घरेलू हाउसिंग सेक्टर पर कोविड महामारी का सीधा असर देखा गया है। SBI की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2018-19 से लेकर 2021-22 के बीच देश में होम लोन की सालाना औसत ग्रोथ 11% रही, लेकिन इन्हीं सालों में टियर-3 और टियर-4 शहरों में होम लोन की सालाना ग्रोथ 12-13% देखी गई। खास बात यह रही कि छोटे शहरों में 86% तक होम लोन महिलाओं ने लिए।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि हाल के सालों में दिल्ली, मुंबई जैसे टियर-1 और भोपाल, इंदौर, चंडीगढ़ जैसे टियर-2 शहरों के मुकाबले टियर-3 और टियर-4 शहरों में लोन का औसत आकार भी ज्यादा रहा है। अलीगढ़, बड़ौदा, मदुरै जैसे शहर टियर-3 कैटेगरी में और बाकी छोटे शहर टियर-4 श्रेणी में आते हैं। SBI के मुताबिक, खास तौर पर कोविड काल में घर से काम करने का चलन बढ़ने की वजह से छोटे शहरों में लोन लेकर ज्यादा मकान खरीदे गए।
घर में ही डिजिटल ऑफिस का रहा ट्रेंड
रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्क फ्रॉम होम के चलते पारिवारिक प्राथमिकताएं बदली हैं। चूंकि लंबे समय तक लोगों को घर से ही काम करना पड़ा, लिहाजा उनमें से कुछ ने घर में ही डिजिटल ऑफिस बना लिया। टियर-3 और टियर-4 शहरों में ये ट्रेंड ज्यादा देखा गया। इसके चलते लोगों को खुद के घर की जरूरत महसूस हुई।
घरों के दाम भी ज्यादा बढ़े
बीते चार सालों के दौरान टियर-3,4 शहरों में घरों की मांग, दाम में भी बड़े-मझोले शहरों के मुकाबले ज्यादा बढ़ोतरी हुई। रायपुर, सूरत, जयपुर और लखनऊ जैसे शहरों में मकानों के दाम दिल्ली, मुंबई, चंडीगढ़ और इंदौर जैसे शहरों के मुकाबले ज्यादा तेजी से बढ़े।
टॉप पर रहीं महिलाएं
टियर-4 शहरों में करीब आधे होम लोन महिलाओं ने लिए। कुछ शहरों में तीन चौथाई से ज्यादा लोन महिलाओं ने उठाए। गुजरात के डांग में 86% और बिहार के अरवल में 75% नए होम लोन महिलाओं ने लिए। महिलाओं के लिए होम लोन पर 0.10% सब्सिडी मिलती है।
36% लोन छोटे शहरों में बंटे
- 2018-19 से 21-22 के बीच नए होम लोन में 36% हिस्सेदारी टियर-3,4 शहरों की रही।
- 2018-19 में बंटे होम लोन में छोटे शहरों का हिस्सा 32% था।
- उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और पंजाब छोटे शहरों में होम लोन ग्रोथ के मामले में टॉप राज्य रहे।