गर्भ में दिखे बच्चों के एक्सप्रेशंस:मां के खाने के स्वाद पर बच्चा प्रतिक्रिया देता है, खाना कड़वा हो तो रोनी सूरत बनाता है

मां के गर्भ में ही बच्चे को स्वाद का पता चलने लगता है। गर्भावस्था के दौरान मां के खानपान से बच्चे का स्वाद तय होने लगता है। ब्रिटेन में की गई एक स्टडी में पहली बार किसी अजन्मे शिशु के चेहरे के हावभाव पर रिसर्च की गई है। इस स्टडी में 32 से 36 हफ्ते की 100 गर्भवती महिलाओं के गर्भस्थ बच्चों के रिएक्शन में अंतर को रिकॉर्ड किया गया।

अजन्मे बच्चे के लिए गोभी नहीं, गाजर ज्यादा स्वादिष्ट

डरहम यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने 35 महिलाओं को 100 ग्राम कटी हुई गोभी के बराबर के पाउडर कैप्सूल दिए। 35 महिलाओं को गाजर के कैप्सूल दिए गए। वहीं 30 को कुछ भी नहीं दिया गया। स्टडी में गाजर युक्त कैप्सूल का स्वाद लेने वाली मां के गर्भ में पल रहे बच्चे मुस्कुराते नजर आए। वहीं, गोभी वाले कैप्सूल दिए जाने के बाद उन्होंने रोने या चिल्लाने के भाव व्यक्त किए।

20 मिनट बाद अल्ट्रासाउंड में पता चला कि गोभी का स्वाद मिलने के बाद ज्यादातर बच्चों के चेहरे पर तीव्रता आ गई। गाजर का स्वाद लेने वाली मां के गर्भ में बच्चे हंसते हुए दिखे। जिन महिलाओं को कुछ नहीं दिया गया, उनके गर्भस्थ बच्चे में कोई खास पैटर्न दर्ज नहीं हुआ।

गर्भ में बच्चे के एक्सप्रेशंस पर यह पहली स्टडी

गर्भ में पल रहे बच्चे पर मां के खानपान और व्यवहार का असर पड़ता है, लेकिन गर्भ में बच्चे के एक्सप्रेशंस को पहली बार रिकॉर्ड किया गया है। इससे पहले 2001 में एक स्टडी में मां के दूध के माध्यम से जब बच्चे को गाजर के स्वाद के संपर्क में लाया गया, तो शिशु ने दूसरे खाद्य पदार्थों की तुलना में कम प्रतिक्रिया दी थी, लेकिन यह ऑब्जर्वेशन गर्भ के बाहर के शिशु का था।

बता दें कि गर्भधारण की दूसरी तिमाही में माता-पिता बच्चों की हरकतें भ्रूण के अंदर महसूस करते हैं। वैज्ञानिकों का दावा है कि बच्चे गर्भ से बाहर निकलने की तैयारी पहले से ही शुरू कर देते हैं।