काेई भी हंसता क्याें है? इस सवाल पर अब तक कई रिसर्च हो चुकी हैं, लेकिन हाल ही में हंसी की वजहों पर 150 से ज्यादा रिसर्च पेपर्स की स्टडी के आधार पर नया दावा किया गया है। इसके अनुसार हंसना एक टूल हो सकता है। पिछले 10 सालों में हंसने के विज्ञान पर स्टडी करने वाले वैज्ञानिक कार्लाे वैलेरियो बेलिएनी ने कहा कि हंसी एक ऐसा टूल है, जो प्रकृति ने हमें जीवित रहने में मदद करने के लिए दिया है।
शोधकर्ताओं ने हंसी की भौतिक विशेषताएं बताई हैं। इसके अनुसार हंसी से मन प्रसन्न होता है। सेहत में भी लाभ मिलता है। वैज्ञानिकों ने उन स्थितियों की मुख्य विशेषताओं का विश्लेषण किया जिसमें मनुष्य हंसता है। इसमें सामने आया कि हंसी की प्रक्रिया को घबराहट, संकल्प और एक संभावित संकेत के चरणों में समझा जा सकता है।
लाखों साल पहले जब मानव जीवन के अस्तित्व पर संकट आया, तो जीवित रहने में मदद के रूप हंसी को प्राकृतिक रूप से चुना गया। दरअसल, हंसने के लिए कोई घटना हानिरहित होनी चाहिए। यानी ऐसी चीज, जो अजीब लगती है और असंगति की भावना पैदा करती है, वह हमें हंसाती है।
हंसी संक्रामक होती है, खतरा न होने का भरोसा बढ़ाती है
हंसी हमें यह भरोसा दिलाती है कि कोई खतरा नहीं है। हंसी अच्छी तरह से एक संकेत हो सकती है, जिसे लोगों ने हजारों साल से दूसरों को दिखाने के लिए इस्तेमाल किया है कि खतरा टल चुका है। इसलिए हंसी अक्सर संक्रामक होती है।