UP Monsoon Session: अख‍िलेश को कानून-व्‍यवस्‍था के सवाल पर जवाब म‍िला- अपराधी कितना भी बड़ा हो, सरकार का संरक्षण नहीं

नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी के पूर्व पदाधिकारी पर हुई कार्रवाई का मुद्दा विधानसभा में उठाते हुए सरकार को सहृदयता की सलाह भी दी। अपने कार्यकाल का उदाहरण देते हुए बोले- मुझे तो गाजियाबाद के एक व्यक्ति ने बम से उड़ाने की धमकी दी थी। मैंने उससे बुलाकर नाराजगी की वजह पूछी और उसकी समस्या का समाधान कराया, जबकि वर्तमान सरकार में पुलिस ने काला झंडा दिखाने वाले नौजवान को जेल भेज दिया।

जीरो टालरेंस यह है कि अपराधी को नहीं किया जाएगा माफ- संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना

  • अखिलेश ने कहा कि नेता सदन यानी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी बड़ा दिल दिखाना चाहिए। अखिलेश यादव ने यह मुद्दा उस वक्त उठाया, जब कानून व्यवस्था को लेकर सपा सदस्य महेंद्र नाथ यादव, माता प्रसाद पांडेय, राघवेंद्र कुमार सिंह, सैय्यदा खातून, जियाउर्रहमान और अतुल प्रधान के साझा प्रश्न पर और सरकार के उत्तर पर अनुपूरक प्रश्न लेकर चर्चा कराई जा रही थी।
  • माता प्रसाद पांडेय ने सरकार के उत्तर पर तंज कसा कि सरकार का जवाब देखकर लग रहा है कि पुलिस के पास बहुत काम है। घर गिरना वगैरह। क्या विवेचना के लिए अलग से विंग बनाएंगे? इस पर संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने जवाब दिया कि विवेचना पर विचार किया जाना चाहिए।
  • वैसे पुलिस में सुधार का ही परिणाम है कि अपराध का ग्राफ गिरा है। विवेचना उसी का अंग है। विवेचना समय से हुई, इसीलिए सजा ज्यादा दी जा सकी। आज पिछली सरकार की तुलना में जमीन-आसमान का अंतर है।
  • इस पर अतुल प्रधान ने पुलिस हिरासत में मौतों का सवाल उठाया तो खन्ना ने कहा कि सदस्य यह सोचें कि सरकार अपराधियों के साथ खड़ी है या पीड़ितों के साथ। हर घटना में कार्रवाई की गई है।
  • मुख्यमंत्री की ओर से आश्वस्त करता हूं कि हर अपराधी पर सख्त कार्रवाई होगी। अपराधी कितना भी बड़ा हो, सरकार का संरक्षण नहीं मिलेगा। जब अखिलेश यादव ने जीरो टालरेंस की नीति पर तंज कसा तो खन्ना ने स्पष्ट किया- हमने यह नहीं कहा कि अपराध जीरो कर देंगे। जीरो टालरेंस यह है कि अपराधी को माफ नहीं किया जाएगा।

मध्यप्रदेश की तरह यूपी में नहीं मिलेगी आयु में छूट

  • सपा विधायक सचिन यादव ने सरकार से प्रश्न पूछा कि प्रदेश में पिछले दो वर्षों से कोरोना की वजह से पुलिस भर्ती न होने के कारण अभ्यर्थियों की भर्ती की उम्र सीमा में बदलाव करने पर सरकार विचार करेगी?
  • अनुपूरक प्रश्न जोड़ा कि अभी मध्यप्रदेश सरकार ने नौकरियों के लिए आयु में तीन वर्ष की छूट दी है।
  • क्या यहां ऐसा करेगी सरकार? इस पर सरकार की ओर से जवाब दिया गया कि कोविड काल में कोई व्यवधान नहीं हुआ।
  • रोजगार लगातार दिए जाते रहे। 2017 से अब तक 6 लाख 99 हजार 800 से अधिक को नौकरी दी जा चुकी है। आयु सीमा में छूट की अभी कोई योजना नहीं है।

कोरोना से एक वर्ष लंबित हुई हर घर नल से जल योजना

  • सपा के सदस्य अभय सिंह ने स्वच्छ पेयजल मिशन का विषय उठाया। पूछा कि आम जन के घरों तक पानी सप्लाई पूरी करने की कोई समय सीमा निर्धारित है क्या?
  • इसी में विधायक ओमप्रकाश सिंह ने भी अनुपूरक प्रश्न जोड़ा- अब तक कितने गांव संतृप्त हैं, क्या 2024 तक हर घर जल पहुंचाने की शपथ जलशक्ति मंत्री सदन में लेंगे?
  • इस पर जलशक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह ने कहा कि 2024 तक हर घर को नल से जल देने की योजना है। अब तक 45 लाख घरों तक पानी पहुंचाया जा चुका है।
  • साथ ही स्वीकार किया कि कोरोना महामारी और चुनाव की वजह से योजना में एक वर्ष का विलंब हुआ है, लेकिन 2024 तक आपके घर पानी पहुंचा देंगे।

बंजर भूमि ठीक कर देंगे तो उद्योगों को जमीन कहां से देंगे

  • विधायक विनोद चतुर्वेदी मुद्दा उठाया कि बुंदेलखंड में नदियां अधिक होने के बाद भी जमीन बहुत बंजर है।
  • क्या सरकार की बंजर भूमि को कृषि योग्य बनाए जाने की कोई योजना है? इस पर सरकार की ओर से संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 1.3 प्रतिशत भूमि बंजर है।
  • आम और आंवला बंजर भूमि पर ही उगाया जाता है। यदि सरकार बंजर भूमि को ठीक करा देगी उद्योगों को जमीन कहां से देंगे।

स्कूलों के लिए नियुक्त नहीं होते सफाई कर्मी

सपा सदस्य प्रसन्न कुमार और मनोज कुमार पारस का साझा प्रश्न बेसिक शिक्षा को लेकर था। उन्होंने प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों, सफाई कर्मचारियों के स्वीकृत पद और रिक्त पदों पर जवाब मांगा।

इस पर बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने छात्र-शिक्षक अनुपात की जानकारी देते हुए कहा कि हमारे पास एक लाख 47 हजार 767 शिक्षा मित्र मिलाकर शिक्षकों की संख्या छह लाख 28 हजार 915 है। वहीं, सफाई कर्मियों की नियुक्ति पर बताया कि स्कूलों में सफाई कर्मी की अलग से कोई नियुक्ति नहीं की जाती। जो कर्मी गांव के लिए तैनात होता है, वही स्कूल में सफाई करता है।

शिक्षा मित्रों को शिक्षक के रूप में नियुक्ति के प्रश्न पर मंत्री ने कहा कि नियुक्ति के लिए मानकों के पालन का न्यायालय का आदेश है। मानक पूरा करने वाले शिक्षा मित्रों को शिक्षक के रूप में नियुक्ति दी भी गई है।