ट्रेन में चढ़ने-उतरने के दौरान हादसे और सुसाइड जैसी घटनाएं रोकने के लिए देश की पहली रीजनल रैपिड रेल संचालन में नया प्रयोग होने जा रहा है। वो ये है कि मेरठ से दिल्ली के बीच सभी स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर्स (PSD) लगेगी। जिस तरह दरवाजा बंद होने पर ही मेट्रो चलती है, ठीक उसी प्रकार PSD के दो लेयर होंगे। एक लेयर से रैपिड रेल का गेट बंद होगा और दूसरी लेयर ट्रेन व प्लेटफॉर्म के बीच वाले फासला बंद होगा।
गुलधर स्टेशन पर PSD लगाने का काम शुरू
गाजियाबाद जिले के गुधलर रैपिड रेल स्टेशन पर प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर्स लगाने का काम शुरू कर दिया गया है। स्क्रीन डोर्स के पार्ट्स ऑटोमेटिक स्लाइडिंग डोर, फिक्स्ड डोर पैनल, प्लेटफॉर्म इंड गेट, आपातकालीन इस्केप डोर, और फिक्सड स्क्रीन को लगाया जा रहा है। इस पूरे सिस्टम को रीजनल रैपिड रेल के दरवाजों और उसके सिग्नल सिस्टम से कनेक्ट किया जाएगा। इसके बाद रैपिड रेल के दरवाजे और प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर्स के दरवाजे एकसाथ खुलेंगे और एकसाथ ही बंद होंगे। जब तक दोनों दरवाजे बंद नहीं होंगे, तब तक ट्रेन नहीं चलेगी।
ट्रेन और ट्रैक के बीच सिक्योरिटी मजबूत करेगी ये तकनीक
प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर्स ट्रेन और ट्रैक के बीच में यात्रियों की सुरक्षा के लिए ढाल के रूप में कार्य करेंगे। इससे ट्रेन से उतरने-चढ़ने के दौरान होने वाले हादसे, खुदकुशी, यात्रियों के पटरियों पर गिरने जैसी घटनाओं को काबू किया जा सकेगा। रीजनल रैपिड रेल संचालन के लिए NCRTC यूरोपियन कंट्रोल सिस्टम (ईटीसीएस) की हाइब्रिड लेवल-3 तकनीक को लागू करने जा रहा है जो दुनिया के सबसे उन्नत सिग्नल एवं ट्रेन कंट्रोल सिस्टम में से एक है। दुनिया में ऐसा पहली बार होगा कि लॉन्ग टर्म इवोल्यूशन (एलटीई) रेडियो पर आधारित सिग्नलिंगग सिस्टम में नवीनतम डिजिटल इंटर लॉकिंग और स्वचालित ट्रेन ऑपरेशन (एटीओ) होगा। इससे ट्रेन सेवा की हाईफ्रीक्वेंसी, बेहतर हेडवे और अधिक क्षमता संभव हो पाएगी।
एलस्टॉम कंपनी को मिला है जिम्मा
NCRTC के प्रवक्ता पुनीत वत्स ने बताया, प्रायोरिटी सेक्शन (साहिबाबाद से दुहाई डिपो) के बाकी स्टेशनों के लिए भी प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर्स लगाने की प्रक्रिया प्रारम्भ हो चुकी है। जैसे-जैसे इन स्टेशनों में रूफ शेड लगाने का कार्य पूरा होता जाएगा, प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर्स लगाने का कार्य भी गति पकड़ लेगा। RRTS कॉरिडोर पर प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर्स लगाने का कार्य मेसर्स एलस्टॉम द्वारा किया जा रहा है।
एक प्लेटफॉर्म पर 17 स्क्रीन डोर्स लगेंगी
प्राथमिक तौर पर चलाई जाने वाली रीजनल रैपिड रेल 6 कोच की होगी। इसमें 5 स्टैंडर्ड और एक प्रीमियम क्लास कोच होगा। प्रत्येक स्टैंडर्ड क्लास कोच में एक तरफ 3 और प्रीमियम क्लास कोच में 2 दरवाजे होंगे। इस हिसाब से पूरी ट्रेन में कुल 17 दरवाजे होंगे। इसी आधार पर प्रत्येक स्टेशन के प्रत्येक प्लेटफॉर्म पर फिलहाल 17 प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर्स (PSD) लगाने का प्लान है। यात्रियों की सुरक्षा और आराम सुनिश्चित करने के लिए महिलाओं के लिए अलग कोच, स्टेशन और ट्रेन में सीसीटीवी द्वारा मॉनिटरिंग, ट्रेन में व्हील चेयर जैसी सुविधाएं हैं।