ABG शिपयार्ड के चेयरमैन गिरफ्तार:ऋषि अग्रवाल पर 22,842 करोड़ के फ्रॉड का आरोप, CBI ने डेढ़ साल की जांच के बाद दर्ज की थी FIR

सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन CBI ने बुधवार (21 सितंबर) को ABG शिपयार्ड लिमिटेड के फाउंडर-चेयरमैन ऋषि कमलेश अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया है। CBI ने ऋषि को 22,842 करोड़ रुपए से ज्यादा की कथित बैंक धोखाधड़ी के मामले में अरेस्ट किया है।

CBI ने इंडियन पीनल कोड (IPC) और प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और आधिकारिक पद के दुरुपयोग के कथित अपराधों के लिए कंपनी के पूर्व चेयरमैन अग्रवाल और अन्य पर मामला दर्ज किया था।

बैंकों का 22,842 करोड़ रुपए बकाया
कंपनी को ICICI बैंक के नेतृत्व में 28 बैंकों और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूट्स से क्रेडिट फैसिलिटी मिली थी। शिपिंग कंपनी पर ICICI बैंक का 7,089 करोड़ रुपए, SBI का 2,925 करोड़ रुपए, IDBI बैंक का 3,634 करोड़ रुपए, बैंक ऑफ बड़ौदा का 1,614 करोड़ रुपए, पंजाब नेशनल बैंक का 1,244 करोड़ रुपए, एक्जिम बैंक का 1,327 करोड़ रुपए, इंडियन ओवरसीज बैंक का 1,228 रुपए और बैंक ऑफ इंडिया का 719 करोड़ रुपए बकाया है। इसके अलावा कुछ अन्य बैंकों का भी बकाया है।

फ्रॉड को कैसे अंजाम दिया गया?

  • ABG शिपयार्ड कंपनी को 28 बैंकों के कन्सोर्टियम ने 2001 से लोन देना शुरू किया। इसके बाद 2013 से कंपनी घाटे में जाने लगी। इसने लोन चुकाना बंद कर दिया। नवंबर 2013 में इस लोन एकाउंट को NPA, यानी नॉन परफॉर्मिंग एसेट घोषित कर दिया गया।
  • NPA एकाउंट उसे कहा जाता है जब बैंक की कमाई बंद हो जाती है। यानी बैंक को मूलधन और ब्याज नहीं मिलता।
  • 2014 तक कंपनी को उबारने की कई कोशिशें की गईं। SBI का कहना है कि इस दौरान ABG शिपयार्ड को उबारने और बेचने की काफी कोशिश हुई, लेकिन शिपिंग सेक्टर बहुत बुरे हालात से गुजर रहा था, इसलिए यह कोशिश भी कंपनी को उबारने में मददगार नहीं हो सकी।
  • इसके बाद 2016 में फिर से इसे नवंबर 2013 से ही लोन को NPA माना गया।
  • इसके बाद अप्रैल 2018 में लोन देने वाले बैंकों ने अर्नस्ट एंड यंग यानी EY को इसकी फॉरेंसिक ऑडिट की जिम्मेदारी सौंपी। EY दुनिया की चार सबसे बड़ी ऑडिट कंपनियों में से एक है।
  • EY ने ABG शिपयार्ड लिमिटेड की ओर से अप्रैल 2012 और जुलाई 2017 के बीच किए ट्रांजैक्शन की फॉरेंसिक ऑडिट की थी। इसके बाद बैंक देने वाले बैंकों के कन्सोर्टियम को यह रिपोर्ट 2019 में सौंपी गई।
  • इसमें पाया गया कि ABG शिपयार्ड ने लोन के पैसों से फ्रॉड किया है। कंपनी और इससे जुड़े लोगों ने मिलीभगत कर लोन में मिले पैसे का दूसरी जगह इस्तेमाल किया। यानी कर्ज किसी दूसरे मकसद से लिया गया और पैसों का उपयोग किसी दूसरे काम में किया गया।
  • इसके बाद बैंकों के कन्सोर्टियम की ओर से SBI ने नवंबर 2019 में ABG शिपयार्ड के खिलाफ CBI में पहली शिकायत दर्ज कराई। इस पर CBI ने 12 मार्च 2020 को कुछ स्पष्टीकरण मांगा था। अगस्त 2020 नई शिकायत दर्ज कराई गई। डेढ़ साल से अधिक समय तक जांच करने के बाद CBI ने 2022 में FIR दर्ज की थी।
  • कौन लोग इस घोटाले में आरोपी बनाए गए हैं?

    • ABG शिपयार्ड लिमिटेड के पूर्व CMD ऋषि कमलेश अग्रवाल और तत्कालीन कार्यकारी निदेशक संथानम मुथुस्वामी और तीन अन्य निदेशकों अश्विनी कुमार सुशील कुमार अग्रवाल और रवि विमल नेवतिया को आरोपी बनाया गया है।
    • CBI की FIR के मुताबिक, फ्रॉड करने वाली दो कंपनियां मुख्य हैं। इनमें ABG शिपयार्ड के अलावा ABG प्राइवेट लिमिटेड शामिल है। ये दोनों कंपनियां एक ही ग्रुप की हैं।

    2019 में लोन अकाउंट को फ्रॉड डिक्लेयर किया गया था
    CBI ऑफिसर्स ने कहा कि पैसों का इस्तेमाल बैंकों द्वारा जारी किए गए उद्देश्यों के अलावा अन्य चीजों के लिए भी किया गया था। जुलाई 2016 में लोन अकाउंट को नॉन परफॉर्मिंग एसेट (NPA) और 2019 में फ्रॉड डिक्लेयर किया गया था।