फसल पंजीकरण के लिए दोबारा खुला पोर्टल:24 सितंबर तक मौका; 1 अक्टूबर से शुरू होगी खरीद; करनाल के 51 हजार किसान करा चुके रजिस्ट्रेशन

हरियाणा सरकार ने धान खरीद की तैयारियां शुरू कर दी हैं। खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के तहत एक अक्टूबर से खरीद होगी। सत्र के दौरान धान, बाजरा, मक्का, मूंग, सूरजमुखी, मूंगफली, तिल, अरहर और उड़द आदि फसलों की खरीद की जाएगी।

वहीं अब तक जिन किसानों ने मेरी फसल मेरा ब्यौरा के तहत पंजीकरण नहीं करवाया है, उनके लिए दोबारा पोर्टल शुरू किया गया है। किसान 24 सितंबर तक पंजीकरण करवा सकते हैं। इससे पहले सरकार द्वारा 31 अगस्त तक पोर्टल को खोला गया था।

2 दिन में त्रुटियां सही करें अधिकारी

CM ने कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि 2 दिन के भीतर ई- गिरदावरी के डाटा के सत्यापन में जो त्रुटियां हैं, उसे कृषि विभाग, हरसैक के डाटा के साथ मिलान कर उस डाटा को सही कराएं। साथ ही अगले 3 दिनों में इस डाटा को ठीक करके उसे पोर्टल पर दर्ज किया जाए।

हेल्प डेस्क पर रहेंगे यह अधिकारी

खरीद के दौरान मंडियों में हेल्प डेस्क पर मार्केटिंग बोर्ड, कृषि व संबंधित विभाग के अधिकारी तैनात होंगे। हेल्प डेस्क पर किसानों की शिकायतों का भी निवारण किया जाएगा।

करनाल के 51129 किसानों ने करवाया पंजीकरण

विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, करनाल जिले में धान की फसल उगाने वाले इस साल करीब 61 हजार किसान हैं, जिनमें से 51129 किसानों ने मेरी फसल मेरा ब्यौरा के तहत 31 अगस्त तक पंजीकरण करवाया था। 9 हजार किसानों को अब पंजीकरण करवाने का अंतिम मौका दिया गया है।

किसानों को देना होगा फसल संबंधी पूरा ब्यौरा

मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण कराने के दौरान किसानों को अपना पूरा ब्यौरा देना होगा। कुल कितनी भूमि हैं, कितनी भूमि पर धान फसल लगाई है। उत्पादन कितना है, आदि। किसान खुद ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं, कॉमन सर्विस सेंटर पर जाकर पंजीकरण करा सकते हैं या फिर मार्केटिंग बोर्ड के माध्यम से भी पंजीकरण करा सकते हैं।

कृषि विभाग के डायरेक्टर आदित्य डबास ने बताया कि 31 जुलाई तक करनाल के जिले के 51129 किसानों ने 423776 एकड धान की फसल का पंजीकरण करवाया था। अब जिले के करीब 9 हजार किसान बचे हैं, जिन्होंने पंजीकरण नहीं करवाया था। उनके लिए सरकार द्वारा 24 सितंबर तक पोर्टल खोला गया है, ताकि किसान रजिस्ट्रेशन कराकर अपनी धान की फसल को MSP के रेट पर बेच सकें।