बैठे हैं, लेकिन प्रशासन व विभाग की तरफ से अब तक कोई उन्हें आश्वासन देने तक नहीं पहुंचा।