चिंता में डूबेंगे तो डिप्रेशन-एंग्जाइटी का शिकार बनेंगे:इससे बचने के लिए दिमाग को भटकाएं, मातृभाषा में खुद से कहें- ये बंद करो

बहुत ज्यादा चिंता और ओवरथिंकिंग यानी जरूरत से ज्यादा सोचना आपको बीमार बना रहा है। बहुत बीमार। यह आपको डिप्रेशन और एंग्जाइटी की ओर धकेल रहा है। ऐसे में जरूरी है कि आप अपने दिमाग को दूसरी ओर मोड़ें और मानसिक तौर पर खुद को थोड़ा आराम दें। ऐसा नहीं है कि चिंता और जरूरत से ज्यादा सोचने वाले आप अकेले हैं।

अमेरिका की येल यूनिवर्सिटी में मनोविज्ञान के प्रोफेसर रहे सुसान नोेलेन होएकसेमा कहते हैं कि हर कोई अपनी जिंदगी में कभी न कभी ऐसे दौर से गुजरता है, लेकिन जो इसे संभाल नहीं पाते वे डिप्रेशन या एंग्जाइटी का शिकार हो जाते हैं। चिंता भविष्य के लिए परेशान करती है, जबकि ओवरथिंकिंग पछतावा लाती है।

होएकसेमा कहते हैं हमारा दिमाग संभावित परेशानियों की एक तरह की लिस्ट बना लेता है। किसी परेशानी की जुगाली तमाम लोगों में खाने की विकृति पैदा कर देती है। किसी को बहुत ज्यादा भूख लगती है तो किसी को बिल्कुल भूख नहीं लगती। ऐसी हालत में कई लोग नशा करने लगते हैं।

दिमाग को ओवरथिंकिंग से ऐसे बचाएं

रेयूबेन बर्जर बॉन यूनिवर्सिटी के अस्पताल में साइकोथेरेपिस्ट हैं। वे ऐसी हालत में दिमाग को भटकाने के तरीके बताते हैं। वे कहते हैं- जब भी आप चिंता या बहुत ज्यादा सोचना जैसा महसूस करें, अपनी मातृभाषा में खुद से चिल्लाकर कहिए बंद करो। यह आपको हास्यास्पद लग सकता है, लेकिन जब भी ऐसा हो, करके देखिए। दिमाग परेशान करने वाली बातें सोचना छोड़ देता है।

अपने हाथ में रबर बैंड बांधिए और ऐसा कहते हुए उसे खींचिए। आप अपने आसपास ऐसे चित्र भी लगा सकते हैं। दरअसल, हमारा लक्ष्य दिमाग को स्थिर करना है। वे दूसरा तरीका बताते हैं, खुद से यह कहना कि हमारी सोच सही नहीं है। कई अध्ययनों में यह बात सामने आई है कि जो लोग परेशानियों का समाधान अपने तजुर्बे से ढूंढ़ते हैं, वे डिप्रेशन का शिकार कम होते हैं। इसलिए अपने अनुभवों की सुनिए।

दोस्तों से बात करें, खुद को व्यस्त रखें

फ्लोरिडा स्टेट यूनिवर्सिटी के मनोवैज्ञानिक डॉ. एडवर्ड सेल्बी चिंता या ओवरथिंकिंग से बचने के लिए दिमाग भटकाने के कुछ और तरीके बताते हैं। वे कहते हैं- दिमाग को भटकाकर खुद को खुश रखिए। इसके कई तरीके हैं, जैसे दोस्तों से बात करिए, लेकिन उन्हें अपनी परेशानी मत बताइए। परेशानी बताने से आपका दिमाग वहीं रहेगा।

अलग-अलग विषयों पर फिल्में देखिए जिसे समझने में दिमाग को मेहनत करनी पड़े। जब भी परेशान हों तो नहा लीजिए। मन को सुकून मिलेगा। नए-नए गाने सुनिए। डांस करिए या फिर जिम जाइए। खुद को व्यस्त रखिए फिर चाहे किताब पढ़िए या ध्यान लगाइए।

ब्रेकअप के बाद ओवरथिंकिंग डिप्रेशन का शिकार बनाती है

यह ओवरथिंकिंग यानी बहुत ज्यादा सोचना ही है कि संबंधों में ब्रेकअप के बाद लोग आमतौर पर डिप्रेशन में चले जाते हैं। वे ब्रेकअप के लिए खुद को जिम्मेदार मानते हैं और ये सोचते हैं कि अब कोई उन्हें प्यार नहीं करेगा। ये भी कि उन्होंने सबकुछ खो दिया। उन्हें समय रहते और ध्यान देना चाहिए था। उन्हें अपनी पिछली ज्यादातर बातें अपनी गलती लगने लगती हैं।