समंदर में चीन का दखल:दूसरे देशों की समुद्री सीमा में पकड़ रहा मछलियां, सारे जलजीवों पर मंडरा रहा बड़ा खतरा

पिछले दो दशकों में चीन ने लगभग 3,000 जहाजों के साथ दुनिया का सबसे बड़ा गहरे समुद्र में मछली पकड़ने का बेड़ा बनाया है। चीनी मछुआरे आधुनिक सुविधाओं से लैस जहाज से किसी भी समुद्र में मछली पकड़ते हैं। इसका असर भारत से लगे हिंद महासागर से लेकर दक्षिण प्रशांत, अफ्रीका और अमेरिका तक है। इससे शार्क जैसी मछलियों के साथ ही अन्य जलजीवों के अस्तित्व पर खतरा है।

गैलापागोस के मछुआरा समूह के प्रमुख अल्बर्टो एंड्रेड ने कहा, ‘इतने सारे चीनी जहाजों की उपस्थिति ने इक्वाडोर के मछुआरों के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। हमें डर है कि भविष्य में मछलियां बचेंगी नहीं। जहाजों से मछलियां पकड़ने से उनका विनाश हो रहा है।’

इन समुद्रों में चीनी मछली पकड़ने के जहाज तैनात

पेरू, अर्जेंटीना के समुद्री सीमा में भी चीन के मछुआरों की घुसपैठ है। 2020 में सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला था कि इक्वाडोर के गैलापागोस आईलैंड इलाके में चीन के 300 जहाज मछली पकड़ने में लगे थे। सीमा से 370 किमी दूर तक समुद्र में चीनी जहाज तैनात हैं।

गैलापागोस के पास मछली पकड़ने का लगभग 99% हिस्सा अकेले चीन का, कोई दूसरा देश उसके आसपास भी नहीं पहुंचता है। मछली पकड़ने के लिए खास तौर पर हाई फेंग 718 जहाज का उपयोग होता है। 1996 में जापान में बना यह शिप पनामा में पंजीकृत है। प्रबंधन चीन की कंपनी करती है।